Advertisement

जानें क्यों लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने कहा, 'तब मन किया कि राम कृपाल यादव के हाथ काट दूं'

इन दिनों बिहार की सियासत में बयानबाजी का दौर जोरों पर है। हर कोई अपने प्रतिद्वंदी पर हमला बोलने का एक...
जानें क्यों लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने कहा, 'तब मन किया कि राम कृपाल यादव के हाथ काट दूं'

इन दिनों बिहार की सियासत में बयानबाजी का दौर जोरों पर है। हर कोई अपने प्रतिद्वंदी पर हमला बोलने का एक भी मौका छोड़ना नहीं चाह रहा है। इसी क्रम में आरजेडी से राज्यसभा सांसद और लालू यादव की बड़ी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती ने आरजेडी के बागी नेता और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव को लेकर विवादित बयान दिया है।

राम कृपाल यादव के लिए हमारे मन में था बहुत सम्मान

राज्यसभा सांसद मीसा भारती ने कहा कि जैसे ही मुझे राम कृपाल के आरजेडी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने की खबर मिली, मेरा मन किया कि उनके हाथ काट दूं। मीसा ने पटना में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, 'वह चारा काटते थे। उनके लिए हमारे मन में बहुत सम्मान था। हालांकि यह सम्मान तब खत्म हो गया जब उन्होंने सुशील मोदी से हाथ मिला लिए। उस समय मेरा मन किया था कि उसी चारा काटने वाली मशीन में उनके हाथ डालकर काट दूं।'

उम्मीदवार अपनी दावेदारी पर खुलकर बात न करें

इस दौरान मीसा भारती ने राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा कि राजद के कोई भी संभावित उम्मीदवार अपनी दावेदारी पर खुलकर बात न करें। सीटों पर अभी फाइनल फैसला आना बाकी है। कोई भी निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव हीं लेंगे इसलिए कार्यकर्ता क्षेत्र में अपना काम करते रहें।

‘2014 में तैयारी करने का नहीं मिला था मौका, अब जीत के लिए पूरी तरह तैयार

2014 की हार पर मीसा भारती ने कहा, मैं तब हार गई थी क्योंकि अचानक रामकृपाल यादव पलटी मार गए थे और कुछ अपने लोग भी नाराज थे। हालांकि उन्होंने कहा कि वह अब जीत के लिए पूरी तरह तैयार हैं, 2014 में उन्हें तैयारी करने का मौका नहीं मिला था।

लालू के करीबी नेताओं में शुमार थे राम कृपाल यादव

बता दें कि राम कृपाल यादव पहले आरजेडी में थे और लालू के करीबी नेताओं में शुमार थे। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले वह आरजेडी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। 2014 में वह पाटलिपुत्र से आरजेडी कैंडिडेट मीसा भारती को ही हराकर संसद पहुंचे थे।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad