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कर्नाटक: कांग्रेस और भाजपा में अलग-अलग तरह का 'चिंतन' जारी, पांच गारंटी योजना और विपक्ष पर क्या होगा फैसला?

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गए। राज्य में कांग्रेस के चुनाव जीतने के बाद सरकार की ताजपोशी भी...
कर्नाटक: कांग्रेस और भाजपा में अलग-अलग तरह का 'चिंतन' जारी, पांच गारंटी योजना और विपक्ष पर क्या होगा फैसला?

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गए। राज्य में कांग्रेस के चुनाव जीतने के बाद सरकार की ताजपोशी भी हो गई। कैबिनेट का विस्तार भी हो गया। अब सरकार "पांच गारंटी" पर कैबिनेट बैठक में मुहर लगाने के लिए चर्चाएं कर रही है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी के बीच यह चर्चा जारी है कि विपक्षी दल के नेता की जिम्मेदारी किसे दी जाए।

कांग्रेस ने चुनाव जीतने से पहले ही सत्ता में आने पर "पांच गारंटी" पूरी करने का वादा किया था। बता दें कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 135 सीटें जीती थी। पांच गारंटी में सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली (गृह ज्योति), हर परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये मासिक सहायता (गृह लक्ष्मी) शामिल हैं।

बीपीएल परिवार के प्रत्येक सदस्य को 10 किलो चावल मुफ्त (अन्ना भाग्य), बेरोजगार स्नातक युवाओं के लिए हर महीने 3,000 रुपये और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों के लिए 1,500 रुपये (दोनों 18-25 आयु वर्ग में) दो साल (युवा निधि) के लिए और सार्वजनिक परिवहन बसों (शक्ति) में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की गारंटी कांग्रेस ने चुनाव से पहले की थी।

कांग्रेस सरकार ने अनुमान लगाया है कि इन योजनाओं को लागू करने में हर साल करीब 50,000 करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं। खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री के एच मुनियप्पा ने गुरुवार को कहा, "हमने पांच गारंटी की घोषणा की है। हमने उन पर विस्तार से चर्चा की। कल हम फैसला लेंगे।" मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, "कैबिनेट बैठक के बाद इन्हें लागू किया जा सकता है।"

वहीं, दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी में विपक्षी दल का नेता चुने जाने को लेकर चर्चा तेज है। कर्नाटक के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने पूर्व सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा से मुलाकात की। प्रदेश भाजपा ने अभी तक नेता प्रतिपक्ष पर फैसला नहीं किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने कहा था, "उन्होंने (कांग्रेस) कहा था कि जिस दिन वे सत्ता में आएंगे, उस दिन इसे लागू करेंगे, लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके। देरी ने साबित कर दिया कि कांग्रेस धोखेबाजों की पार्टी है।"

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