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एलआईसी के लिए 27 कानूनों को बदलेगी सरकार, हिस्सेदारी बेचकर एक झटके में होगा ये काम

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में एलआईसी की हिस्सेदारी बेचने का ऐलान कर दिया है। अब इस संबंध में...
एलआईसी के लिए 27 कानूनों को बदलेगी सरकार,  हिस्सेदारी बेचकर एक झटके में होगा ये काम

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में एलआईसी की हिस्सेदारी बेचने का ऐलान कर दिया है। अब इस संबंध में दीपम सचिव देबाशीष पांडा का बयान आया है कि सरकार अक्टूबर या उसके बाद एलआईसी का आईपीओ ला सकती है।

बदलेगी 27 कानून

दीपम सचिव के अनुसार एलआईसी का गठन 1956 के कानून के तहत हुआ है जिसमें आईपीओ लाने जैसे प्रावधान नहीं है। ऐसे में सरकार को आईपीओ लाने के लिए बड़े पैमाने पर कई अहम संशोधन करने पड़ेंगे। उनका कहना है करीब 26 -27 संशोधनों में बदलाव लाना होगा तब जाकर एलआईसी का आईपीओ आएगा।

8 से 10 लाख करोड़ रुपए है वैल्यूएशन

एलआईसी देश की सबसे बड़ी कैश रिच कंपनियों में से एक है और वह कई बार सरकार के लिए तारणहार का भी काम करती है। जब उसे पैसे की जरूरत होती है या विनिवेश में मदद की जरूरत पड़ती है तो एलआईसी ही सरकार के काम आती है। अनुमान के अनुसार एलआईसी की इस समय मार्केट वैल्यूएशन करीब 8 से 10 लाख करोड़ पर है।

एक झटके में आ सकते एक लाख करोड़

ऐसी संभावना है कि सरकार एलआईसी के आईपीओ के जरिए दस फीसदी तक अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है। अगर ऐसा होता है तो कंपनी की अच्छी वैल्यूएशन को देखते हुए सरकार को एक झटके में एक लाख करोड़ रुपए मिल सकते हैं।

ग्राहकों को भी मिलेगा पारदर्शिता का लाभ

एक बार एलआईसी जब स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध हो जाएगी तो वह ग्राहकों के पैसों का क्या करती है, कहां निवेश करती है इन सब की जानकारी उसे स्टॉक मार्केट को देनी पड़ेगी। इससे निश्चित तौर पर पारदर्शिता बढ़ेगी और जवाबदेही भी कंपनी की बढ़ जाएगी।

रिटेल निवेशकों को भी फायदा

इसके अलावा जब एलआईसी का आईपीओ आएगा तो छोटे निवेशकों को भी एलआईसी के शेयर खरीदने का भी मौका मिलेगा।  कंपनी की वैल्यूएशन को देखते हुए उन्हें अच्छा रिटर्न भी दे सकता है।


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