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कांग्रेस नेताओं से मिलने के बाद बोले सचिन पायलट, 'मेरी लड़ाई सिद्धांतों की थी, कभी भी किसी पद के लिए नहीं'

सोमवार रात दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के साथ...
कांग्रेस नेताओं से मिलने के बाद बोले सचिन पायलट, 'मेरी लड़ाई सिद्धांतों की थी, कभी भी किसी पद के लिए नहीं'

सोमवार रात दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के साथ बैठक करने के बाद पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ उनकी लड़ाई सैद्धांतिक थी। कभी किसी पद के लिए नहीं थी। इन सिद्धांतों के चलते गुजरे डेढ़ सालों में हुई कुछ बातें आलाकमान तक पहुंचाना जरुरी था। नाराजगी भी इसी वजह से थी। अब आलाकमान ने हमारी बात सुनी हैं और कमेटी बनाकर उनके समाधान की बात की है। उन्होंने कहा कि उन्हें पद की कोई चाहत नहीं है।  

एक महीने पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने के बाद पायलट ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने और अन्य विधायकों ने संगठनात्मक मुद्दों को उठाया, एसओजी द्वारा दर्ज राजद्रोह का मामला और राज्य में शासन की शैली पर उम्मीद जताई कि इन्हें जल्द ही संबोधित किया जाएगा।

बता दें कि सोमवार को सचिन पायलट ने अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्‍ली में पूर्व कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद ये बातें कहीं। विधायकों ने कहा कि उठाए गए मुद्दे पार्टी के हित में हैं।

सचिन पायलट ने संवाददाताओं से कहा कि हमने सिद्धांतों के मुद्दे कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष उठाए और अपनी शिकायतों के समयबद्ध निवारण के उनके आश्वासन का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी हमें पद देती है तो वापस भी ले सकती है। मुझे किसी पद की कोई इच्छा नहीं है लेकिन मैं चाहता था कि हमारा स्वाभिमान बरकरार रहे। मैंने 18-20 साल से पार्टी में योगदान दिया है। हमने हमेशा उन लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया है जिन्होंने सरकार बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है।

सचिन पायलट ने कहा कि सोनिया गांधी जी ने हमारी सभी चिंताओं और शासन के मुद्दों को सुना जो हमने उठाए। कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा 3 सदस्यीय समिति का गठन एक स्वागत योग्य कदम है। मुझे लगता है कि सभी मुद्दों को हल किया जाएगा।

पायलट ने कहा कि उन्होंने राजस्थान में कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए कड़ी मेहनत की है और उम्मीद है कि पार्टी जनता से किए गए अपने वादों को पूरा करेगी।

 

सोमवार देर रात किए गए अपने ट्वीट में सचिन ने लिखा है, "मैं श्रीमती सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस पार्टी को धन्यवाद देता हूं। इन्होंने हमारी शिकायतों पर ध्यान दिया।  मैं अपने विश्वास को लेकर दृढ़ हूं। मैं एक बेहतर भारत के लिए काम करता रहूंगा, ताकि राजस्थान के लोगों से किए गए वादों को पूरा किया जा सके और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की जा सके।"

बैठक के बाद एआईसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, "कांग्रेस परस्पर एक दूसरे का सम्मान करते हुए और उठाई गई चिंताओं का समाधान करके एकजुट होकर आगे बढ़ेगी"।

पायलट ने कहा कि उनके खिलाफ कुछ व्यक्तिगत टिप्पणियां की गई हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया है जिससे किसी को ठेस पहुंचे। युवा कांग्रेस नेता ने यह सब कहा, जबकि उन्होंने उनके खिलाफ की गई किसी भी व्यक्तिगत टिप्पणी का जवाब नहीं दिया और गरिमा बनाए रखी।

पायलट ने कहा, "हमने संगठनात्मक मुद्दों को उठाया जैसे-  राज्य एसओजी द्वारा दायर राजद्रोह का मामला, राजस्थान में कामकाज और शासन की शैली"। उन्होंने कहा, "मैंने पार्टी के नेतृत्व के लिए अपने 1.5 साल के अनुभवों को उठाया और वही कहा जो कुछ भी पार्टी के हित में था"।

बैठक से पहले, शिकायतों को संबोधित करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। सूत्रों ने कहा कि प्रियंका गांधी, अहमद पटेल और के सी वेणुगोपाल इस समिति का हिस्सा होंगे।

 

 

 

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