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मिसाल: यहां जानवरों को अपना दूध पिलाती हैं महिलाएं, फोटो वायरल

मास्टर शेफ विकास खन्ना ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर की है, जो काफी वायरल हो रही है। यह फोटो...
मिसाल: यहां जानवरों को अपना दूध पिलाती हैं महिलाएं, फोटो वायरल

मास्टर शेफ विकास खन्ना ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर की है, जो काफी वायरल हो रही है। यह फोटो वाकई काफी हैरान कर देने वाली है। यह फोटो राजस्थान के पश्चिमी इलाके की है जिसमें एक महिला हिरण के बच्चे को अपना दूध पिलाती हुई दिख रही है।

शेफ विकास खन्ना ने इस फोटो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम और ट्विटर पर पोस्ट किया है, जिसे काफी पसंद किया जा रहा है। ये फोटो बिशनोई समाज की महिला की है। इस फोटो में विकास ने बताया है कि इस महिला ने कई हिरण के बच्चों को मरने से बचाया है।

राजस्थान के रेगिस्तान इलाकों में अगर थोड़े बहुत भी दुर्लभ होते खुबसूरत जानवर हिरण दिख रहे हैं, तो उसमें बिश्नोई समुदाय का बहुत बड़ा रोल है। बिश्नोई समाज की महिलाएं न सिर्फ जानवरों को पालती हैं, बल्कि अपने बच्चे की तरह उनका देखभाल करती हैं। सिर्फ महिलाएं ही नहीं, इस समाज के पुरुष भी लावारिस हिरण के बच्चों को घरों में परिवार की रखते हैं।

बिश्नोई समुदाय के लोग ना सिर्फ हिरण को बल्कि किसी भी जानवर पर अत्याचार को सहन नहीं करते हैं। अगर आप राजस्थान भ्रमण जाएंगे, तो नागौर जोधपुर और बाड़मेर जिलों में इस तरह के कई चौंकाने वाले दृश्य देखने को मिल सकते हैं। राजस्थान में पर्यावरण और जानवरों को बचाने के लिए बिश्नोई समाज का ऐतिहासिक योगदान है।

बिश्नोई समाज 

बिश्नोई समाज का नाम भगवान विष्णु के नाम पर पड़ा है। यहां के लोग पर्यावरण की पूजा करते हैं। इस समाज के ज्यादातर लोग जंगल और राजस्थान के रेगिस्तान के पास रहते हैं। ये लोग हिंदू गुरु श्री जम्भेश्वर भगवान को मानते हैं, जो बीकानेर से थे। प्रसिद्ध वन संरक्षण आंदोलन जिसको चिपको मूवमेंट भी कहा जाता है, इसमें बिश्नोई समाज का बड़ा हाथ था। 

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