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कर्नाटक संकट: कांग्रेस व जद (एस) से विधायकों को मुंबई ले जाने वाला विमान भाजपा नेता का

कर्नाटक विधानसभा से इस्तीफा देने वाले कांग्रेस और जनता दस (सेक्युलर) के असंतुष्ट विधायकों को मुंबई ले...
कर्नाटक संकट: कांग्रेस व जद (एस) से विधायकों को मुंबई ले जाने वाला विमान भाजपा नेता का

कर्नाटक विधानसभा से इस्तीफा देने वाले कांग्रेस और जनता दस (सेक्युलर) के असंतुष्ट विधायकों को मुंबई ले जाने के लिए जिस विमान का इस्तेमाल किया गया वह भाजपा के राज्यसभा सदस्य राजीव चंद्रशेखर से जुड़ी एक कंपनी का है। इस बीच, भाजपा के कर्नाटक प्रमुख बी. एस. येदियुरप्पा ने कहा कि कांग्रेस और जद (एस) के विधायकों के इस्तीफों के बाद उनकी पार्टी राज्य की राजनीतिक गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। विधायकों के इस्तीफों पर विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के बाद भाजपा आगे की रणनीति तय करेगी। उन्होंने राज्य में भाजपा सरकार बनने की संभावना से इन्कार नहीं किया है।

13 विधायकों ने दिया था इस्तीफा
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के 13 महीने बाद 13 विधायकों के इस्तीफे से संकट में आ गई है। शनिवार को कांग्रेस के 10 और जेडीएस के 3 विधायकों ने विधासनभा स्पीकर के दफ्तर में अपने इस्तीफे सौंप दिए। इनमें से 10 विधायक मुंबई के एक लक्जरी होटल में ठहरे हुए हैं। बेंगलुरू में कांग्रेस ऑफिस के बाहर पार्टी कार्यकर्ता विधायकों के इस्तीफे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, बेंगलुरू में कर्नाटक सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार और पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस नेता एचडी देवेगौड़ा के बीच मीटिंग हुई। कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि इन घटनाओं के पीछे भाजपा का हाथ है। यह ऑपरेशन कमल है। सब कुछ ठीक है। सरकार रहेगी, सरकार को कोई खतरा नहीं है।

विमान राजीव चंद्रशेखर की कंपनी ज्यूपिटर कैपिटल का
कंपनी के सूत्रों के अनुसार विधायकों को ले जाने के लिए इस्तेमाल किया गया विमान ज्यूपिटर कैपिटल प्रा. लि. का है, जिसके संस्थापक और चेयरमैन खुद चंद्रशेखर हैं। हालांकि कंपनी के अधिकारी कहते हैं कि कंपनी चार्टर्ड विमान सेवा का कारोबार करती है, जो भी चाहे उसके विमान का उपयोग कर सकता है। अधिकारी विमान की बुकिंग के बारे में कोई जानकारी देने से इन्कार कर दिया।

स्पीकर के फैसले का इंतजार से, सरकार बनाने से इन्कार नहींः येदुरप्पा
येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि क्या हम सन्यासी है। इस्तीफे की प्रक्रिया पूरी होने और स्पीकर के फैसले के बाद हमारी पार्टी के नेता फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं से विचार विमर्श करने के बाद ही हम कोई फैसला करेंगे। इससे पहले येदियुरप्पा ने कहा कि विरोधी पार्टियों में जो कुछ भी हो रहा है उससे मेरा या मेरी पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। मैंने मीडिया से सुना की कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। एक बात मैं कह सकता हूं कि लोग चुनाव के लिए तैयार नहीं हैं। चुनाव राज्य के पैसों पर बोझ की तरह हैं। अगर ऐसी स्थिति बनती है तो हम सरकार बनाने के संवैधानिक तरीकों को देखेंगे।

10 विधायक लग्जरी होटल में ठहरे
हालांकि मौजूदा कुमारस्वामी सरकार रहेगी या जाएगी। इस पर औपचारिक ऐलान मंगलवार या उसके बाद ही होगा। विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार का कहना है कि रविवार को अवकाश है और सोमवार को वह छुट्टी पर रहेंगे। ऐसे में मंगलवार को ही विधायकों के इस्तीफों पर विचार करेंगे। इस बीच कांग्रेस विधायकों को पाले में लाने में जुटी है, लेकिन इस्तीफा देने वाले 13 विधायकों में से 10 स्पेशल फ्लाइट से मुंबई चले गए हैं और लग्जरी सोफिटेल होटल में ठहरे हैं। इस बात के साफ संकेत हैं कि 105 विधायकों वाली बीजेपी 224 सदस्यीय विधानसभा में सरकार गठन की ओर बढ़ सकती है।

