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ट्रैफिक नियमों पर राजनीति तेज, नितिन गडकरी के आवास पर कांग्रेस का प्रदर्शन

नए ट्रैफिक नियमों को लेकर हो रही सख्ती के बाद इस मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है। बुधवार को दिल्ली यूथ...
ट्रैफिक नियमों पर राजनीति तेज, नितिन गडकरी के आवास पर कांग्रेस का प्रदर्शन

नए ट्रैफिक नियमों को लेकर हो रही सख्ती के बाद इस मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है। बुधवार को दिल्ली यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी के दिल्ली स्थित आवास पर प्रदर्शन किया। कांग्रेस का कहना है कि यदि गरीब आदमी 25 हजार रुपये का चालान कटवाएगा तो वह अपना घर कैसे चलाएगा। यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक इन नियमों में बदलाव नहीं किया जाता तब तक वह अपना विरोध जारी रखेंगे।

प्रदर्शन कर रहे लोगों ने विरोध स्वरूप अपने पुराने वाहन नितिन गडकरी को सौंपने की बात भी कही। वहीं, राजस्थान के उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि कानून का पालन सभी को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो चीजें व्यवहारिक नहीं हैं, उनमें बदलाव होना ही चाहिए। वहीं कांग्रेस के एक और नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि इस तरह का भारी-भरकम जुर्माना लगाने से अच्छा है कि सरकार को लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करना चाहिए।

नितिन गडकरी ने कहा, जिंदगी बचाना प्राथमिकता

इससे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि लोगों की जिंदगी बचाने के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। उन्होंने कहा जुर्माने से मिली रकम राज्य सरकारों की ही मिलेगी। राज्य सरकार जुर्माना घटाने का फैसला कर सकती है और यह उनपर निर्भर करता है। उन्होंने कहा, 'केंद्र का मकसद सड़क परिवहन को सुरक्षित बनाना है। अगर लोग नियमों का पालन करेंगे तो उन्हें जुर्माना भरने की जरूरत नहीं है। भारी-भरकम जुर्माने का मकसद जनहानि कम करना था।'

'राजस्व बढ़ाना उद्देश्य नहीं'

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा था कि जुर्माना बढ़ाने का उद्देश्य राजस्व बढ़ाना नहीं है। उन्होंने कहा, 'हम लोगों से कोई जुर्माना नहीं वसूलना चाहते हैं, सड़क सफर को सुरक्षित बनाना चाहते हैं। रोड हादसों के मामले में भारत का रेकॉर्ड विश्व में काफी खराब है। अगर लोग परिवहन नियमों का पालन करेंगे तो उन्हें कोई रकम देने की जरूरत नहीं है।'

गुजरात सरकार ने घटाया जुर्माना

वहीं मंगलवार को बीजेपी शासित प्रदेश गुजरात में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के 24 मामलों में जुर्माने की दर 90 पर्सेंट तक कम कर दी गई है। इसके बाद अब ऐसे कई अन्य राज्य भी फाइन घटाने पर विचार कर रहे हैं, जहां अब तक नए मोटर वीइकल ऐक्ट को लेकर नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है। दिल्ली सरकार भी ऐसे कुछ जुर्माने कम करने पर विचार कर रही है, जिन्हें मौके पर चुकाया जा सकता है। दिल्ली सरकार फिलहाल मोटर वीइकल ऐक्ट के तहत अपने अधिकारों की स्टडी कर रही है और कितने मामलों में वह चालान को कम कर सकती है, इस पर विचार कर रही है।

1 सितंबर से मोटर वीइकल ऐक्ट (संशोधन) 2019 पूरे देश में लागू हो गया है। हालांकि कई राज्यों ने इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। नए नियमों के मुताबिक ट्रैफिक नियम तोड़ने पर लोगों को भारी-भरकम जुर्माना भरना पड़ेगा। नए नियम लागू होने के बाद से देश भर में कई जगह से 50 हजार रुपये से ज्यादा का चालान कटने की खबरें भी आ रही हैं।

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