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आजमगढ़ पहुंची प्रियंका गांधी, कहा- लोकतंत्र में आवाज उठाना अपराध नहीं

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के संसदीय...
आजमगढ़ पहुंची प्रियंका गांधी, कहा- लोकतंत्र में आवाज उठाना अपराध नहीं

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ का दौरा किया और जेल में बंद सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। उऩ्होंने कहा कि लोकतंत्र में आवाज उठाना कोई अपराध नहीं था।

केंद्र और उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकारों पर संविधान को नष्ट करने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने दोनों सरकारों को "गरीब-विरोधी और जन-विरोधी" करार दिया। उन्होंने लोगों को चेताया कि अगर आप और हम इसे नहीं बचाते हैं, तो संविधान नष्ट हो जाएगा। अपनी एसयूवी की छत से बिलहरीगंज इलाके में लोगों को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, "आपके साथ जो भी हुआ वह गलत था, एक अन्याय था। हम सभी अन्याय के खिलाफ खड़े होंगे।"

संविधान के खिलाफ ला रहे थे कानून

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, ‘आपने उत्तराखंड में भाजपा सरकार को यह कहते हुए देखा है कि आरक्षण कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है।‘  उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार संविधान को नष्ट करने की बात कर रही थी। आप सभी को खड़ा होना होगा क्योंकि वे जो कानून लाने की योजना बना रहे हैं वे एक समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे संविधान के खिलाफ हैं।"

शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के साथ है कांग्रेस

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के साथ खड़ी रहेगी। पार्टी महासचिव ने कहा, "मैं बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, लखनऊ, वाराणसी और अन्य स्थानों पर गई थी जहाँ पुलिस और प्रशासन ने अत्याचार किए थे। पार्टी ने इस पर रिपोर्ट तैयार कर एनएचआरसी को दिया था। कांग्रेस नेता ने कहा कि वह आजमगढ़ में अत्याचार करने वाले पुलिसकर्मियों के नाम भी भेजेगी। प्रियंका गांधी ने कहा, "कांग्रेस पार्टी आज आपके साथ खड़ी है, कल भी आपके साथ खड़ी रहेगी और न्याय मिलने तक आपके साथ खड़ी रहेगी।"

कई मुस्लिम महिलाओं ने संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ पिछले सप्ताह यहां मौलाना जौहर पार्क इलाके में एक विरोध प्रदर्शन किया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। इल विरोध प्रदर्शन में शामिल 35 ज्ञात और 100 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इनमें से पुलिस ने 20 को गिरफ्तार किया था।

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