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व्यंग के भीष्म पितामह हरिशंकर परसाई: समाज के ठेकेदारों को हजम नहीं होती थीं पाखंड पर करारी चोट

व्यंग के भीष्म पितामह हरिशंकर परसाई: समाज के ठेकेदारों को हजम नहीं होती थीं पाखंड पर करारी चोट

पद्मश्री हरिशंकर परसाई जी, हिंदी साहित्य में व्यंग्य को सर्वथा अलग विधा का दर्जा और उत्कृष्ट मुकाम...
जन्मदिन : टैक्स की बीमारी और जातिवाद, क्षेत्रवाद पर हरिशंकर परसाई के दो सशक्त व्यंग्य

जन्मदिन : टैक्स की बीमारी और जातिवाद, क्षेत्रवाद पर हरिशंकर परसाई के दो सशक्त व्यंग्य

हमारे देश में टैक्स पर बहस अब भी चल रही है और जातिवाद, क्षेत्रवाद तो इस देश की पुरानी समस्याएं हैं। मशहूर साहित्यकार, व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई के जन्मदिन पर इन विषयों पर उनके दो सशक्त व्यंग्य।
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