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आपातकाल की बरसी पर ममता का वार- पिछले 5 साल से देश में 'सुपर इमरजेंसी'

44 साल पहले 25 जून 1975 को भारत में आपातकाल लागू हुआ था। आज उस दिन की बरसी है, ऐसे में हर नेता उस दौर को याद कर...
आपातकाल की बरसी पर ममता का वार- पिछले 5 साल से देश में 'सुपर इमरजेंसी'

44 साल पहले 25 जून 1975 को भारत में आपातकाल लागू हुआ था। आज उस दिन की बरसी है, ऐसे में हर नेता उस दौर को याद कर रहा है। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इसको लेकर ट्वीट कर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि आज इमरजेंसी की बरसी है, लेकिन पिछले पांच साल में देश में सुपर इमरजेंसी लागू हो गई है।

अपने ट्वीटर अकाउंट के माध्यम से ममता बनर्जी ने लिखा, ‘पिछले पांच साल में भारत में सुपर इमरजेंसी के हालात हैं। हमें इतिहास से काफी कुछ सीखना चाहिए और लोकतांत्रिक संस्थानों की रक्षा करने के लिए लड़ते रहना चाहिए।’ साफ है कि इमरजेंसी के बहाने एक बार फिर उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

इमरजेंसी को  लेकर जानिए और किसने क्या कहा

 

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो क्लिप डालकर इमरजेंसी को याद किया तो वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा कि आज ही के दिन राजनीतिक हितों के लिए लोकतंत्र की हत्या कर दी गई थी। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर लिखा कि इस दिन को देश संस्थानों की अखंडता बनाएर रखने के तौर पर याद रखे।

प्रधानमंत्री ने क्या कहा-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो डालकर इमरजेंसी के कालखंड को याद किया। इसमें संसद में दिए गए पीएम के भाषण का हिस्सा भी दिखाया गया है।

अमित शाह ने क्या कहा-

केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने भी इस पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि 1975 में आज ही के दिन मात्र अपने राजनीतिक हितों के लिए देश के लोकतंत्र की हत्या की गई. देशवासियों से उनके मूलभूत अधिकार छीन लिए गए, अखबारों पर ताले लगा दिए गए। लाखों राष्ट्रभक्तों ने लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने के लिए अनेकों यातनाएं सहीं, मैं उन सभी सेनानियों को नमन करता हूं।

राजनाथ सिंह ने कही ये बात

राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘25 जून, 1975 को आपातकाल की घोषणा और इसके बाद की घटनाएं, भारत के इतिहास के सबसे गहरे अध्यायों में से एक के रूप में चिह्नित हैं। इस दिन, हमें भारत के लोगों को हमेशा अपने संस्थानों और संविधान की अखंडता को बनाए रखने के महत्व को याद रखना चाहिए।’

चुनाव के दौरान से ही जारी है मोदी बनाम ममता की लड़ाई

मोदी सरकार और ममता बनर्जी के बीच पिछले पांच साल में कई तरह की अनबन हुईं। ममता बनर्जी ने भी पूरे आक्रामक तरीके से भाजपा पर हमला किया। फिर चाहे वह सीबीआई का मामला हो, लोकसभा चुनाव या फिर पंचायत चुनाव। ममता और बीजेपी में तल्खी इतनी है कि उन्होंने प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण में आने से मना कर दिया था, नीति आयोग की बैठक में भी आने से इनकार कर दिया था।

भाजपा और टीएमसी में खींची हुई हैं तलवारें

बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान से ही भाजपा और टीएमसी में तलवारें खींची हुई हैं। दोनों दलों के कार्यकर्ता हिंसा पर उतरे हुए हैं, कई कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई। जय श्री राम को लेकर राज्य में हालात बेकाबू होते गए हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा को बंगाल में काफी फायदा हुआ है, बीजेपी को कुल 18 और टीएमसी को कुल 22 सीटें मिली हैं।

जब लागू हुआ था आपातकाल

25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू करने का ऐलान किया था। आपातकाल देश में करीब 2 साल तक चला था, इस दौरान सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले को जेल में डाला जा रहा था। प्रेस पर कई तरह की बंदिशें थीं। भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी कई मौकों पर कांग्रेस को इसी आपातकाल के कारण कोसते रहे हैं।

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