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तमिलनाडु में पिता-पुत्र की पुलिस हिरासत में 'हत्‍या' मामले में चार पुलिसकर्मी गिरफ्तार

  तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पुलिस हिरासत में हुई पिता-बेटे की मौत के मामले में चार पुलिसकर्मियों को...
तमिलनाडु में पिता-पुत्र की पुलिस हिरासत में 'हत्‍या' मामले में चार पुलिसकर्मी गिरफ्तार

 

तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पुलिस हिरासत में हुई पिता-बेटे की मौत के मामले में चार पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। बुधवार को गिरफ्तार हुए तीन पुलिसकर्मी समेत तीन अन्य के खिलाफ हत्या का केस भी दर्ज हुआ है। आईपीसी की धारा के संबंधित सेक्शन के तहत तमिलनाडु के क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट के क्राइम ब्रांच (सीबी-सीआईडी) ने बुधवार को सब-इंस्पेक्टर रघु गणेश और कांस्टेबल मुरुगन और मुथुराज को गिरफ्तार किया। दरअसल, कोरोना लॉकडाउन के बीच अपनी दुकान को तय समय से 15 मिनट देर तक खुला रखने पर एक पिता और पुत्र को कथित तौर पर पुलिस द्वारा प्रताड़ित किया गया था। 

इससे पहले बुधवार को अपराध शाखा ने हिरासत में मौत मामले को लेकर छह लोगों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद बुधवार को उप-निरीक्षक रघु गणेश को गिरफ्तार किया था। देशभर में घटना को लेकर गुस्से का महौल था, जिस कारण दो उप निरीक्षकों सहित चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। एक सरकारी डॉक्टर की रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि पुलिस यातना के कारण पिता-पुत्र को कई चोटें आई थीं। कोविलपट्टी उप-जेल अस्पताल से प्राप्त रिकॉर्ड से पता चलता है कि जयराज और उनके बेटे बेनीक्स के ग्लूटियल भाग पर कई निशान थे। बेनीक्स के मामले में अस्पताल के रिकॉर्ड से पता चला कि उसके घुटने के कप दबाए गए थे, वहीं रिकॉर्ड के मुताबिक जयराज मधुमेह से पीड़ित थे। डॉक्टर की रिपोर्ट में दर्ज ये टिप्पणियां यातनाएं दिए जाने का संकेत देती हैं।

गौरतलब है कि पुलिस ने पहले केवल संदिग्ध मौतों के मामले दर्ज किए थे। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ, जिसने घटना की खुद जांच की, ने (सीबी-सीआईडी) को तूतिकोरिन पुलिस से जब तक केस सीबीआई को नहीं सौंप दिया जाता, इस मामले को संभालने के लिए कहा था। मंगलवार को अदालत ने कहा था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट तीन पुलिसकर्मियों को हत्या के साथ कथित तौर पर मौत के मामले में आरोपित करने के आधार हैं। अदालत को यह भी बताया गया कि दोनों व्‍यक्तियों को गिरफ्तार करने और कथित तौर पर प्रताड़ित करने से संबंधित सीसीटीवी फुटेज 19 जून को सथानकुलम पुलिस स्टेशन में हुई इस घटना पर प्रकाश डाल सकते थे लेकिन उन्‍हें हटा दिया गया।

रजनीकांत ने कहा- नृशंस हत्या

अभिनेता रजनीकांत ने इस मामले को 'नृशंस हत्या' करार दिया है। उन्होंने इस मामले की जांच कर रहे एक न्यायिक दंडाधिकारी के साथ कुछ पुलिस कर्मियों के गलत बर्ताव पर आश्चर्य प्रकट किया। रजनीकांत ने ट्वीट किया, 'इन्हें किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाना चाहिए।' उन्होंने घटना पर तमिल में ट्वीट करते हुए अपनी तस्वीर साझा की जिसमें वह आक्रोशित भावभंगिमा में दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा, 'पिता और पुत्र को प्रताड़ित कर उनकी नृशंस हत्या से मानवता शर्मसार हुई है। (न्यायिक) दंडाधिकारी के सामने जिस प्रकार का बर्ताव कुछ पुलिस कर्मी कर रहे थे और बोल रहे थे उससे मुझे झटका लगा है। जो लोग भी घटना के शामिल हैं उन्हें उचित दंड मिलना चाहिए। उन्हें किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाना चाहिए।'

क्या है मामला

बता दें कि मामला 19-20 जून का है। लॉकडाउन के दौरान अपनी मोबाइल दुकान अतिरिक्त समय के लिए खुली रखने को लेकर पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए पी जयराज और उनके बेटे जे फेनिक्स के साथ पुलिसकर्मियों ने बर्बरता की थी। परिजनों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने संथानकुलम पुलिस स्टेशन में दोनों को बुरी तरह से मारा-पीटा था। इसी मामले की जांच के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया गया था। इस मामले ने अब राजनीतिक रंग भी ले लिया है। घटना के बाद राज्य कानून में सुधार करने की मांग उठने लगी है। 

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