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ढल रहा सनी का सूर्य

सनी लियोनी बॉलीवुड में धूमकेतु की तरह आईं और वैसे ही धूमिल हो रहीं
नहीं लुभा पाई सनी लियोनी की यह अदा

सनी लियोनी बॉलीवुड में बेबी डॉल सरीखी आईं। छह साल पहले बिग बॉस के घर से निकल कर जैसे ही उन्होंने फिल्मों में कदम रखा, उनके किराये के फ्लैट के आगे निर्माता मुंहमांगी रकम लेकर खड़े हो गए। लेकिन जितनी तेजी से सनी को फिल्मों में देखने का क्रेज बढ़ा, उतनी ही तेजी से नीचे आ गया। सनी की फिल्में लगातार फ्लॉप हो रही हैं। इन दिनों सनी लियोनी खुद अपने लिए पहेली बन गई हैं। एक तरफ 2011 में जब से उन्हें भारत के लोगों ने जाना वह इंटरनेट की दुनिया में देश में सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली सेलेब्रिटी बनीं।

दूसरी तरफ जिस्म-2 और रागिनी-2 को छोड़ दें तो उनकी लगातार आधा दर्जन फिल्में सुपर फ्लॉप रही हैं। इक्का-दुक्का फिल्में बनते-बनते बीच में रुक गईं। सवाल है कि क्या दर्शकों ने सनी लियोनी को सिर्फ पोर्न स्टार के रूप में स्वीकार किया, एक्टर के रूप में नहीं? जवाब काफी हद तक हां है। उनकी जिन दो फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी मिली, उनमें सनी का किरदार पोर्न स्टार का ही था। जिस्म-2 में वह पोर्न स्टार इज्ना के रोल में थीं, जिसका इस्तेमाल भारतीय खुफिया एजेंसी उसके पूर्व बॉयफ्रेंड से अहम जानकारियां निकालने के लिए करती है। वहीं रागिनी-2 में वह पोर्न स्टार सनी लियोनी ही थीं जिनके साथ एक फिल्म डायरेक्टर भुतही जगह पर इरॉटिक हॉरर फिल्म शूट करता है। स्पष्‍ट है पोर्न स्टार रूप के अलावा जब सनी पर्दे पर आईं तो दर्शकों ने उन्हें नकार दिया।

बॉक्स ऑफिस आंकड़े बताते हैं कि सनी को लेकर फिल्में बनाने वाले ज्यादातर निर्माताओं ने घाटा उठाया। सनी के सर्वाधिक 25 करोड़ के बजट वाली एक पहेली लीला (2015) सहित इन फिल्मों में जैकपॉट (2013), कुछ कुछ लोचा है (2015), मस्तीजादे (2016), वन नाइट स्टैंड (2016), बेईमान लव (2016) और इसी महीने रिलीज हुई तेरा इंतजार शामिल हैं। सनी जिन फिल्मों में आइटम डांस या गेस्ट रोल में दिखीं उनके नतीजे भी खराब रहे। शूटआउट एट वडाला, हेट स्टोरी-2, बलविंदर सिंह फेमस हो गया, फुद्दू, डोंगरी का राजा, रईस, नूर, बादशाहो और भूमि इन फिल्मों में शामिल हैं। सनी के दर्जन भर फिल्मी आइटम नंबरों में रागिनी एमएमएस-2 का ‘बेबी डॉल’, शूटआउट एट वडाला का ‘लैला’ और रईस का ‘लैला मैं लैला’ ही ऐसे आइटम नंबर हैं, जिन्हें दर्शकों ने वाकई पसंद किया। कुल मिलाकर सनी के फिल्मी कॅरिअर से निर्माता-निर्देशकों को यही सबक मिलता है कि हर चमकती चीज सोना नहीं होती। सनी पोर्न स्टार हो सकती हैं, जिन्हें इंटरनेट पर सबसे ज्यादा सर्च किया जाता है, पर वह बॉलीवुड स्टार नहीं हो सकतीं।

