Advertisement

राहुल की 'ताजपोशी' करीब, CWC ने किया चुनाव के कार्यक्रम का ऐलान

गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान नौ दिसंबर को होना है। इससे ठीक पहले चार दिसंबर को राहुल...
राहुल की 'ताजपोशी' करीब, CWC ने किया चुनाव के कार्यक्रम का ऐलान

गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान नौ दिसंबर को होना है। इससे ठीक पहले चार दिसंबर को राहुल गांधी बतौर अध्यक्ष कांग्रेस की कमान संभाल सकते हैं।

सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया का ऐलान कर दिया गया। इसके मुताबिक 19 दिसंबर को मतगणना होगी और इसी दिन अध्यक्ष के नाम का ऐलान होगा। लेकिन, अटकलें हैं कि 4 दिसंबर को नामांकन भरने के साथ ही राहुल गांधी के नाम की घोषणा कर दी जाएगी, क्योंकि किसी और के नामांकन दाखिल करने की संभावना नहीं है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी पहले ही कह चुके हैं यदि अध्यक्ष पद के लिए एक ही उम्मीदवार हुआ तो नामांकन वापस लेने की तारीख को ही अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा। इससे कांग्रेस की निर्णय करने वाली सर्वोच्च संस्था सीडब्ल्यूसी की बैठक पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर हुई। इसमें राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया। घोषित कार्यक्रम के अनुसार, चुनाव की अधिसूचना 1 दिसंबर को जारी होगी। नामांकन पत्र भरने की अंतिम तारीख 4 दिसंबर तय की गई है। यदि एक से ज़्यादा वैध नामांकन दाखिल किए जाते हैं और चुनाव की नौबत आती है, तो मतदान 15 दिसंबर को होगा। मतगणना 19 दिसंबर को होगी। उल्लेखनीय है कि 18 दिसंबर को गुजरात और ‌हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे।

माना जा रहा है कि राहुल गांधी सर्वसम्मति से कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाएंगे। इसकी वजह यह है कि सभी दिग्गज नेता लंबे समय से उनको अध्यक्ष बनाए जाने की मांग करते रहे हैं। ऐसे में कोई अन्य नेता अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेगा, इसकी संभावना बेहद कम है। सूत्रों के मुताबिक यदि राहुल गांधी के अलावा कोई और नामांकन नहीं आता है तो फिर राहुल के नाम का ही ऐलान नामांकन पत्र की जांच के बाद कर दिया जाएगा। राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलें लंबे वक्त से लग रही हैं और कई नेता उन्हें कमान सौंपने की वकालत कर चुके हैं। उनका अध्यक्ष बनना औपचारिकता है, क्योंकि संगठन में मौजूदा समय में कांग्रेस के शिखर नेतृत्व को चुनौती देने की दूर-दूर तक गुंजाइश नहीं दिखती।

पार्टी की कमान बीते कुछ साल से बतौर उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हाथों में ही है। शुरुआत में असहज महसूस करने वाले बुजुर्ग नेता अब उनका नेतृत्व स्वीकार कर चुके हैं। राहुल ने भी हाल के समय में युवा नेताओं के साथ-साथ वरिष्ठ नेताओं को पूरी तवज्जो देने का संदेश दिया है। सोनिया गांधी ने भी करीब महीना भर पहले उन्हें जल्द ‌ अध्यक्ष बनाने के संकेत ‌दिए थे। 2004 में अमेठी से लोकसभा चुनाव जीतकर राजनीतिक पारी का आगाज करने वाले राहुल गांधी 2007 में कांग्रेस महासचिव बने थे। जयपुर में जनवरी 2013 में उन्हें औपचारिक तौर से सोनिया गांधी का उत्तराधिकारी बनाते हुए पार्टी उपाध्यक्ष बनाया गया था।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad