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जहां हुआ गीतांजलि का अनुवाद, उस घर को खरीदना चाहती हैं ममता

  ब्रिटेन की राजधानी लंदन के जिस घर में रवींद्रनाथ टैगौर ने कुछ समय बिताया था उसे पश्चिम बंगाल सरकार...
जहां हुआ गीतांजलि का अनुवाद, उस घर को खरीदना चाहती हैं ममता

 

ब्रिटेन की राजधानी लंदन के जिस घर में रवींद्रनाथ टैगौर ने कुछ समय बिताया था उसे पश्चिम बंगाल सरकार खरीदना चाहती है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की योजना इस घर को विश्व प्रसिद्ध लेखक टैगोर के म्यूजियम और मेमोरियल का रूप देने की है। 1912 में कुछ महीनों के लिए उत्तरी लंदन के हैम्पस्टेड हीथ स्थित 3, हीथ विलाज में टैगोर रुके थे। यहां उन्होंने 'गीतांजलि' का अनुवाद किया था।

ममता बनर्जी शनिवार को सात दिन के दौरे पर लंदन पहुंचीं । यहां उन्होंने ब्रिटेन में कार्यवाहक भारतीय उच्चायुक्त दिनेश पटनायक से एक घंटे तक चर्चा की। इसी दौरान उन्होंने इस घर को खरीदने की इच्छा जताई। सूत्र ने बताया, इस घर का ऐतिहासिक महत्व है और मुख्यमंत्री की इच्छा है कि इसे टैगोर का मेमोरियल बनाया जाए।' इस घर की कीमत कुछ साल पहले 2.7 मिलियन पाउंड थी। 2015 में ममता जब लंदन गई थीं तब भी उन्होंने इस पर चर्चा की थी। ममता ने नई उम्मीद के साथ फिर से इस मुद्दे को उठाया है।

गौरतलब है कि बीते महीने कलकत्ता हाई कोर्ट में एक पीआइएल दाखिल कर टैगौर की नोबेल पुरस्कार चोरी होने का मामला सीबीआइ से लेकर सीआइडी को देने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। यह मामला शुरुआत से ही केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच विवाद का विषय रहा है। ममता बनर्जी कई बार कह चुकी हैं कि अगर यह केस राज्य सरकार को ट्रांसफर कर दिया जाए, तो बंगाल पुलिस नोबेल प्राइज का पता लगा लेगी। 2004 में शांति निकेतन से रवींद्र नाथ टैगोर का नोबेल मेडल चोरी हो गया था। 

 

 

 

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