क्या यह मान लिया जाए कि सनी एक बुलबुला थीं जो फूट चुका है? इंडस्ट्री के कई जानकार कहते हैं कि हर चीज का एक वक्त होता है और वह उसमें लोकप्रिय होकर खत्म हो जाती है। सनी की स्थिति कमोबेश यही है। वह जिस इमेज के साथ बॉलीवुड में आईं, उससे लोगों ने कभी उन्हें अभिनेत्री के रूप में नहीं देखा। खुद सनी ने जो फिल्में चुनीं उससे भी साफ था कि वह पोर्न स्टार वाली इमेज को भुना रही हैं। सिनेमा में सेंसरशिप होती है और सनी तथा उन्हें पर्दे पर पेश करने वाले एक सीमा से आगे नहीं जा सकते। सनी की विफलता की एक वजह यह भी रही कि उनके साथ कभी कोई बड़ा सितारा काम करने को तैयार नहीं हुआ। इक्का-दुक्का आइटम डांस छोड़ दें तो सनी के हीरो तीसरे दर्जे के वे एक्टर रहे, जिनकी सोलो फिल्में कभी नहीं चलीं। जिन्हें मल्टीस्टारर फिल्मों में भी महत्वपूर्ण जगह नहीं मिलती। थ्रिलर और सेक्स कॉमेडी के अलावा सनी को अन्य फिल्में नहीं मिलीं, ऐसे में स्वाभाविक था कि उनकी प्रतिभा के ज्यादा रंग लोगों के सामने नहीं आ सके।

भारत में बॉक्स ऑफिस पर सनी की कीमत का अंदाजा इसी बात से लगता है कि उनकी एक भी फिल्म 50 करोड़ का आंकड़ा नहीं छू सकी। उनकी सबसे सफल फिल्म रागिनी एमएमएस-2 है जिसका कलेक्शन करीब 47 करोड़ रुपये है। इसके बाद जिस्म-2, 35 करोड़ है। एक पहेली लीला (18.50 करोड़) और मस्तीजादे (17.75 करोड़) वे आखिरी फिल्में हैं जो बड़े निर्माताओं ने सनी के साथ बनाईं और काफी प्रमोशन के बावजूद निराश हुए। जैकपॉट (4.50 करोड़), कुछ कुछ लोचा है (2.50 करोड़), वन नाइट स्टैंड (3.50 करोड़), बेईमान लव (2.25 करोड़) जैसी फिल्मों में तो निर्माता खर्च की गई रकम तक नहीं निकाल पाए। तेरा इंतजार तक स्थिति यह हुई कि हफ्ते भर में कलेक्शन बमुश्किल दो करोड़ पहुंच सका।

बॉलीवुड में नाकामी का कोई साथी नहीं है। एक समय सनी को मुंहमांगी रकम पर साइन करने को तैयार निर्माता आज उनके साथ फिल्म बनाना ही नहीं चाहते। सनी अब तमिल-तेलुगु फिल्मों में अपने लिए भूमिकाएं तलाश रही हैं।

खुद सनी बॉलीवुड में अपनी स्थिति का आकलन कर कह चुकी हैं कि वह अपनी इमेज से अलग भूमिकाएं करना चाहती हैं। आइटम डांस या एक-दो दृश्यों वाली फिल्मों से उन्होंने खुद को दूर कर लिया। सनी फिलहाल किसी बात से तसल्ली कर सकती हैं तो वह यही कि छोटे पर्दे पर 2014 से अभी तक एमटीवी स्पिल्टि‍्विले वह एंकर हैं। वहां उनकी लोकप्रियता और जरूरत बरकरार है। सनी 36 वर्ष की हो चुकी हैं और समझा जा सकता है कि उनके पास खुद को बॉलीवुड में साबित करने का कितना वक्त बचा है।

विवाहित सनी को जीवन में फिल्मों के अलावा पारिवारिक सुख की भी जरूरत महसूस होने लगी है। यही वजह है कि पिछले दिनों उन्होंने पति डेनियल वेबर के साथ मिलकर लातूर (महाराष्ट्र) की एक अनाथ बच्ची को गोद लिया। सनी अपने सिमटते कॅरिअर की आहटें सुन रही हैं, इसलिए खुद को अभिनेत्री के साथ व्यवयासी के रूप में भी जमाने की तैयारियों में लग गई हैं।

