Advertisement

कश्मीर में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस ने रखी शर्त, बोली- पहले उमर, फारूक को करें रिहा

नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने जम्मू कश्मीर में अगले महीने 5 मार्च से होने वाले पंचायत चुनाव लड़ने का...
कश्मीर में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस ने रखी शर्त, बोली- पहले उमर, फारूक को करें रिहा

नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने जम्मू कश्मीर में अगले महीने 5 मार्च से होने वाले पंचायत चुनाव लड़ने का फैसला किया है लेकिन पार्टी ने इसके लिए शर्त भी रखी है। पार्टी का कहना है कि पहले पार्टी के हिरासत में लिए गए उमर और फारुक अब्दुल्ला समेत प्रमुख नजरबंद नेताओं को रिहा किया जाए ताकि वह आजादी से चुनाव प्रचार कर सके।

पार्टी के केंद्रीय सचिव रतन लाल गुप्ता ने जम्मू कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) शैलेंद्र कुमार को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दे दी है। पत्र में कहा गया है कि पार्टी के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला, उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, महासचिव अली मोहम्मद सागर समेत कई नेता जन सुरक्षा कानून के तहत (पीएसए) हिरासत में है जिसके कारण चुनाव में हिस्सा लेना व्यवहारिक रूप से पार्टी के लिए मुश्किल है।

उम्मीदवारों के चयन के लिए जरूरी

पत्र के अनुसार, इसलिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया और मौजूदा हालातों में चुनाव प्रचार असंभव है। नियम के अनुसार, या तो पार्टी अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को संभावित उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों पर हस्ताक्षर करना होगा। पार्टी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की समर्थक है। हम राज्य में 8 चरणों में 11 हजार सीटों के लिए होने वाले पंचायत चुनाव लड़ना चाहते हैं। पार्टी ने कहा कि इससे पहले राज्य में लगे प्रतिबंध हटाए जाएं। हमारी मांग है कि नजरबंद रखे गए पार्टी नेताओं को रिहा किया जाए, जिससे पार्टी आजादी से चुनाव प्रचार कर सके।

पांच मार्च से आठ चरणों में होंगे चुनाव

जम्मू और कश्मीर में 12,500 से अधिक पंचायत सीटों पर उपचुनाव 5 मार्च से 20 मार्च के बीच आठ चरणों में होगा। अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा खत्म होने के बाद राज्य में पहली बार यह उपचुनाव होंगे। हाल में मुख्य चुनाव अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने इसका ऐलान करते हुए बताया था कि हर ब्लॉक में खाली पड़े पदों के पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। इस पंचायत चुनाव में बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाएगा। उपचुनाव 5 से 20 मार्च तक कराए जाएंगे और इन्हें आठ  चरणों में संपन्न कराया जाएगा। वोटिंग 5, 7, 9, 12, 14, 16, 18 और 20 मार्च को होंगे। पहली अधिसूचना 15 फरवरी को जारी की जाएगी। आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।

मुख्यधारा की पार्टियों ने किया था बहिष्कार

पंचायत चुनाव नवंबर-दिसंबर, 2018 में आयोजित किया गया था और 33,592 पंच और 4,290 सरपंच निर्वाचन क्षेत्रों में से 22,214 पंच और 3,459 सरपंच चुने गए थे। इन चुनावों का उस समय वहां की मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों-पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने बहिष्कार किया था। चुनावी कवायद की घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब 5 अगस्त से तीन पूर्व मुख्यमंत्री नजरबंद हैं। उन पर जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

बता दें कि पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा खत्म कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। जिसके बाद कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित राज्य बन गए थे।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement