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बिल्डरों की लापरवाही? ग्रेटर नोएडा में गिरीं दो इमारतें, 7 शव निकाले गए

ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में दो इमारतें गिरने के मामले में कथित तौर पर बिल्डरों की लापरवाही की बात...
बिल्डरों की लापरवाही? ग्रेटर नोएडा में गिरीं दो इमारतें, 7 शव निकाले गए

ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में दो इमारतें गिरने के मामले में कथित तौर पर बिल्डरों की लापरवाही की बात सामने आ रही है। पुलिस ने बुधवार को बिल्डर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें बिल्डिंग के मालिक गंगा शरण द्विवेदी, दिनेश और संजय नाम का शख्स शामिल है। बाकी अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए गठित टीम द्वारा प्रयास किया जा रहा है। इन इमारतों के मलबे से सात शव निकाले जा चुके हैं। अभी भी कई लोग यहां दबे हुए हैं। ये इमारतें मंगलवार रात करीब 10 बजे ढह गई थीं।  

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता यथाशीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि मृतकों में से कोई भी मजदूर होने की स्थिति में भी यह सहायता धनराशि उन्हें अनुमन्य सहायता राशि के अतिरिक्त उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने घायलों को भी 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने को कहा।

मुख्यमंत्री ने घटना को गंभीरता से लेते हुए निर्माणाधीन भवन के निर्माण के दौरान प्रभावी प्रवर्तन की कार्यवाही में लापरवाही बरतने के कारण ग्रेटर नोएडा के सहायक प्रबंधक परियोजना अख्तर अब्बास जैदी एवं प्रबंधक परियोजना वीपी सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि प्रकरण की समग्रता से जांच मण्डलायुक्त, मेरठ द्वारा कराई जाए। उन्होंने मण्डलायुक्त, मेरठ को निर्देश दिए हैं कि अवैध निर्माण कराने वाले व्यक्तियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करवाकर दोषी लोगों की गिरफ्तारी कराई जाए। अवैध निर्माण कराने वाले व्यक्तियों के खिलाफ अभियान चलाकर ऐसी प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति कतई न होने पाए। मण्डलायुक्त, मेरठ द्वारा यह भी जांच की जाए कि ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित क्षेत्र के आस-पास के क्षेत्र में कितने अवैध निर्माण हुए हैं और उन पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए समग्र रूप से समुचित आवश्यक कार्यवाहियां सुनिश्चित कराई जाए।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, स्थानीय नागरिक एस दुबे ने एएनआई को बताया है कि अवैध निर्माण के बारे में हमने लोकल एडमिनिस्ट्रेशन को कई बार बताया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि हमने विधायक तेजपाल नागर को भी लिखा लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस मामले में डीएम और एसएसपी को भी शिकायत की गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने बताया है कि ये सब अवैध निर्माण हैं जिसकी परवाह बिल्डर के साथ साथ अथॉरिटी ने भी नहीं की।

 जमींदोज दोनों इमारतें छह मंजिला थीं। इनमें से एक निर्माणाधीन थी, जबकि दूसरी में कुछ परिवार रह रहे थे। निर्माणाधीन इमारत में भी कुछ मजदूर अपने परिवार के साथ रह रहे थे। चश्मदीद के मुताबिक, निर्माणाधीन बिल्डिंग अचानक भरभरा कर गिर गई। इसके मलबे की चपेट में आने से दूसरी बिल्डिंग भी गिर गई।

एनडीआरएफ, आईटीबीपी और जिला प्रशासन की टीम राहत-बचाव में जुटी हैं। दबे लोगों को खोजने के लिए डॉग स्क्वॉड की मदद ली जा रही है। इस इलाके में संकरी गलियां होने की वजह से जेसीबी जैसे और दूसरे भारी उपकरणों को ले जाने में दिक्कत आई। इस वजह से रेस्क्यू धीमा चला। एनडीआरएफ के 90 कर्मचारी और स्थानीय लाेग हाथों से मलबा हटाकर नीचे दबे लोगों को खोजते देखे गए।

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