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इलाहाबाद और फैजाबाद मंडल हुआ प्रयागराज और अयोध्या मंडल

योगी सरकार ने इलाहाबाद और फैजाबाद जिले का नाम बदलने के बाद अब मंडल का नाम भी बदल दिया है। अब इलाहाबाद...
इलाहाबाद और फैजाबाद मंडल हुआ प्रयागराज और अयोध्या मंडल

योगी सरकार ने इलाहाबाद और फैजाबाद जिले का नाम बदलने के बाद अब मंडल का नाम भी बदल दिया है। अब इलाहाबाद मंडल प्रयागराज मंडल और फैजाबाद मंडल अयोध्या मंडल के नाम से जाना जाएगा। हालांकि फैजाबाद शहर का नाम फैजाबाद ही रहेगा जबकि जिले का नाम अयोध्या होगा। इन मंडलों में जो जिले पहले से थे, वह यथावत रहेंगे।

कैबिनेट बैठक में मंगलवार को कुल नौ प्रस्तावों को मंत्री परिषद ने पास किया है। इसमें प्रमुख रूप से इलाहाबाद और फैजाबाद मंडल के नाम बदलने का प्रस्ताव था। इसके अलावा दो साल पहले 15 अक्टूबर को वाराणसी में राजघाट पुल पर भगदड़ में 25 लोगों की मौत हुई थी। इसकी जांच रिपोर्ट को सदन में रखने को मंजूरी दी गई है। यह दुर्घटना सपा सरकार में हुई थी और इस मामले में सदन में हंगामे के आसार हैं। लखनऊ में फैजाबाद रोड स्थित राजकीय पालिटेक्निक की 48.03 वर्ग मीटर भूमि लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन को देने की मंजूरी दी है।

वित्त विहीन विद्यालयों के शिक्षकों को प्रोत्साहन देने के लिए मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार की शुरूआत की गई है। इसमें प्रदेश के 18 मंडलों से 18 अध्यापकों को चुना जाएगा और उनको पुरस्कार स्वरूप 25 हजार रुपए दिए जाएंगे। यह कार्यक्रम हर साल भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसम्बर पर आयोजित किया जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से जो मानक तय किए गए हैं। उनमें नियमित रूप से 15 वर्ष अध्यापन कार्य करने वाले शिक्षकों और 20 वर्ष तक प्रधानाध्यापक रहे शिक्षकों को सम्मान मिलेगा। प्रदेश में पहले फेज में बने बस्ती, बहराइच, फिरोजाबाद, फैजाबाद में बने मेडिकल कॉलेज का संचालन मध्य प्रदेश और गुजरात मॉडल पर अब सोसाईटी करेगी।

मंत्री परिषद ने मक्के का समर्थन मूल्य 1700 रुपये प्रति कुंतल तय किया है। उतराई और छनाई के लिए 20 रुपये प्रति कुंलत अलग से दिए जाएंगे। सरकार की ओर से एक लाख मीट्रिक टन मक्का खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। इस पर कुल 214.94 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। फिलहाल इसे 20 जनपदों में इसे लागू किया गया है। किसी अन्य जनपद में जरूरत पड़ने पर सरकार की ओर से विचार किया जाएगा। इसके अलावा यूजीसी के मानकों के अनुसार प्रवक्ता के पद को समाप्त कर सहायक प्रवक्ता किया गया है।

काशी विश्वनाथ कारिडोर के लिए सरकार की ओर से बातचीत करके 166 भवन या प्रॉपटी ली गई थी। ऐसे 130 और प्रापर्टी की आवश्यकता होने पर उसे भी लिया जाएगा। इसकी पूरी लागत 413 करोड़ थी। इसके लिए 193 करोड़ रुपये आज कैबिनेट में पास किया गया। 

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