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कलाकारों से रोशन लाल किला

ऐतिहासिक इमारत में शिल्पकार बुनकर हुए सम्मानित
केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्रालय ने ‘आर्टिजन स्पीक’ नाम का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया

भारत की टेक्सटाइल विरासत का उत्सव मनाने और हैंडलूम क्राफ्ट में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए बीते दिनों केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्रालय ने ‘आर्टिजन स्पीक’ नाम का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इस मौके पर  केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री स्मृति ईरानी ने देश के विभिन्न भागों से आए शिल्पकारों को सम्मानित किया। भारतीय हैंडलूम के क्षेत्र में फैशन जगत के छह विख्यात डिजाइनरों-राहुल मिश्रा, राजेश प्रताप सिंह, गौरंग शाह, अनिता डोंगरे, अंजू मोदी और रोहित बल ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।

‘आर्टिजन स्पीक’ कार्यक्रम में टेक्सटाइल मंत्री स्मृति ईरानी ने करघे पर अपना हुनर दिखाने वालों को सम्मानित किया। सावन पैवेलियन में हुए इस कार्यक्रम में सात व्यक्तियों को और एक संस्था को टेक्सटाइल सेक्टर में अपना योगदान देने के लिए विशेष पुरस्कार दिए। इसके अलावा इसी उद्योग में काम करने वाले 13 ऐसे बुनकरों-शिल्पकारों को भी सम्मानित किया, जिनका हैंडलूम उद्योग में बहुत नाम है। इन बुनकरों में छह पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त और सात कबीर पुरस्कार प्राप्त कलाकार थे। राजस्थान के रामकिशोर चिप्पा को बागरू और दाबू ब्लॉक प्रिंटिंग, आंध्र प्रदेश के गंजम अंजैया को इकत और कोटा साड़ियां बुनने में महारत हासिल है, वहीं मणिपुर की लंगपोकलक्पम सबादानी अपने ताने-बाने की विशेषज्ञता के लिए जानी जाती है। जफर महल की पृष्ठभूमि ने इस कार्यक्रम को और भव्य बनाया। 

कार्यक्रम को ऐतिहासिक बताते हुए केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, “टेक्सटाइल और हैंडलूम सेक्टर में अहम योगदान देने वालों को सम्मानित करना, एक बड़ी शुरुआत है। इस कार्यक्रम के जरिए हमारी स्वर्णिम विरासत का उत्सव मनाने के लिए बुनकर, शिल्पकार, टेक्सटाइल संरक्षक और फैशन डिजाइनर एक साथ आए हैं। हमने एक तरफ बुनकरों और शिल्पकारों के प्रयासों को सराहा है, वहीं दूसरी तरफ हमारे पास भारतीय टेक्सटाइल को प्रोत्साहित करने वालों में मधु जैन, सुनील सेठी जैसे नाम भी हैं।” सुनील सेठी को हैंडीक्राफ्ट और टेक्सटाइल को बढ़ावा देने के लिए विशेष पुरस्कार दिया गया, वहीं मधु जैन को इन विधाओं को संरक्षित करने के लिए सम्मानित किया गया।

लाल किले के परिसर में अपनी तरह का यह पहला कार्यक्रम था, जिसमें फैशन शो भी हुआ। जगमगाता सावन पवेलियन इसका गवाह बना। लाल किले का हाल ही में रेनोवेशन किया गया है। सरकार यहां कुछ संग्रहालय भी बनवा रही है जो जल्द पर्यटकों के लिए खोले जाएंगे। टेक्सटाइल सचिव राघवेंद्र सिंह ने कहा, “लाल किले में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए संस्कृति मंत्रालय और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआइ) को मनाना आसान काम नहीं था। बगैर संस्कृति मंत्रालय और एएसआइ के सहयोग के यह कार्यक्रम सफल नहीं होता। संस्कृति मंत्रालय चाहता था कि हम यह कार्यक्रम बगैर साउंड और लाइट के करें। हमने बताया कि यह संभव नहीं होगा, इसलिए उन्होंने हमें जगह की संवेदनशीलता के हिसाब से कार्यक्रम आयोजित करने को कहा। यह टेक्सटाइल मंत्रालय के लिए खुद को बाहर की दुनिया तक पहुंचाने वाला कार्यक्रम था। दिल्ली के बाद हम कोलकाता जा रहे हैं, जहां हम प्रतिष्ठित इमारतों में कार्यक्रम आयोजित करेंगे। हम कार्यक्रम को देश के दक्षिण, उत्तर-पूर्व और पश्चिमी भागों में ले जाएंगे। हम बुनकरों को बड़े उद्यमियों के साथ जोड़ना चाहते हैं, जिससे उनकी आय बढ़ सके।”

कार्यक्रम में शिरकत करने वाले छह डिजाइनरों के मुताबिक, यह साल 2019 की अच्छी शुरुआत है। राहुल मिश्रा कहते हैं, “दिल्ली में इस तरह का यह पहला भव्य फैशन शो है। हम आशा करते हैं कि आगे भी इस तरह के कार्यक्रम होंगे।” डिजाइनर राजेश प्रताप सिंह के कलेक्शन के साथ मॉडल कपड़ों से मैच करने वाले मास्क पहनकर रैंप पर चले। यह दिल्ली के वायु प्रदूषण को लेकर संदेश देने की कोशिश थी। राजेश कहते हैं, “हम दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति से वाकिफ हैं लेकिन मुझे लगता है हमें यह हमेशा याद रखने की जरूरत है।”

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