Advertisement

चुनाव के दौरान फडणवीस को सीएम बनाने पर किसी ने नहीं जताई थी आपत्तिः अमित शाह

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद वहां सरकार गठन के मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित...
चुनाव के दौरान फडणवीस को सीएम बनाने पर किसी ने नहीं जताई थी आपत्तिः अमित शाह

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद वहां सरकार गठन के मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, "चुनावों से पहले पीएम और मैंने कई बार सार्वजनिक रूप से कहा कि अगर हमारा गठबंधन जीतता है तो देवेंद्र फडणवीस सीएम होंगे, तब किसी ने आपत्ति नहीं की थी। अब वे नई मांगें लेकर आए हैं, जो हमें स्वीकार्य नहीं हैं।" भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि इस मुद्दे पर विपक्ष राजनीति कर रहा है और एक संवैधानिक पद को इस तरह से राजनीति में घसीटना मैं नहीं मानता कि लोकतंत्र के लिए स्वस्थ परंपरा है।

एएनआई को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि इससे पहले किसी भी राज्य में सरकार बनाने के लिए 18 दिन जितना समय नहीं दिया था। राज्यपाल ने विधानसभा कार्यकाल समाप्त होने के बाद ही पार्टियों को आमंत्रित किया। न तो शिवसेना और न ही कांग्रेस-एनसीपी ने दावा किया और न ही हमने। उन्होंने कहा कि एनसीपी ने साढ़े 11 से 12 बजे के बीच में पत्र लिखकर अपनी असमर्थता जता दी थी कि हम सरकार नहीं बना सकते। इस मामले में जल्दबाजी नहीं की गई है।

'किसी को मौका देने से नहीं किया इनकार'

उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने संविधान के नियमों का पालन किया। अगर आज भी किसी पार्टी के पास संख्या है तो वह राज्यपाल से संपर्क कर सकती है। राज्यपाल ने किसी को भी मौका देने से इनकार नहीं किया है। कपिल सिब्बल जैसे काबिल वकील बचकानी दलीलें दे रहे हैं और कह रहे हैं कि हमें सरकार बनाने का मौका नहीं दिया गया। 

‘राष्ट्रपति शासन से भाजपा को नुकसान'

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रपति शासन आने से अगर किसी का नुकसान हुआ है तो वह भाजपा का हुआ है, क्योंकि हमारी केयरटेकर सरकार चली गई है। नुकसान विपक्ष का नहीं हुआ है। अगर वो चाहते हैं कि इस प्रकार की भ्रांति पैदा करके देश की जनता की हमदर्दी पाए तो मुझे लगता है कि इस देश की जनता की समझ पर उनको भरोसा नहीं है।

संवैधानिक प्रक्रिया का उड़ाया मजाकः कांग्रेस

बता दें  कि मंगलवार को कल राज्यपाल और केंद्रीय कैबिनेट की सिफारिश के बाद महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी थी। जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। महाराष्ट्र के गवर्नर ने राष्ट्रपति को भेजी एक रिपोर्ट में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी। कांग्रेस ने इस पर कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करके संवैधानिक प्रक्रिया का मजाक उड़ाया है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad