राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन के बाद कोविंद ने कहा कि राष्ट्रपति का पद दलगत राजनीति से ऊपर होना चाहिए।
जिस स्त्री अस्मिता की लड़ाई लिपस्टिक अंडर माय बुर्का की टीम लड़ रही है, उसी अस्मिता की धज्जियां उनकी फिल्म के पोस्टर ने उड़ा दी। लिपस्टिक अंडर माय बुर्का के पोस्टर में स्त्रियों के लिए अपमानजनक, भद्दा इशारा ‘मिडिल फिंगर’ दर्शाया गया है। फिंगर को पोस्टर में लिपस्टिक का रूप देकर रचनात्मकता पैदा करने की कोशिश की गई है इसका मूल पुरुषों द्वारा गाली के रूप में इस्तेमाल किया गया इशारा ही है इसे स्त्रियों के लिए झंडा बुलंद करने वाली फिल्म की निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव को नहीं भूलना चाहिए।
आजादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने वाले दिग्गज नेता बाबू जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार को विपक्षी दलों ने अपना उम्मीदवार बनाकर एनडीए को महती चुनौती देने की कोशिश की है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू ने हालाकि एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने की बात कहकर अपना पक्ष भले स्पष्ट कर दिया हो लेकिन बिहार की मीरा कुमार योग्यता और प्रशासनिक संवैधानिक अनुभव में कोविंद से बीस ही साबित होंगी। तो क्या नीतीश कुमार के सामने यह धर्मसंकट खड़ा हो सकता है कि वे बिहार की दिग्गज दलित बेटी का साथ देंगे।
राष्ट्रपति चुनाव में एकजुटता दिखाने के विपक्ष के मंसूबे पर पानी फिरता दिख रहा है। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाईटेड) ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का ऐलान किया है।
बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है। बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद एनडीए के उम्मीदवार होंगे।
बिहार सीएम नीतीश कुमार ने देश के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे किसान आंदोलनों को लेकर मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। नीतीश कुमार ने किसानों के लिए राष्ट्रीय नीति नहीं बनाने जाने को लेकर मोदी सरकार पर जमकर आलोचना की । इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की राष्ट्रपिता गांधी पर की गई टिप्प्णी पर भी चुटकी ली।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आज एक बार फिर भाजपा और सहयोगी संगठन गो-रक्षक दल को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि गो-रक्षक जो खुद को पशु एवं गाय के प्रति संवेदनशील कहते हैं, उनका यह पहला कर्तव्य है कि सड़क पर लावारिस घूम रहे जानवरों के लिए खास गोशाला बनाकर उनको उसमें रखें और उनकी सेवा करें।