बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद नीतीश ने कहा कि यह केवल शिष्टाचार भेंट थी। इस बैठक में कोई खास मुद्दा शामिल नहीं था।
सनी लियोन के साथ तो वही बात रहती है कि वह आह भी भर लें तो उनकी चर्चा शुरू हो जाती है। बॉलीवुड में जाना पहचना नाम बन चुकी सनी इस बार चायना की सुपर गर्ल बन गई हैं।
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव मंत्रिपद पाने के बावजूद सरकारी बंगला लेने से इंकार कर दिया है। तेजस्वी और तेजप्रताप पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को आवंटित बंगले में ही रहेंगे। लालू और राबड़ी के साथ दोनों बेटों के रहने को लेकर भी सियासी नजरिए से देखा जा रहा है।
बिहार चुनाव 2015 नें राजनीति में कई मानक गढ़े है। इस चुनाव में नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी एवं अमित शाह की मजबूत जोड़ी को शिकस्त दी है। राजनीतिक विश्लेषक एवं प्रबुद्व पत्रकार इसे देश की राजनीतिक को भी प्रभावित करने की बात करते है।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज कहा है कि यदि केंद्र की राजग सरकार ने दिल्ली की आप सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए जनलोकपाल विधेयक के रास्ते में बाधा डाली तो वह इसके खिलाफ कदम उठाएंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मंगलवार को दिल्ली सरकार द्वारा पेश किए गए जनलोकपाल विधेयक का स्वागत करते हुए इसमें कुछ सुझाव भी दिए हैं। साथ ही हजारे ने कहा है कि अगर केंद्र की राजग सरकार ने आप सरकार द्वारा दिल्ली विधानसभा में पेश किए गए जनलोकपाल विधेयक के रास्ते में बाधा डाली तो वह उसके खिलाफ कदम उठाएंगे।
चुनाव में शानदार जीत के साथ बिहार की कमान संभालने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अगले साल अप्रैल से राज्य में शराबबंदी लागू करने का ऐलान किया है। इस तरह नीतीश कुमार बिहार में शराब की बिक्री और सेवन पर पाबंदी लगाने का वादा निभाने जा रहे हैं।
बिहार चुनाव के नतीजे आने का बाद सोशल मीडिया पर इन दिनों एक कविता काफी प्रसारित हो रही है। इस कविता में कहा जा रहा है कि अब कहीं से भी गोमांस, सम्मान वापसी, अरहर दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर कोई बयान नहीं आ रहा है। यह सवाल खड़ा होता है कि क्या ऐसा सहिष्णुता की वजह से है या ऐसा बिहार का चुनाव खत्म हो जाने की वजह से है। स्पष्ट तौर पर यह आरोप लगता रहा है कि लेखकों, कलाकारों और वैज्ञानिकों द्वारा जो पुरस्कार लौटाए जा रहे थे वह बिहार चुनावों को प्रभावित करने की एक पूर्वनियोजित साजिश थी। इस संबंध में आरएसएस का मानना है कि पुरस्कार वापसी की मुहीम राजनीतिक ताकतों के हित में बहुत सलीके से संयोजित की गई थी। केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह ने तो यहां तक कहने में भी गुरेज नहीं किया कि पुरस्कार वापसी के इस मुहिम में बहुत ज्यादा पैसा सम्मिलित था। जो कुछ भी हुआ, यह उसकी पूरी तरह से एक प्रायोजित और विकृत व्याख्या है।