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नेताजी के साथ क्या हुआ, यह देश को जानने का अधिकार: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि लोगों को यह जानने का अधिकार है कि नेताजी...
नेताजी के साथ क्या हुआ, यह देश को जानने का अधिकार: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि लोगों को यह जानने का अधिकार है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ क्या हुआ था। बता दें 74 साल पहले आज ही के दिन नेताजी 'लापता' हो गए थे। हालांकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, नेताजी की मौत 18 अगस्त 1945 में एक विमान हादसे में हुई थी।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनके साथ क्या हुआ, यह जानने का अधिकार देश के लोगों को है। रविवार सुबह मुख्यमंत्री ने इस बारे में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘1945 में आज ही के दिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस ताइवान में ताइहोकू एयरपोर्ट से एक विमान में सवार हुए थे। उसके बाद हमेशा के लिए लापता हो गए। आज तक हम नहीं जानते कि उनके साथ क्या हुआ? देशवासियों को यह अधिकार है कि भारत के वीर पुत्र के साथ क्या हुआ इस बारे में जान सकें।’

नेताजी की मृत्यु को लेकर आज भी विवाद है। कहा जाता है कि 18 अगस्त 1945 को जब वह ताइहोकू एयरपोर्ट से विमान में सवार हुए तो आकाश में विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें उनकी मौत हो गई। जहां जापान में प्रतिवर्ष 18 अगस्त को उनका शहीद दिवस धूमधाम से मनाया जाता है वहीं भारत में रहने वाले उनके परिवार के लोगों का आज भी यह मानना है कि सुभाष की मौत 1945 में नहीं हुई। वे उसके बाद रूस में नजरबन्द थे।

केंद्र ने समय-समय पर पैनलों का गठन किया था- 1956 में शाह नवाज समिति, 1970 में खोसला कमिसन, 2005 में मुखर्जी कमिसन- नेताजी की मौत या गुमशुदगी के आसपास के रहस्यों पर प्रकाश डालने के लिए, लेकिन कोई भी जवाब प्रस्तुत नहीं कर सका।

16 जनवरी 2014 को कलकत्ता हाई कोर्ट ने नेताजी के लापता होने के रहस्य से जुड़े खुफिया दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के लिये स्पेशल बेंच के गठन का आदेश दिया था।

1 सितंबर 2016 को, नरेंद्र मोदी सरकार ने जापानी सरकार की खोजी रिपोर्टों को डिकैफ़िनेट किया, जिसमें यह निष्कर्ष निकाला गया कि बोस की ताइवान में एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई।

हालांकि, कई लोग यह मानते रहे हैं कि नेताजी विमान दुर्घटना में बच गए थे और छिपकर रहते थे।

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