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मिलिंद देवड़ा के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी दिया अपने पद से इस्तीफा

लोकसभा चुनाव नतीजों के डेढ़ महीने बाद तक कांग्रेस में इस्तीफा देने का सिलसिला जारी है। ज्योतिरादित्य...
मिलिंद देवड़ा के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी दिया अपने पद से इस्तीफा

लोकसभा चुनाव नतीजों के डेढ़ महीने बाद तक कांग्रेस में इस्तीफा देने का सिलसिला जारी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी रविवार को कांग्रेस महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद बड़े नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया और मिलिंद देवड़ा के इस्तीफे आए हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस्तीफे की जानकारी अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से साझा की। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया, 'जनादेश को स्वीकार करते हुए और जिम्मेदारी लेते हुए मैंने ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी (एआईसीसी) के महासचिव पद से अपना इस्तीफा राहुल गांधी को सौंप दिया है। मुझ पर विश्वास जताए तथाऔर यह जिम्मेदारी देने और पार्टी की सेवा करने का अवसर देने के लिए मैं धन्यवाद देता हूं।' उधर, देवड़ा ने आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए एक तीन सदस्यीय समिति बनाने का सुझाव दिया है जो राज्य कांग्रेस का नेतृत्व करेगी।

पश्चिमी यूपी में निराशा हाथ लगी
लोकसभा चुनाव 2019 के बाद से ही कांग्रेस में उठापटक का दौर शुरू हो गया है। बता दें कि कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी भी नियुक्त किया था। हालांकि, तमाम दांव खेलने के बावजूद कांग्रेस को यूपी समेत पूरे देश से निराशा ही हाथ लगी। यूपी से कांग्रेस महज एक सीट पर ही जीत दर्ज कर पाई। हार के आंकड़ों को देखने के बाद राहुल गांधी ने कई दिग्गज नेताओं की कार्यशैली पर सवाल भी खड़े किए थे।

देवड़ा ने ली हार की नैतिक जिम्मेदारी
मिलिंद ने इस्तीफे की जानकारी देते हुए कहा कि वे पिछले हफ्ते राहुल गांधी से मिले थे। जिसमें उन्होंने इस्तीफे की बात की थी। राहुल गांधी से मिलने के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसी के साथ ही मिलंद देवड़ा ने लोकसभा चुनाव में हार की नैतिक जिम्मेदारी भी अपने ऊपर ली है और कांग्रेस हाईकमान को अपना इस्तीफा भेज दिया है।

दिल्ली में मिल सकती है जिम्मेदारी
मिलिंद देवड़ा के बारे में कहा जा रहा है कि वे दिल्ली आ रहे हैं और कोई बड़ी जिम्मेदारी संभालेंगे। महाराष्ट्र में फिलहाल कांग्रेस के सामने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)-शिवसेना गठबंधन और वंचित आघाडी से लोहा लेने की चुनौती है क्योंकि दोनों पार्टियों का गठबंधन दिनों दिन मजबूत हुआ है जबकि कांग्रेस कमजोर हुई है। भावी विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस की चिंता और बढ़ गई है।

दक्षिण मुंबई से हारे चुनाव
अंबानी परिवार के करीबी माने जाने वाले मिलिंद देवड़ा ने दक्षिण मुंबई से चुनाव लड़ा था लेकिन वे चुनाव हार गए थे। जिसके बाद से उन पर इस्तीफे को लेकर दबाव बढ़ रहा था। इसके साथ ही मिलिंद ने पिछले महीने पार्टी लाइन से हटकर मोदी सरकार की वन नेशन वन इलेक्शन पहल का समर्थन किया था। जिसके चलते वे हाईकमान के निशाने पर आ गए थे।
वन नेशन वन इलेक्शन के समर्थन में देवड़ा ने कहा था कि केंद्र सरकार का यह प्रस्ताव चर्चा योग्य है। हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि 1967 में देश में एक साथ चुनाव कराए गए थे। सरकार को आम सहमति बनाने का प्रयास जारी रखना चाहिए।

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