Advertisement

कर्नाटक संकटः संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही प्रभावित, विपक्षी सदस्यों ने भाजपा पर लगाया आरोप

कर्नाटक संकट को लेकर बुधवार में संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही प्रभावित हुई। लोकसभा में कांग्रेस,...
कर्नाटक संकटः संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही प्रभावित, विपक्षी सदस्यों ने भाजपा पर लगाया आरोप

कर्नाटक संकट को लेकर बुधवार में संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही प्रभावित हुई। लोकसभा में कांग्रेस, डीएमके और तृणमूल कांग्रेस समेत प्रमुख विपक्षी दलों ने हंगामा किया और बाद में सदस्य वाकआउट कर गए। जबकि राज्यसभा में विपक्षी कांग्रेस सदस्यों के हंगाने के कारण शून्यकाल और प्रश्नकाल दोनों ही संचालित नहीं हो पाए।

लोकसभा में विपक्षी सदस्यों का वाकआउट

लोकसभा में कांग्रेस ने शून्यकाल के दौरान कर्नाटक संकट पर चर्चा करवाने की मांग की लेकिन स्पीकर ओम बिरला ने इसकी अनुमति नहीं दी। इससे उत्तेजित सदस्य नारेबाजी करने लगे। स्पीकर ने कहा कि उन्होंने दो दिन इस मुद्दे पर कांग्रेस को बोलने की अनुमति दी थी। आज कर्नाटक मुद्दे उठाने की अनुमति न दिए जाने पर कांग्रेस के अलावा, डीएमके, टीएमसी, एमआइएम, आइयूएमएल, नेशनल कांफ्रेंस और एनसीपी के सदस्य वाटकाउट कर गए। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों को लुभा रही है।

राज्यसभा में हंगामे से कार्यवाही दो बार स्थगित

उधर, कांग्रेस सदस्यों ने राज्यसभा में भी जमकर हंगामा किया और आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक में कांग्रेस की गठबंधन सरकार को अस्थिर बनाने का प्रयास कर रही है। संसद की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेसी सदस्य खड़े हो गए लेकिन सभापति एम. वेंकैया नायडू के कड़े रुख के कारण सदस्य शांत हो गए। लेकिन थोड़ी बाद कांग्रेसी सदस्य सदन में सभापति के आसन के सामने इकट्ठे हो गए और हंगामा करने लगे। इसके बाद नायडू ने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी। दोपहर बाद दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो फिर से हंगामा होने लगा। इस पर सभापति ने दोबारा कार्यवाही स्थगित कर दी।

सभापति ने नहीं मानी नियम 267 के तहत चर्चा की मांग

राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही नायडू ने कहा कि उन्होंने कपिल सिब्बल समेत कांग्रेसी सदस्यों का नियम 267 के तहत नोटिस स्वीकार नहीं किया है। इस नोटिस में सदस्यों ने अपने मुद्दे उठाने के लिए नियमों में ढील देने की मांग की थी। नायडू ने उत्तेजित सदस्यों से कहा कि इस कदम से लोकतंत्र पर खतरा बढ़ेगा। इसलिए ऐसा करना ठीक नहीं है। नायडू ने सदस्यों का विरोध जारी रहने पर कहा कि क्या आप लोग लोकतंत्र को काम करने नहीं देना चाहते हैं। इसके बाद सदस्य अपनी सीटों पर बैठ गए और सदन में शून्यकाल की कार्यवाही शुरू हो गई। इस दौरान जन हित के महत्वपूर्ण और तुरंत उठने योग्य मुद्दों पर चर्चा होती है। मुश्किल से चार सदस्यों ने शून्यकाल में मुद्दे रखे होंगे, तभी कांग्रेस के सदस्य फिर से खड़े हो गए।

आनंद शर्मा के आने के बाद बढ़ा हंगामा

कांग्रेसी सदस्य अपने उप नेता आनंद शर्मा की मौजूदगी से उत्साहित होकर दोबारा विरोध के लिए आगे आए। कार्यवाही प्रारंभ होने के कारण शर्मा सदन में उपस्थित नहीं है। उन्होंने आकर मांग की कि नियम 267 के तहत उनकी पार्टी के सदस्यों द्वारा दिए गए नोटिस को स्वीकार करने की मांग की लेकिन सभापति ने कहा कि यह उनका अंतिम फैसला है। उन्होंने कहा कि अगर सदस्यों को कोई समस्या है तो वे उनसे बाद में मिल सकते हैं।

भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप

जैसे ही कांग्रेसी सदस्य नारेबाजी करते हुए सभापति के आसन के समक्ष पहुंचे, नायडू ने सदस्यों को समझाने का प्रयास किया लेकिन हंगामा न रुकने पर उन्होंने कार्यवाही रोक दी। सदस्यों ने भाजपा पर कर्नाटक में कांग्रेस की गठबंधन सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाते हुए विरेध किया। उन्होंने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख के भी आरोप लगाए।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad