Advertisement

आइए मिलें मेस्सी और नेमार से

अगर मेस्सी और नेमार में कोई समानता है तो वह जीत को लेकर जबर्दस्त भूख है, क्या जीतने का उनका जुनून रूस में कोई चमत्कार दिखाएगा
ला लीगाः बार्सिलोना के घरेलू मैदान कैंप नोऊ में बार्सिलोना और रियल मैड्रिड के बीच मुकाबले से पहले अपनी टीम को सपोर्ट करने पहुंचे प्रशंसक

मैं बचपन में सपना देखा करता था कि मेरा भी नाम मेरे प्रिय क्लब एफसी बार्सिलोना के घरेलू स्टेडियम कैंप नोऊ की दीवारों पर लिखा जाए। चार साल पहले मेरा वह सपना साकार हो गया। मैंने दो बार टाइम मैगजीन के लिए कवर स्टोरी लिखी, जो स्टेडियम की प्रेस गैलरी में पहुंची। मेरी दोनों कवर स्टोरी बार्सिलोना के स्टार खिलाड़ी मेस्‍सी और नेमार के बारे में थी। दोनों बार लेख मेरे नाम से छपे थे, तो इस तरह मेरा नाम भी वहां की दीवार पर मौजूद था। हालांकि, 10 साल के बच्चे के रूप में जो सपना मैंने देखा यह वैसा तो नहीं था। तब मैंने सपना देखा था कि मेरा भी नाम जोसेफ स्मितियर, लाज्लो कुबाला और जोहान क्रिफ जैसे बड़े दिग्गजों के साथ क्लब के टॉप गोल स्कोरर के नाम की सूची में लिखा होगा। लेकिन मैं इससे भी खुश हूं।

मुझे उन दो लेखों पर गर्व है और शायद बहुत ज्यादा ही। मैंने बतौर पत्रकार ज्यादातर दुनिया भर के राजनैतिक टकरावों और संघर्षों पर लिखा, लेकिन सच्चाई यही है कि मेरा प्रिय असाइनमेंट हमेशा से खेल रहा है। 2012 में मेस्सी का इंटरव्यू मेरी सूची में पहले स्थान पर है, उसके बाद 2013 में नेमार के प्रोफाइल पर मेरा काम। 1999 और 2012 में सचिन तेंदुलकर पर कवर स्टोरी क्रम वार तीसरे और चौथे स्थान पर है।

जब मैं मेस्सी और नेमार से मिला तो दोनों विश्वकप में महान खिलाड़ी बनने से दो और एक साल की दूरी पर थे। इस परीक्षा में दोनों ही अलग-अलग परिस्थितियों में बेहद नाटकीय ढंग से फेल हो गए। नेमार के क्वार्टर फाइनल में चोटिल होने का मतलब था कि जर्मनी से ब्राजील को मिली 7-1 से शर्मानक हार वाले मैच में वह नहीं खेल सके। वहीं, मेस्सी अर्जेंटीना को फाइनल में पहुंचाने में सक्षम थे, लेकिन वह भी फाइनल में संभावित चैंपियन से पार नहीं पा सके।

अब दोनों ही फिर उस अग्निपरीक्षा के द्वार पर खड़े हैं। रूस में टूर्नामेंट के पहले दौर के दौरान मेस्सी 31 साल के हो जाएंगे। ऐसे में उनके लिए इस बहस को खत्म करने का संभवतः आखिरी मौका है कि वह इस खेल के सबसे महान खिलाड़ी हैं या नहीं। 2022 में कतर की गर्मी और धूल भरे माहौल में उनका खेलना मुश्किल है। 26 वर्षीय नेमार कतर के आगे भी सोच सकते हैं, लेकिन वह अधिकांश खिलाड़ियों से बेहतर समझते हैं कि कैसे घुटने की एक चोट या डिफेंडर द्वारा गलत तरीके से निपटना विश्वकप को आंसू वाले टूर्नामेंट में बदल सकता है। इसलिए वह रूस को अपनी सबसे बड़ी जीत का मंच बनाना चाहते हैं।

बतौर खिलाड़ी मेस्सी और नेमार की तुलना मैं पेशेवर खेल विश्लेषकों पर छोड़ता हूं। लेकिन यहां दोनों के व्यक्तित्व पर नजर डालना माकूल हो सकता है। मेस्सी शर्मीले हैं। इतने शर्मीले कि बात करने में भी झिझक होती है। हमारे इंटरव्यू के दौरान उनकी नजरें फर्श या स्नीकर्स पर ही थीं। एकाध बार ही मेरी नजर उनसे मिली। फुटबॉल के बाहर उनका जीवन बेहद निजी है। किशोरावस्था के बाद के दिनों से ही बार्सिलोना का स्टार खिलाड़ी होने के बावजूद आपको शहर में घूमते, खरीदारी, सिनेमा जाते या रेस्तरां में मेस्सी की तस्वीर ढूंढ़ने के लिए जद्दोजेहद करनी पड़ेगी। यहां तक कि शादी से पहले उन्हें कभी भी किसी सुपरमॉडल के साथ न देखा गया, न ही ऐसी कभी कोई रिपोर्ट आई।  वह भले ही पिछले 18 साल से बार्सिलोना में रह रहे हैं, लेकिन लगता है कि उनकी बोली में जन्मस्थान रोजारियो का प्रभाव अब भी है। उनके बहुत कम दोस्त हैं और उनके ज्यादातर साथी अर्जेंटीना के ही हैं। जब मैंने 2012 में उनसे पूछा कि किस खिलाड़ी के साथ वह सबसे अधिक करीब हैं, तो उन्होंने जेवियर मास्चरानो की ओर इंगित किया। उनकी पत्नी और उनके तीन बच्चों की मां एंटोनला रोक्जुजो रोजारियो के उनके बचपन के एक दोस्त की चचेरी बहन हैं।

