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अगर शिवसेना सदन में बीजेपी के खिलाफ वोट करती है, तो उन्हें समर्थन देने पर करेंगे विचार: एनसीपी नेता मलिक

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर गतिरोध जारी है। इस बीच मुंबई इकाई के एनसीपी अध्यक्ष नवाब मलिक ने कहा...
अगर शिवसेना सदन में बीजेपी के खिलाफ वोट करती है, तो उन्हें समर्थन देने पर करेंगे विचार: एनसीपी नेता मलिक

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर गतिरोध जारी है। इस बीच मुंबई इकाई के एनसीपी अध्यक्ष नवाब मलिक ने कहा कि अगर बीजेपी की सरकार गिर जाती है तो राज्य के हित के लिए हम लोग वैकल्पिक सरकार बनाने की कोशिश करेंगे।उनकी पार्टी शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करने पर विचार कर सकती है। 

मलिक ने कहा, "अगर बीजेपी की सरकार बनती है, तो एनसीपी सदन के पटल पर सरकार के खिलाफ मतदान करेगी। हम देखेंगे कि अगर शिवसेना सरकार को गिराने के लिए सदन में बीजेपी के खिलाफ वोट देती है, तो हम शिवसेना के नेतृत्व में वैकल्पिक सरकार का समर्थन करने पर विचार करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, "राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करके प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह पहले भी शुरू किया जा सकता था। उन्हें एहतियात बरतनी चाहिए क्योंकि भाजपा के पास स्थिर सरकार बनाने के लिए संख्या नहीं है।”

12 नवंबर को एनसीपी की बैठक

मलिक ने कहा कि 54 विधायकों वाली एनसीपी ने राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा करने के लिए 12 नवंबर को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है।

पवार ने किया था इनकार

हालांकि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना के साथ जाने की संभावना से इनकार किया है। पवार ने 24 अक्टूबर को कहा था, “मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना को समर्थन देने और उनके साथ जाने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है ... महाराष्ट्र में हमारे अपने साथी हैं और हम उनके साथ चलेंगे और केवल उनका समर्थन करेंगे ... हम हमारे फैसलों पर दृढ़ रहें। राकांपा, कांग्रेस और अन्य सहयोगी भविष्य की कार्रवाई के बारे में एक साथ फैसला करेंगे और हम शिवसेना के साथ नहीं जाएंगे।"

भाजपा को मिला है सरकार बनाने का न्योता

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी भाजपा को सरकार बनाने का न्योता मिला है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने का न्योता दिया है। विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 105 सीटों पर जीत मिली थी वहीं शिवसेना 56 सीटें जीतकर दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी। महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला था लेकिन सत्ता बंटवारे को लेकर दोलों दलों के मनमुटाव सामने आ गए हैं, जिस कारण राज्य सरकार गठन का मामला अधर में लटक गया है। लिहाजा राज्यपाल की तरफ से सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का न्योता मिलने के बाद भी स्थिति अभी तक साफ नहीं हो पाई है।

 

 

 

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