बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के महागठबंधन को निषाद समुदाय के उभरते नेता मुकेश सहनी का समर्थन मिला है जिनके तेवर हार्दिक पटेल से काफी मिलते-जुलते हैं।
चुनाव आयोग का बिगुल बजने से पहले और चुनाव अभियान चल निकलने के साथ ही आगामी विधानसभा चुनावों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपने नतीजे दिखाने शुरू कर दिए। कुछ बानगी:
एनडीए के घटक दलों में हुए सीट समझौते के बाद गठबंधन के लगभग हर दल में नाराजगी है। लोजपा के रामा सिंह के बाद अब भाजपा के दो विधायकों ने टिकट न मिलने पर बागी रुख अख्तियार कर लिया है।
चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम पर रोक लगाने की संभावना से इनकार किया। आयोग ने यह बात इन खबरों के बीच कही कि कांग्रेस यह आरोप लगाकर चुनाव आयोग से प्रतिबंध की मांग कर सकती है कि कार्यक्रम बिहार विधानसभा चुनाव की वजह से लागू आचार संहिता का उल्लंघन करता है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉर्बट वाड्रा अपना नाम उन अति महत्वपूर्ण लोगों की सूची से हटवाना चाहते हैं, जिनकी एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच नहीं की जाती। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि वह ऐसी योजना बना रहे हैं कि वह प्रत्येक एयरपोर्ट पर जाएं और वीवीआईपी सूची में दर्ज अपने नाम और सिग्नेचर पर सफेद टेप लगा दें।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। रामविलास पासवान की लोजपा 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी 23 और जीतनराम मांझी की पार्टी हम 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
बिहार विधानसभा की तारीखों का ऐलान होते ही बिहार की सियासत में सरगर्मी बढ़ने लगी है। हैदराबाद के सांसद असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआइएम भी इस चुनाव से बिहार में कदम रखने को बेकरार है। पार्टी अध्यक्ष ने कहा है कि उनकी पार्टी बिहार के केवल सीमांचल क्षेत्र में ही उम्मीदवार खड़ा करेगी।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अध्यक्ष बनने के लिए अभी एक साल का और इंतजार करना होगा। कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है। मंगलवार को कांग्रेस की वर्किंग कमेटी में यह भी फैसला किया गया कि पार्टी के 50 प्रतिशत पद अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के अलावा महिलाओं के लिए आरक्षित होगा।
रामविलास पासवान अपने पुत्र और भाइयों से ऊपर अपने को और अपनी पार्टी लोजपा को कभी भी नहीं बढ़ने दे सके। उनकी पूरी राजनीति केवल अपने परिवार के इर्द गिर्द ही घूमती रहती है। यह कहना है बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का।