ऐसा लगता है कि खेल ही मेस्सी का जीवन है। जब मैंने उनसे पूछा कि जब वे खेल नहीं रहे होते या ट्रेनिंग नहीं कर रहे होते हैं तो वह क्या करते हैं? वह बिलकुल दार्शनिक बन गए। उन्होंने कहा, “कुछ भी नहीं”। मैंने जोर देकर पूछा कि वह घर पर कैसे आराम करते हैं। उन्होंने कहा,  “ओह, मैं विजुअल गेम खेलता हूं।” वह कौन-सा वीडियो गेम पसंद करते हैं? पर उन्होंने कहा, “फुटबॉल गेम्स।” उन्होंने कुछ आश्चर्य से यह जवाब दिया कि क्या मुझे ऐसा सवाल भी पूछना चाहिए।

फुटबॉल मेस्सी का जुनून है। लेकिन, बार्सिलोना के बड़े पत्रकार जेवियर बटाला ने मुझे बताया कि मेस्सी हमारी या आपकी तरह खेल के प्रशंसक नहीं हैं। बटाला ने कहा, “लियो फुटबॉल से प्यार नहीं करता है, वह फुटबॉल खेलना पसंद करता है। उसे खेल के इतिहास या इसके सामाजिक संदर्भ या कुछ और में रुचि नहीं है। वह बस खेलना चाहता है।”

दूसरी तरफ, नेमार राष्ट्रीय परिदृश्य पर छाने के बाद से ही बहिर्मुखी हैं। नेमार ने सैंटोस क्लब के लिए खेला है, जिसने दुनिया को पेले जैसा खिलाड़ी दिया। उन्हें संगीतकारों के साथ अक्सर पार्टी करते और हर जहाज में एक नई गर्लफेंड के साथ देखा जा सकता है। 19 साल की उम्र में वह पिता बन चुके थे। जब हम 2013 में मिले तो कुछ हद तक वह परिपक्व हो चुके थे। वह इसका श्रेय काका जैसे नेशनल टीम में अपने धार्मिक साथियों को देते हैं। उन्होंने इंटरव्यू के दौरान साथ बैठे अपने पिता की तरफ पलक झपकाते हुए कहा, “लेकिन मैं अभी भी शरारती हो सकता हूं। मैंने उन्हें काफी परेशान किया है।” (नेमार सीनियर ने सहमति जताते हुए कहा, “यह सच है!”)

मैदान की गतिविधियों से अलग नेमार स्टेडियम में बिलकुल एक पेशेवर खिलाड़ी होते हैं। डेविड बेकहम और क्रिस्टियानो रोनाल्डो के साथ 21वीं सदी के स्पोर्ट्स स्टार की छवि और पब्लिसिटी की चमक-दमक में वे सहज हैं। और वास्तव में, वह इसे भुनाने में खुश हैं। जबकि, उनका एकाग्र मन सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर बनने के लिए समर्पित है।

मेस्सी और उनमें कोई समानता है तो वह जीत को लेकर जबर्दस्त भूख है। बार्सिलोना में उनके टीम के साथी और कोच ने बताया कि अभ्यास मैच हारने के बाद मेस्सी का सिर झुक जाता है और कभी-कभी प्रतिस्पर्धी मैच हारने के बाद वह निराश हो जाता है। सैंटोस में नेमार की टीम के साथियों (हमारे साक्षात्कार के समय वह बार्सिलोना नहीं गए थे) ने इसी तरह की उनकी व्यक्तिगत बातें बताईं। मैं कल्पना करता हूं कि आखिर बार्सिलोना में कौन-सी बात दोनों को बांध कर रखती है। शायद दोनों ने एक-दूसरे में अपना अक्स देखा है।

मैं बार्सिलोना का फैन हूं और मेस्सी और नेमार के साथ अच्छा खासा समय बिताया है। जब दोनों ही मैदान में होते तो वह वक्त खास खुशी का होता था। मैं कल्पना करता हूं कि किसी दिन वे एक-दूसरे के साथ खेलेंगे और एक-दूसरे के लिए जगह बनाएंगे। पिछले साल जब नेमार फ्रांसीसी क्लब से जुड़े तो मुझे बहुत निराशा हुई। ऐसा इसलिए नहीं कि टाइम पत्रिका की एक कवर स्टोरी कैंप नोऊ से हटा दी गई, बल्कि इसलिए कि उस जादू से मेरा निजी संबंध भी खत्म हो गया। इसमें कहने की कोई जरूरत नहीं कि मेरी निष्ठा क्लब के साथ बनी हुई है।

क्या जीतने का उनका एकसमान जुनून रूस में कोई चमत्कार दिखाएगा? यह मुमकिन है कि दोनों इसमें असफल हो जाएं, लेकिन दोनों में प्रतिभा है। दोनों को पता है कि कैसे उसका इस्तेमाल करना है। दोनों ही सबसे महान खिताब जीतने के हकदार भी हैं। जो लोग मेस्सी और नेमार के बीच तुलना करते हैं कि कौन 15 जुलाई को ट्रॉफी जीतेगा, मैं उनसे कतई ईर्ष्या नहीं करता। लेकिन जिनके साथ मैंने सोचा था कि मेरा भी नाम कैंप नोऊ की दीवार पर होगा, अगर दोनों में से कोई भी जीतता है तो यह मेरे लिए एक खास बर्थडे गिफ्ट होगा।

(लेखक बार्सिलोना के प्रशंसक और वरिष्ठ पत्रकार हैं)

Advertisement
Advertisement
Advertisement