अमेरिका में उन्होंने हाल में एक बड़ा घर खरीदा, इसके बाद यह भी अटकलें लगीं कि क्या वह वापस लौटने का इरादा कर रही हैं। मगर यह पूरा सच नहीं है। यह सही है कि सनी की हमेशा भारत में रहने की योजना नहीं है परंतु वह यहां मिली शोहरत को हाथ से निकलने भी नहीं देना चाहतीं। सनी का इरादा 2018 में फिल्म निर्माण में कदम रखने का है।

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क्या आएगी सच्ची कहानी

सनी लियोनी के पोर्न दुनिया में कदम रखने से लेकर बॉलीवुड तक आने की असली कहानी क्या है? बहुत से लोगों की यह जानने में दिलचस्पी है। विश्व प्रसिद्ध निर्देशक दीपा मेहता के भाई दिलीप मेहता ने सनी के जीवन पर डॉक्युमेंट्री मोस्टली सनी बनाई है। सनी इस फिल्म से नाखुश हैं। 2017 में इस डॉक्युमेंट्री के भारत में रिलीज होने की चर्चा थी मगर ऐसा नहीं हुआ। सनी नहीं चाहतीं कि इसे भारतीय फैन्स देखें। सनी के अनुसार दिलीप ने तथ्यों को ज्यों का त्यों रखने के बजाय फिल्म को अपने विचारों से भर दिया है। इसलिए वह उनकी सच्ची कहानी नहीं रह गई है।

नए बिजनेस की ओर

सनी लियोनी भारत में एक ब्रांड हैं। 2016 में उन्होंने अपने हस्ताक्षर वाले दो परफ्यूम लॉन्च किए, लस्ट और फॉरएवर। यह महिलाओं और पुरुषों, दोनों के लिए थे। नवंबर 2017 में उन्होंने फैशन स्टोर्स में दस्तक दी और क्लोदिंग लाइन शुरू की। इसमें सनी की टीम द्वारा उनकी पसंदीदा डिजाइनों में तैयार वस्‍त्र हैं। ब्रांड की टैग लाइन है ‘गुड गर्ल्स बैड बॉएज’। यह कपड़े किशोर लड़के-लड़कियों की पसंद के अनुसार तैयार किए गए हैं। सनी कारोबार को आगे बढ़ाते हुए अगले साल कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स लाने की योजना पर काम कर रही हैं। इस ब्रांड को स्टारस्ट्रक नाम दिया गया है।

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सेक्स और शाहरुख नहीं, अब स्क्रिप्ट बिकती है

नेहा धूपिया ने 2004 में डेब्यू फिल्म जूली में तन दिखाऊ रोल करते हुए बयान दिया था, ‘‘बॉक्स ऑफिस पर सेक्स और शाहरुख बिकते हैं।’’ लेकिन नवंबर 2017 में जब जूली-2 रिलीज हुई तो उसमें राय लक्ष्मी के उत्तेजक दृश्यों के लिए दर्शकों ने टिकट नहीं खरीदे। खुद नेहा ने जूली-2 का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। वह जान चुकी थीं कि सिनेमा बदल गया है। इसी कारण 2013 में उन्होंने अपनी पुरानी बात में सुधार करते हुए कहा था कि सेक्स और शाहरुख के साथ अब स्क्रिप्ट भी बिकती है। परंतु 2017 खत्म होते-होते वक्त का पहिया और दर्शकों की पसंद ऐसी बदली कि अब न शाहरुख बिक रहे हैं, न सेक्स। यह सिर्फ अच्छी स्क्रिप्ट का दौर है। जो दर्शकों की बदली रुचि से आया। फिल्मों से सेक्स, सिक्सर के लिए स्टेडियम से बाहर उड़ा दी गई गेंद-सा दिखने लगा है।

