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गोधन न्याय योजना: सीएम बघेल ने गोबर खरीदी के लिए 46964 पशुपालकों के खाते में किया 1.65 करोड़ का भुगतान

छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी ‘गोधन न्याय योजना’ के तहत बुधवार को गोबर खरीदी के भुगतान की...
गोधन न्याय योजना: सीएम बघेल ने गोबर खरीदी के लिए 46964 पशुपालकों के खाते में किया 1.65 करोड़ का भुगतान

छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी ‘गोधन न्याय योजना’ के तहत बुधवार को गोबर खरीदी के भुगतान की विधिवत शुरुआत कर दी गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिवंगत कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा को नमन कर इसका शुभारंभ किया। इसके तहत 46964 लाभार्थियों को 1.65 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। योजना की शुरुआत हरेली पर्व पर 20 जुलाई को की गई थी।

राज्य के सभी वर्गों के 65694 पशुपालकों में से 46964 पशुपालकों ने एक अगस्त तक 82711 क्विंटल गोबर बेचा है। गोबर बेचने वालों में से 38 फीसदी महिलाएं, 48 फीसदी ओबीसी, 39 फीसदी अनुसूचित जनजाति, 8 फीसदी अनुसूचित जाति और 5 फीसदी सामान्य श्रेणी के हैं। भुगतान की राशि किसानों और पशुपालकों के खाते में ऑनलाइन किया जा रहा है। गोबर खरीदी का आगामी भुगतान 15 अगस्त को किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत राज्य के रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, धमतरी और बालोद जिलों में सबसे अधिक गोबर विक्रय किया गया है। इसी प्रकार नगरीय क्षेत्रों में रायपुर एवं दुर्ग के पशुपालकों ने सबसे ज्यादा गोबर विक्रय किया गया है।

गोबर का उपयोग वर्मीकंपोस्ट खाद बनाने में होगा

गोधन न्याय योजना देश में इस तरह की पहली योजना है, जिसके तहत गौशालाओं और किसानों से 2 रुपये प्रति किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है। खरीदे गए गोबर का उपयोग वर्मी कंपोस्ट तैयार करने के लिए किया जा रहा है, जिसका सहकारी समितियों के माध्यम से विक्रय किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से एक ओर पशुपालकों को आर्थिक लाभ होगा। दूसरी ओर प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा।

शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना

वहीं, शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना का भी शुभारंभ किया गया, जिसमें तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य में लगे पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया (50 वर्ष से अधिक आयु नहीं होने की स्थिति में) की सामान्य मृत्यु पर नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को 2 लाख रुपये की अनुदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। दुर्घटना से मृत्यु होने पर दो लाख रुपये अतिरिक्त प्रदान किया जाएगा। दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 2 लाख रुपये और आंशिक विकलांगता की स्थिति में एक लाख रुपये की सहायता अनुदान राशि दी जाएगी।

योजना के अंतर्गत यदि संग्राहक परिवार के मुखिया की 50 से 59 आयु वर्ष के बीच सामान्य मृत्यु होती है, तो 30 हजार रूपये, दुर्घटना में मृत्यु होने पर 75 हजार रूपये, दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति पर 75 हजार रुपये और आंशिक विकलांगता की स्थिति में 37 हजार 500 रुपये की सहायता अनुदान राशि परिवार के नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को दी जाएगी।

छत्तीसगढ़ राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से वन विभाग एवं छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित के समन्वय से यह योजना प्रारंभ की जा रही है। इस योजना का क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा किया जाएगा, जिसमें संबंधित जिला यूनियन द्वारा ही एक माह के अंदर प्रकरणों का निराकरण करते हुए सहायता अनुदान की राशि सीधे संग्राहकों के बैंक खातों में प्रदाय की जाएगी, जिससे प्रकरणों का निराकरण सुगमता एवं शीघ्रता से किया जा सकेगा।

गौरतलब है कि राज्य सरकार तेंदूपत्ता संग्राहकों के सामाजिक सुरक्षा एवं आर्थिक सुदृढ़ता सुनिश्चित करने हेतु वचनबद्ध है। राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण दर 2500 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4000 रुपये प्रति मानक बोरा की गई है।

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