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बजट 2023: अखिलेश यादव के समर्थन में हैं मायावती? बजट पर कहा- 'झूठी उम्मीदें क्यों?'

वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने 1 फरवरी यानी बुधवार को संसद में आम बजट 2023-24 पेश किया गया। इस पर विपक्षी...
बजट 2023: अखिलेश यादव के समर्थन में हैं मायावती? बजट पर कहा- 'झूठी उम्मीदें क्यों?'

वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने 1 फरवरी यानी बुधवार को संसद में आम बजट 2023-24 पेश किया गया। इस पर विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। बजट पेश होने के बाद बहुजन समाजपार्टी की प्रमुख मायावती और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

बसपा प्रमुख ने कहा, "देश में पहले की तरह पिछले नौ वर्षों में भी केन्द्र सरकार के बजट आते-जाते रहे जिसमें घोषणाओं, वादों, दावों व उम्मीदों की बरसात की जाती रही, किन्तु वे सब बेमानी हो गए जब भारत का मिडिल क्लास महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि की मार के कारण लोवर मिडिल क्लास बन गया, अति-दुखद।"

मायावती ने आगे कहा, "इस वर्ष का बजट भी कोई ज्यादा अलग नहीं, पिछले साल की कमियां कोई सरकार नहीं बताती और नए वादों की फिर से झड़ी लगा देती है जबकि जमीनी हकीकत में 100 करोड़ से अधिक जनता का जीवन वैसे ही दाव पर लगा रहता है जैसे पहले था। लोग उम्मीदों के सहारे जीते हैं, लेकिन झूठी उम्मीदें क्यों?"

बसपा सुप्रीमो ने कहा, "सरकार की संकीर्ण नीतियों व गलत सोच का सर्वाधिक दुष्प्रभाव उन करोड़ों गरीबों किसानों व अन्य मेहनतकश लोगों के जीवन पर पड़ता है जो ग्रामीण भारत से जुड़े हैं और असली भारत कहलाते हैं। किसानों व अन्य मेहनतकश लोगों के जीवन पर पड़ता है जो ग्रामीण भारत से जुड़े हैं और असली भारत कहलाते हैं।"

उन्होंने कहा, "केन्द्र जब भी योजना लाभार्थियों के आँकड़ों की बात करे तो उसे जरूर याद रखना चाहिए कि भारत लगभग 130 करोड़ गरीबों, मजदूरों, वंचितों, किसानों आदि का विशाल देश है जो अपने अमृतकाल को तरस रहे हैं। उनके लिए बातें ज्यादा हैं, बजट पार्टी से ज्यादा देश के लिए हो तो बेहतर।"

 

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि ये बजट निल बट्टा सन्नाटा है, बिहार के लिए कुछ नहीं है। केंद्र में बिहार के जितने सांसद हैं उन्हें शर्म से डूब जाना चाहिए। किसानों के लिए, रेलवे के लिए कुछ नहीं है। UPA की सरकार में बिहार को जितना दिया जाता था क्या इस सरकार ने दिया?

 

बिहार के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी धर्म की राजनीति से ध्यान भटका कर संविधान खत्म कर रही है। नाम बदलने के अलावा इन्होंने कुछ किया? इससे किसे रोजी-रोटी मिली?बिहार के लोगों को ठगने की कोशिश की गई है। मध्यम वर्ग महंगाई से परेशान है। टैक्स में छूट आंखों में धूल झोंकने के बराबर है।

इससे पहले अखिलेश यादव ने बजट को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी। भाजपाई बजट महंगाई व बेरोज़गारी को और बढ़ाता है। किसान, मज़दूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए बनता है।"

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