बीते दो-तीन वर्षों में वे फिल्में नकार दी गईं जिनमें दर्शकों को सिर्फ कामुक दृश्यों और उत्तेजक कथानकों से लुभाने की कोशिशें हुईं। केवल चुंबन और बेडरूम दृश्यों से फिल्म चलाने वाले बिपाशा बसु, मल्लिका शेरावत और इमरान हाशमी आज अप्रासंगिक होकर स्टारडम की रेस से बाहर हैं। यौन कुंठाओं वाले सी-ग्रेड सिनेमा को अच्छे कैमरावर्क, सितारों और मधुर संगीत से सजा कर राज, मर्डर और जिस्म जैसी फिल्में बनाने वाले भट्ट कैंप की सेक्स केंद्रित कहानियां (मर्डर-3, खामोशियां, लव गेम्स) इधर ऐसी पिटीं कि उनकी यह सोच ही पटरी से उतर गई। एकता कपूर की क्या कूल हैं हम सीरीज की पिछली दो फिल्में क्या सुपर कूल हैं हम और क्या कूल हैं हम-3 तथा इंद्र कुमार की ग्रेट ग्रैंड मस्ती का बॉक्स ऑफिस पर बुरा हश्र हुआ। यही वजह है कि हेट स्टोरी सीरीज की तीसरी फिल्म हिट होने के बावजूद निर्माता चौथी फिल्म शुरू करने का जोखिम नहीं ले रहे। इस सीरीज की दो फिल्मों के डायरेक्टर विशाल पंड्या की इरॉटिक थ्रिलर वजह तुम हो 2016 में बुरी तरह फ्लॉप रही थी।

पिछले दिनों निर्देशक अनंत महादेवन की अक्सर-2 भी जरीन खान के पारदर्शी, उत्तेजक वस्‍त्रों, चुंबनों और कामुक दृश्यों के बावजूद पिटी। रिलीज के बाद इसे जरीन और निर्माताओं के बीच विवाद से गर्म करने की कोशिश औंधे मुंह गिरी। फिल्मों में अब आइटम डांस भी ठंडे पड़ गए। वर्ना एक दौर में ये हर फिल्म की जरूरत बताए जाते थे। मलाइका अरोड़ा, याना गुप्ता, मुमैथ खान, राखी सावंत से शुरू हुए इन नृत्यों को इतनी लोकप्रियता मिली कि प्रियंका चोपड़ा, कैटरीना कैफ, बिपाशा बसु, करीना कपूर जैसी स्टार अभिनेत्रियों को भी उत्तेजक नृत्य करने में हिचक नहीं हुई।

सवाल है कि आखिर क्या हुआ जो उत्तेजक दृश्यों और सेक्स केंद्रित कहानियों के दिन लदने लगे। मुख्य कारण है समाज की बदलती सोच। इन वर्षों में ‌स्त्रियों के विरुद्ध अपराधों में फिल्मों और आइटम नृत्यों पर लगातार सवाल हुए। स्‍त्रियों के विरुद्ध अपराधों को लेकर सरकार-समाज में सख्ती आई। सेंसर बोर्ड ने स्‍त्री विरोधी, अश्लील, द्विअर्थी, आपत्तिजनक शब्दों, संवादों और दृश्यों पर कड़ाई की। अच्छे कंटेंट वाली, कम बजट फिल्मों को दर्शक मिले। 

इंडस्ट्री में लोगों की बदलती सोच का पता ऐसे भी चलता है कि अपने प्रोडक्शन हाउस की फिल्मों में ‘चिकनी चमेली’ और ‘मेरा नाम मैरी’ जैसे आइटम डांस रखने वाले करन जौहर ने हाल में स्वीकार किया, ‘‘हीरोइनों को वस्तु की तरह पेश करना बंद होना चाहिए। जैसे ही आप एक महिला को डांस करते और उसे चारों तरफ से घेरे सैकड़ों पुरुषों को कामुक अंदाज में घूरते दिखाते हैं, आप समाज में गलत उदाहरण पेश करते हैं। मुझसे गलती हुई और भविष्य में मैं ऐसा नहीं करूंगा।’’ हालांकि सेक्स केंद्रित कथानकों से दर्शकों के दूर होने का एक पक्ष यह भी है कि इंटरनेट अब हर जेब में है। वैसे सेक्स केंद्रित फिल्मों से दर्शकों की दूरी के बावजूद यह सच है कि अगर स्क्रिप्ट अच्छी है और उसमें गंभीर यौन विमर्श है तो दर्शक फिल्म पसंद करते हैं। 2017 में आई अलंकृता श्रीवास्तव की लिपस्टिक अंडर माई बुर्का इसकी मिसाल है।

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