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‘पीएम कैंडिडेट’ की रेस में कूदे यशवंत सिन्हा, बताए रोजगार पैदा करने के तरीके

आगामी लोकसभा चुनाव के मुद्देनजर भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकजुट हो रहे विपक्षी...
‘पीएम कैंडिडेट’ की रेस में कूदे यशवंत सिन्हा, बताए रोजगार पैदा करने के तरीके

आगामी लोकसभा चुनाव के मुद्देनजर भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकजुट हो रहे विपक्षी नेताओं में कौन सरकार बनने की स्थिति में देश को नेतृत्व देगा, यह सवाल पिछले कुछ वक्त से चर्चा का विषय है। 19 जनवरी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की महारैली के बाद यह सवाल फिर से तेजी पकड़ रहा है। इन सबके बीच कोलकाता में 22 दलों के 44 नेताओं के बीच ममता के मंच पर मौजूद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने देश का रोजगार संकट दूर करने वाले प्रधानमंत्री के तौर पर खुद को सबसे प्रबल दावेदार बताया है। सोमवार को यशवंत सिन्हा से जब अगले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 'पीएम कैंडिडेट' के लिए सबसे करीबी उम्मीदवार वो खुद हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास अगले पांच साल में अर्थव्यवस्था को वापस ढर्रे पर लाने, रोजगार के मौके पैदा करने का प्लान है।

पूर्व बीजेपी सांसद और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने एक टीवी शो के दौरान ये इच्छा जाहिर की है। दरअसल, शो में चर्चा के दौरान यशवंत सिन्हा से सवाल किया गया कि देश में हर साल 1.2 करोड़ रोजगार पैदा करना सबसे बड़ी चुनौती माना जा रहा है, ऐसे में वह प्रधानमंत्री के तौर पर किस नेता के अंदर यह क्षमता देखते हैं जो इन पैमानों पर खरा उतर सके। इसके जवाब में यशवंत सिन्हा ने कहा कि रोजगार के अलावा मैं यह भी कहूंगा कि देश में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक हमें लाखों किलोमीटर सड़कें बनानी हैं। इसके अलावा कृषि के क्षेत्र में भी बहुत काम होने हैं और नए शहर बनने हैं।

पीएम कैंडिडेट के लिए सिन्हा ने आगे किया अपना नाम

पूर्व बीजेपी सांसद ने कहा कि देश में समस्या करोड़ों नौकरियों और लाखों किलोमीटर सड़कों के निर्माण की नहीं है। भारत को एक ऐसे नेता की जरूरत है जो खेती-किसानी को मुनाफे वाला बना सके और सिंचाई परियोजनाओं, टाउनशिप और उद्योगों को स्थापित कर सके।

यशवंत सिन्हा के इस जवाब पर फिर उनसे सवाल किया गया कि कौन ऐसा नेता है? इस पर उन्होंने कहा, ‘मेरे जहन में तो कोई नहीं है।’ फिर उनसे पूछा गया सबसे नजदीक कौन है? इस पर उन्होंने कहा, ‘सबसे नजदीक तो मैं खुद हूं।’ 

हर साल 2-3 करोड़ रोजगार पैदा किए जा सकते हैं

इससे आगे यशवंत सिन्हा ने कहा कि हर साल सिर्फ सवा करोड़ नहीं, बल्कि 2-3 करोड़ रोजगार पैदा किए जा सकते हैं लेकिन हम ऐसा कर नहीं कर रहे हैं। इसके आगे उन्होंने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमें ऐसा देखना पड़ेगा जो ये सब करने के लिए तैयार हो।

गडकरी की दावेदारी पर सिन्हा ने क्या कहा

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के सवाल पर यशवंत सिन्हा ने कहा कि हाल ही में उनके नाम को लेकर कुछ चर्चा शुरू जरूर हुई थी, लेकिन गडकरी के लिए कोई उम्मीद नहीं है। सिन्हा ने कहा कि वह ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की पार्टी पर पकड़ को जानते हैं। उन्होंने कहा कि अगर 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की 200 से भी कम सीटें आती हैं, तो भी मोदी-शाह नेतृत्व से नहीं हटेंगे।

इस रेस में मैं इनके पीछे सबसे नजदीक हूं: येचुरी

इतना ही नहीं, यशवंत सिन्हा के बराबर में बैठे सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी भी इस जवाब पर मुस्कुरा गए और उन्होंने कहा कि इस रेस में मैं इनके पीछे सबसे नजदीक हूं। यशवंत सिन्हा का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि ममता की महारैली के बाद बीजेपी और उनके सहयोगी दल विपक्षी एकुजटता पर पीएम उम्मीदवार का नाम पूछकर टिप्पणी कर रहे हैं।

बीजेपी नेता सिद्धार्थनाथ सिंह ने हाल ही में तंज कसते हुए कहा कि हफ्ते में सात दिन होते हैं, इसलिए दिन एक-अलग-अलग प्रधानमंत्री बन जाएं जबकि महागठबंधन के सहयोगी दलों के अंदर से भी अलग-अलग आवाजें आ रही हैं।

अखिलेश ने यूपी से अगला पीएम होने की इच्छा जाहिर की थी

वहीं, बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन का ऐलान करते वक्त समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से जब मायावती की पीएम उम्मीदवार पर सवाल किया गया था तो उन्होंने यूपी से अगला पीएम होने की इच्छा जाहिर की थी। इसके बाद जब कोलकाता में रैली हुई तो उन्होंने देश को नए पीएम की जरूरत वाला बयान देना शुरू कर दिया। जबकि दूसरी तरफ कर्नाटक में कांग्रेस के सहयोग से सरकार चला रहे जनता दल सेकुलर के नेता एचडी कुमारस्वामी ने ममता बनर्जी में पीएम बनने की सभी क्षमताओं का जिक्र किया था। उससे पहले डीएमके नेता एमके स्टालिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम की वकालत कर चुके हैं।

ऐसे में अब जबकि चुनावी रैलियों का दौरा शुरू हो गया है और बीजेपी विरोधी दल एक साथ आकर उसे परास्त करने की प्रतिबद्धता जाहिर कर रहे हैं, उस स्थिति में पीएम उम्मीदवार की रेस में यशवंत सिन्हा ने अपना नाम देकर ट्विस्ट दे दिया है। 

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