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मुंबई में चार मंजिला इमारत ढही, 10 की मौत, पीएम मोदी ने जताया दु:ख

मूसलाधार बारिश से जूझने के बाद देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के डोंगरी में मंगलवार को एक चार मंजिला...
मुंबई में चार मंजिला इमारत ढही, 10 की मौत, पीएम मोदी ने जताया दु:ख

मूसलाधार बारिश से जूझने के बाद देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के डोंगरी में मंगलवार को एक चार मंजिला इमारत ढह गई, जिसमें अब तक 10 लोगों की मौत हो गई है। इमारत के मलबे में करीब 30-40 लोगों के दबे होने की आशंका है। साथ ही 8 घायलों को मलबे से बाहर निकाला गया है। घायलों को जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शुरुआती जानकारी के मुताबिक 15 परिवार अभी भी मलबे में दबे हैं और उन्हें निकालने की कोशिश जारी है। यह बिल्डिंग 100 साल पुरानी है। हमारा पूरा फोकस मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने पर है। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने घटना पर दु:ख जताया है।

पीएम मोदी ने कहा, 'मुंबई के डोंगरी में इमारत ढहने की घटना पीड़ादायक है। मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपनों को खो दिया है। मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। महाराष्ट्र सरकार, NDRF और स्थानीय प्रशासन राहत एवं बचाव अभियानों में जुटे हुए हैं।' 

कई लोगों के दबे होने की आशंका

बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) आपदा प्रबंधन सेल के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि डोंगरी के टंडेल स्ट्रीट में घनी आबादी वाली संकरी गली में स्थित ग्राउंड-प्लस-चार-मंजिला 'केसरबाई' इमारत लगभग पौने बारह बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गई। आवास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा‌ कि दुर्घटनाग्रस्त भवन, दक्षिण मुंबई के डोंगरी इलाके में,  टैंडल स्ट्रीट में एक हलचल वाली संकीर्ण गली में स्थित है। इमारत का कुछ हिस्सा ढहने के बाद खड़ा रह गया था। अधिकारी ने बताया कि इमारत के करीब 40 से 50 लोग मलबे में फंसे हुए हैं।

संकरी गली की वजह से राहत कार्य में मुश्किलें

फायर ब्रिगेड, मुंबई पुलिस और नागरिक अधिकारी घटना स्थल पर पहुंच गए, लेकिन संकरी गलियों ने इस क्षेत्र तक पहुंचना मुश्किल कर दिया, मलबे, कंक्रीट और टूटे तारों ने आसपास के एक बड़े हिस्से को घेर लिया। सैकड़ों स्थानीय लोग इकट्ठा होकर मलबे और उसमें दबी ईंटों को हटाने में राहत कर्मियों की मदद करने में जुटे हैं और दबे लोगों को खोजने में लगे हैं। लोग मलबे में लोगों का पता लगाने के लिए कंक्रीट के स्लैब उठाकर उन्हें खोज रहे हैं।   इस बीच टेलीविज़न विजुअल्स ने एक छोटे बच्चे को बचाया और श्रमिकों को सौंप दिया। एंबुलेंस साइट तक नहीं पहुंच सकी और करीब 50 मीटर दूर खड़ी करनी पड़ी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि इमारत का ढहना भूकंप जैसा महसूस हुआ।

बताया गया ‌कि यह भवन महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के स्वामित्व में था और इसके अधिकारी स्थिति का आकलन करने के लिए साइट पर पहुंच गए। इस बीच, मरम्मत बोर्ड के प्रमुख विनोद घोसालकर म्हाडा ने कहा है कि इमारत हाउसिंग बॉडी की नहीं थी, जैसा कि कुछ स्थानीय लोगों और एक विधायक ने उल्लेख किया है। फंसे लोगों को बचाने में मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की दो टीमों को भी तैनात किया गया।

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