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सीएए-एनआरसी के विरोध में बहुजन विकास अघाड़ी का महाराष्ट्र बंद, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

महाराष्ट्र की पार्टी वंचित बहुजन आघाडी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर...
सीएए-एनआरसी के विरोध में बहुजन विकास अघाड़ी का महाराष्ट्र बंद, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

महाराष्ट्र की पार्टी वंचित बहुजन आघाडी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनआरसी) और केंद्र सरकार की कथित गलत आर्थिक नीतियों के विरोध में आज यानी 24 जनवरी को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है। वीबीए नेता प्रकाश आंबेडकर भी मुंबई में प्रदर्शन करेंगे। इस बीच बताया जा रहा है कि मुंबई के घाटकोपर में बंद के दौरान चार वीबीए कार्यकर्ता हिरासत में लिए गए हैं। आरोप है कि ये सड़क पर आने वाली गाड़ियों को जबरन रोक रहे थे। प्रशासन ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया है।

केंद्र सरकार सीएए को जबरन लागू करने की कोशिश कर रही

वीबीए नेता प्रकाश आंबेडकर ने महाराष्ट्र बंद की जानकारी देते हुए आरोप लगाया कि सीएए को लेकर देश में अशांति है, जिसे केंद्र सरकार जबरन लागू करने की कोशिश कर रही है। आज के बंद को देखते हुए महाराष्ट्र के पुणे, ठाणे, मुंबई, नासिक, औरंगाबाद, नागपुर समेत कई जिलों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

देश आर्थिक दिवालियेपन की राह पर: प्रकाश अंबेडकर

इससे पहले प्रकाश आंबेडकर ने सोमवार को आरोप लगाया था कि सीएए को लेकर देश में अशांति है, जिसे केंद्र सरकार जबरन लागू करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि देश आर्थिक दिवालिएपन की राह पर है। नोटबंदी और जीएसटी के साथ-साथ देश में अविश्वास का माहौल है। सरकार को पर्याप्त राजस्व नहीं मिल रहा है। केंद्र की आर्थिक नीतियां सही नहीं हैं। आंबेडकर ने राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों से भी बंद में शामिल होने की अपील की है। बंद के आह्वान के सिलसिले में उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की थी।

देशभर में सीएए-एनआरसी को लेकर जारी है विरोध

देशभर में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी हैं। दिल्ली के शाहीन बाग में महिलाओं को इसके खिलाफ प्रदर्शन करते हुए एक महीने से ज्यादा हो चुके हैं। मुंबई, बेंगलुरू और यूपी के कई शहरों में भी लोग विरोध कर रहे हैं।

 

क्या है संशोधित कानून में

 

नागरिकता संशोधन बिल में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है।

 

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