Advertisement

अब कोटा के छात्रों के नाम पर "बस" राजनीति, 36 लाख के बिल पर भाजपा, कांग्रेस और बसपा भिड़े

भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच बसों को लेकर हो रही राजनीति बढ़ती ही जा रही है। दोनों पक्षों की...
अब कोटा के छात्रों के नाम पर

भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच बसों को लेकर हो रही राजनीति बढ़ती ही जा रही है। दोनों पक्षों की तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को एक हजार बसें देने वाले प्रस्ताव को लेकर शुरू हुई राजनीति खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। अब इस राजनीति में राजस्थान सरकार भी कूद पड़ी है। दरअसल, राजस्थान सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को 36.36 लाख रुपये का बिल भेजा है। यह बिल कोटा से यूपी लाए गए बच्चों के लिए बसें उपलब्ध करवाने का है। भाजपा राजस्थान सरकार की इस हरकत के बाद कांग्रेस को लेकर और अधिक हमलावर हो गई है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती भी भाजपा के समर्थन में उतरीं हैं और कांग्रेस पर हमला बोला है। 

दरअसल, राजस्थान सरकार ने ये बिल उन छात्रों के नाम से भेजा है, जिन्हें राजस्थान परिवहन की बसों से कोटा से उत्तर प्रदेश भेजा गया था। यूपी सरकार ने कोटा में फंसे राज्य के छात्रों को लाने के लिए बसें भेजी थी, लेकिन छात्रों की संख्या अधिक होने की वजह से राजस्थान सरकार ने अपनी कुछ बसों से छात्रों को घर पहुंचाया। बताया जा रहा है कि इसके लिए राजस्थान सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को कुल 36.36 रुपये का बिल भेजा है। 

राजस्थान सरकार के परिवहन मंत्री इसे झूठ और फरेब की राजनीति करार दिया

इस मामले को लेकर मचे बवाल के बाद राजस्थान सरकार के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने ट्वीट कर इसे झूठ और फरेब की राजनीति करार दिया है। खाचरियावास ने किराया विवाद का खंडन करते हुए अपने ट्वीट के साथ उस पत्र व्यवहार को भी साझा किया है, जो कोटा से छात्रों की वापसी को लेकर उत्तर-प्रदेश सरकार ने राजस्थान सरकार से किया था।

खाचरियावास ने ट्वीट के जरिये बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा पर पर निशाना साधते हुए कहा कि आप झूठ बोल रहे हैं। जिन पैसों की आप बात कर रहे हैं, वह उत्तर प्रदेश की बसों में डीजल डलवाने का है। उन्‍होंने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्यपथ परिवहन की बसें जब राजस्थान आई थीं, तब यूपी के परिवहन अधिकारियों ने राजस्थान परिवहन के अधिकारियों से इसका निवेदन किया था।

'श्रमिक बसें प्रतिदिन फ्री'

खाचरियवास ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि राजस्थान सरकार ने 2 करोड़ 6 लाख ख़र्च करके हाथरस और आगरा तक यूपी के मज़दूरों को पहुंचाया है। हमारी श्रमिक बसें प्रतिदिन चल रही हैं, जो पूरी तरह निशुल्क है। झूठ की राजनीति करने के बजाय पूरे देश में मजदूर दर्द से परेशान है, उधर ध्यान दें।

दो पड़ोसी राज्यों के बीच ऐसी घिनौनी राजनीति अति-दुखःद है- मायावती

यूपी सरकार को बिल भेजने को लेकर मायावती ने राजस्थान पर घिनौनी राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'राजस्थान की कांग्रेसी सरकार द्वारा कोटा से करीब 12000 युवा-युवतियों को वापस उनके घर भेजने पर हुए खर्च के रूप में यूपी सरकार से 36.36 लाख रुपये और देने की जो मांग की है वह उसकी कंगाली और अमानवीयता को प्रदर्शित करता है। दो पड़ोसी राज्यों के बीच ऐसी घिनौनी राजनीति अति-दुखःद है।'

इतना ही नहीं मायावती ने दूसरा ट्वीट करके कांग्रेस के कृत्य को अमानवीय बताया। उन्होंने लिखा, 'कांग्रेसी राजस्थान सरकार एक तरफ कोटा से यूपी के छात्रों को अपनी कुछ बसों से वापस भेजने के लिए मनमाना किराया वसूल रही है तो दूसरी तरफ अब प्रवासी मजदूरों को यूपी में उनके घर भेजने के लिए बसों की बात करके जो राजनीतिक खेल खेल कर रही है यह कितना उचित और कितना मानवीय?'

आधी रात दफ्तर खुलवाकर लिए 19 लाख रुपये- भाजपा

इससे पहले  बस विवाद पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट कर कांग्रेस को निशाने पर लिया है। पात्रा ने दावा किया है कि यूपी सरकार पहले ही 19 लाख रुपये डीजल के बिल के रूप में चुका चुकी है।  पात्रा ने ट्वीट किया, 'कोटा से उत्तर प्रदेश के छात्रों को वापिस लाते समय यूपी के कुछ बसों को डीजल की आवश्यकता पड़ गई ..दया छोड़िए ..आधी रात को दफ्तर खुलवाकर प्रियंका वाड्रा की राजस्थान सरकार ने यूपी सरकार से पहले 19 लाख रुपए लिए और उसके बाद बसों को रवाना होने दिया, वाह रे मदद।'

 

 

जानें क्या है मामला

 

राजस्थान सरकार ने हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार को 36 लाख 36 हजार 664 रुपये का बिल भेजा है। ये बिल उन बसों का है जिनसे पिछले दिनों उत्‍तर प्रदेश के बच्‍चों को कोटा से यूपी ले जाया गया था। इसके साथ इसमें लिखा है कि राजस्थान राज्य परिवहन निगम द्वारा 17 अप्रैल से 19 अप्रैल तक कोटा में अध्ययनरत छात्रों को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी (आगरा) और झांसी तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था कर परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। इसका भुगतान अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। अविलंब इसका भुगतान करवाएं।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad