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केरल में गहराया संकट, राज्यपाल को हटाने का प्रस्ताव लाने के लिए कांग्रेस का नोटिस

केरल में राज्य सरकार और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के बीच टकराव बढ़ने के आसार लग रहे हैं। कांग्रेस ने...
केरल में गहराया संकट, राज्यपाल को हटाने का प्रस्ताव लाने के लिए कांग्रेस का नोटिस

केरल में राज्य सरकार और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के बीच टकराव बढ़ने के आसार लग रहे हैं। कांग्रेस ने राज्यपाल को हटाने का प्रस्ताव लाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन को शनिवार को एक नोटिस दिया। यह प्रस्ताव राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजा जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष को यह नोटिस विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने दिया। विधानसभा का सत्र बुधवार से शुरू होगा।

राज्यपाल ने सदन की सार्वजनिक रूप से भर्त्सना की हैः चेन्निथला

चेन्निथला ने कहा, “2 फरवरी 1989 को तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष वी. राधाकृष्णन ने व्यवस्था दी थी कि ऐसा किया जा सकता है। हम यह प्रस्ताव इसलिए लाना चाहते हैं क्योंकि राज्यपाल ने सदन की भर्त्सना की है। सदन ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था। राज्यपाल भी सदन का हिस्सा हैं, लेकिन उन्होंने सदन के फैसले की निंदा की। यह सदन का असम्मान है और इसलिए हम उनके खिलाफ प्रस्ताव लाना चाहते हैं।” चेन्निथला के अनुसार विधानसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब राज्यपाल के खिलाफ प्रस्ताव लाया जाएगा।

राज्यपाल अपनी हर बात मीडिया में ही कहते हैं

कांग्रेस नेता ने कहा, “राज्यपाल को अपनी नाराजगी सार्वजनिक रूप से जाहिर करने के बजाय लिखित में स्पीकर को भेजनी चाहिए थी। पूर्व गवर्नर पी. सदाशिवम ने पूरे कार्यकाल में कभी मीडिया से बात नहीं की। लेकिन मौजूदा राज्यपाल अपनी हर बात मीडिया में ही कहते हैं।”

प्रस्ताव का स्वागत है, राष्ट्रपति के पास जाने दीजिएः राज्यपाल

इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्यपाल ने मीडिया से कहा, “मैं इस प्रस्ताव का स्वागत करता हूं। उन्हें राष्ट्रपति के पास जाने दीजिए जिन्होंने मुझे नियुक्त किया है। मैं संविधान के मुताबिक काम करता हूं। सरकार को सलाह और चेतावनी देना मेरा अधिकार है। मैं दूसरों के बारे में नहीं जानता, लेकिन मैंने संविधान को पढ़ा है और उसी के मुताबिक काम करता हूं।”

क्या है मामला

गौरतलब है कि केरल विधानसभा ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव में केंद्र से नागरिकता कानून को वापस लेने का आग्रह किया गया है। राज्यपाल ने यह प्रस्ताव पारित किए जाने को असंवैधानिक बताया था।

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