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राजस्थान में कांग्रेस का धरना-प्रदर्शन, सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करते कार्यकर्ता

कांग्रेस आज यानी शनिवार को पूरे राज्य में हर जिला मुख्यालय पर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी...
राजस्थान में कांग्रेस का धरना-प्रदर्शन, सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करते कार्यकर्ता

कांग्रेस आज यानी शनिवार को पूरे राज्य में हर जिला मुख्यालय पर केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। कांग्रेस ये धरने-प्रदर्शन ऐसे समय में कर रही है, जबकि राज्य में राजनीतिक रस्साकशी चल रही है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा था कि भाजपा द्वारा राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के षड़यंत्र के खिलाफ कल (शनिवार) सुबह 11 बजे सभी जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

राहुल गांधी ने कहा था- सरकारें जनता के बहुमत से बनती हैं

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राजस्थान में जारी सियासी गहमागहमी के बीच बीजेपी पर बड़ा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि सरकारें जनता के बहुमत से बनती हैं, राज्यपाल को विधानसभा का सत्र बुलाना चाहिए।

राहुल गांधी ने #ArrogantBJP के साथ ट्वीट कर कहा था, ''देश में संविधान और कानून का शासन है। सरकारें जनता के बहुमत से बनती व चलती हैं। राजस्थान सरकार गिराने का भाजपाई षड्यंत्र साफ है। ये राजस्थान के आठ करोड़ लोगों का अपमान है। राज्यपाल महोदय को विधानसभा सत्र बुलाना चाहिए ताकि सच्चाई देश के सामने आए।''

विधानसभा सत्र  बुलाने की मांग रखी थी

बता दें कि राजस्थान में लगातार गहराते जा रहे सियासी संकट के बीच अब सरकार और राजभवन के बीच भी टकराव शुरू हो गया है। दरअसल, सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को राज्यपाल कलराज मिश्र  से मिलकर विधानसभा सत्र बुलाने की मांग रखी थी। आज राज्यपाल ने उस पर कई क्वेरीज की हैं। उन्होंने जानना चाहा है कि आखिर इतनी जल्दी क्या है कि अचानक से सत्र बुलाने की मांग की गई?

राज्यपाल कलराज मिश्र पर गंभीर आरोप लगाए थे

इन घटनाक्रमों के बीच गहलोत ने होटल फेयरमोंट के बाहर मीडिया के सामने राज्यपाल कलराज मिश्र पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि हमने गुरुवार को ही राज्यपाल से मिलकर विधानसभा सत्र बुलाने की मांग रखी थी। हमें उम्मीद थी राज्यपाल रात तक विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति देंगे, लेकिन हमें दुख है कि राज्यपाल ने कोई फैसला नहीं किया। ऊपर से दबाव के कारण वे सत्र बुलाने का निर्देश नहीं दे रहे हैं।

 

 

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