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जन्मदिन : टैक्स की बीमारी और जातिवाद, क्षेत्रवाद पर हरिशंकर परसाई के दो सशक्त व्यंग्य

जन्मदिन : टैक्स की बीमारी और जातिवाद, क्षेत्रवाद पर हरिशंकर परसाई के दो सशक्त व्यंग्य

हमारे देश में टैक्स पर बहस अब भी चल रही है और जातिवाद, क्षेत्रवाद तो इस देश की पुरानी समस्याएं हैं। मशहूर साहित्यकार, व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई के जन्मदिन पर इन विषयों पर उनके दो सशक्त व्यंग्य।
व्यंग्य और हाजिरजवाबी थी चो की सबसे बड़ी खासियत

व्यंग्य और हाजिरजवाबी थी चो की सबसे बड़ी खासियत

पत्रकारिता, थियेटर और सिनेमा के क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ने वाले बहुमुखी प्रतिभा के धनी चो एस रामास्वामी तमिलनाडु का एक ऐसा नाम थे जिन्हें उनके व्यंग्य और हाजिरजवाबी के लिए जाना जाता है।
होली के मारक महीने में राष्ट्रवाद

होली के मारक महीने में राष्ट्रवाद

कपार पर गुलाल की बिंदी लगाने को ही होली मान लेने वालों को राजद्रोही मानना चाहिए। होली तो ऐसी होनी चाहिए कि अगल-बगल के चार घरों से लोग निकल कर देखें और कहें वाह क्या होली है
नेशन वॉन्ट्स टू नो, 'क्या है होली’

नेशन वॉन्ट्स टू नो, 'क्या है होली’

खोजी पत्रकार बन गए बच्चे जिद पकड़ बैठे कि होली से पहले मालपुआ का प्रोमो टेस्ट होना चाहिए। अब उन्हें कौन समझाए कि प्रोमो के चक्कर में असली माल पर हाथ साफ करने वालों की कमी नहीं है
भाजपा पर शिवसेना का तंज, लोगों को एक ही बार मूर्ख बना सकते हैं

भाजपा पर शिवसेना का तंज, लोगों को एक ही बार मूर्ख बना सकते हैं

बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की शानदार जीत के एक दिन बाद महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन की भागीदार शिवसेना ने अपनी सहयोगी भाजपा पर आज यह कहते हुए कटाक्ष किया कि चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया है कि लोगों को केवल एक बार ही मूर्ख बनाया जा सकता है।
सार्थक व्यंग्य की प्रतिष्ठा

सार्थक व्यंग्य की प्रतिष्ठा

अखबारों में बहुत छपते रहने के बावजूद हिंदी व्यंग्य की गुणवत्ता पर बहस होती रहती है। इस संदर्भ में मालिश महापुराण को पढ़ना सुखद अनुभव है।
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