डाकुओं की शरणस्थली, बीहड़ और पिछड़ेपन से ग्रस्त चंबल का इलाका अब दूसरी वजहों से भी जाना जाएगा। हाल ही में पांच नदियों के संगम स्थल पंचनदा पर जन-संसद का आयोजन करने वाले, अवाम का सिनेमा के सर्वेसर्वा शाह आलम यहां देश के महान फोटोग्राफर रहे पद्मश्री-पद्मविभूषण से सम्मानित सुनील जाना की याद में 'सुनील जाना स्कूल ऑफ़ फोटोग्राफी' खोलने जा रहे हैँ।
जंग-ए-आजादी और चंबल’ यह 1857 की जनक्रांति की स्मृति में आयोतित उस जन-समागम का शीर्षक है, जो अगले हफ्ते 25 मई को चंबल की पांच नदियों के संगम और क्रांति का ह्रदयस्थल रहे पचनदा में आयोजित है। यह दिन चंबल के इतिहास में बहुत अहम है।
मध्य प्रदेश में किसी किसान की जमीन जबर्दस्ती लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हम जानते हैं कि किसान और खेती के बिना हमारा राज्य विकास नहीं कर सकता है। किसान हमारी पहली प्राथमिकता है। आउटलुक से बातचीत के दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरह जोर देकर यह कहा कि केंद्र के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के तहत उनके राज्य में किसानों के साथ कोई जोर-जबर्दस्ती नहीं की जाएगी, उससे साफ था कि वह किसानों के हिमायती राष्ट्रीय नेता के तौर पर खुद को स्थापित करने की तैयारी में हैं।