हमें बांटने के लिए फैलाई जा रही अफवाह: खड़गे
बेंगलुरू पहुंचे कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के सीएम बनने की खबरों पर उन्होंने कहा कि मैं नहीं जानता। मैं इस गठबंधन सरकार को चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि यह सहजता से चले। ये सब गलत सूचनाएं प्रेस को दी जा रही हैं ताकि हमें बांटा जा सके।

अमेरिका में हैं कुमारस्वामी
कुमारस्वामी सरकार पर यह संकट ऐसे समय पर आया है, जब वह अमेरिका के दौरे पर हैं। इस बीच सूबे में सरकार बचाने के लिए जेडीएस की बजाय कांग्रेस ही पूरी तरह से सक्रिय है। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से बातचीत के बाद राज्य कांग्रेस प्रभारी केसी वेणुगोपाल के नेतृत्व में सीनियर नेताओं ने सोमवार को कैबिनेट की आपातकालीन मीटिंग बुलाई है।

असफल रहे संकटमोचक माने जाने वाले डीके शिवकुमार
हालांकि इन प्रयासों से सरकार बचने के आसार नहीं दिखते क्योंकि नाराज विधायक किनारा करने का मन बना चुके हैं। इस बात की पुष्टि इससे भी होती है कि सीनियर कांग्रेस लीडर और संकटमोचक कहे जाने वाले डीके शिवकुमार बीते कई महीनों से विधायकों को पाले में रखने के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन बात नहीं बनी। यही नहीं वह खुद शनिवार को विधानसभा स्पीकर के दफ्तर भी पहुंचे थे, जहां विधायक इस्तीफा देने के लिए गए थे, लेकिन किसी भी विधायक को मनाने में कामयाब नहीं हो सके। उन पर विधायकों का इस्तीफा पत्र फाड़ने का भी आरोप है।

कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में हॉर्स ट्रेडिंग का नया सिंबल सामने आया है। वहीं, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बहुत से विधायक जो कांग्रेस छोड़ना चाहते हैं वो लंबे समय से पार्टी से जुड़े रहे हैं। मुझे विश्वास है कि वे हमारे साथ जुड़े रहेंगे और पार्टी का समर्थन करेंगे। मैं बेंगलुरू जा रहा हूं। मैं वहां जमीनी हकीकत देखने के बाद आगे टिप्पणी करूंगा।

मैं कुछ नहीं बोलूंगा: एचडी देवेगौड़ा
पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस नेता एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि मैं कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा। मैंने किसी से कुछ भी नहीं बोला है। मैं कॉरपोरेशन चुनाव के लिए बस अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की मीटिंग करने जा रहा हूं।

भाजपा को राज्यपाल के बुलावे का इंतजार
वहीं, सरकार बनाने के सवाल पर भाजपा के सदानंद गौड़ा ने कहा कि राज्यपाल सर्वोच्च अथॉरिटी हैं। अगर वह सरकार बनाने के लिए बुलाते हैं तो हम जरूर जाएंगे। हम सबसे बड़ी पार्टी हैं। हमारे पास 105 विधायक हैं।सीएम चेहरे के सवाल पर गौड़ा ने साफ कहा कि ऐसी स्थिति बनती है तो निश्चित ही येदियुरप्पा सूबे के मुख्यमंत्री बनेंगे।

हम सबके लिए चौंकाने वाला: डीके शिवकुमार
विधानसभा स्पीकर कार्यालय में विधायकों का इस्तीफा पत्र फाड़ने के आरोप पर कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि मुझे क्यों नहीं ऐसा करना चाहिए? अगर वो मुझे जेल भेजना चाहते हैं तो उन्हें शिकायत करने दीजिए। मैं तैयार हूं। मैंने एक बड़ा रिस्क लिया है। उन्होंने कहा कि विधायक छोटी कहानियां बता रहे हैं। इस्तीफा देने की ये वजहें नहीं हो सकती। यह हम सबके लिए चौंकाने वाला है।

'गठबंधन को कर्नाटक की जनता ने खारिज किया'
बीजेपी प्रवक्तार जीवीएल नरसिंहा राव ने कहा कि कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को कर्नाटक की जनता ने खारिज कर दिया है। लोकसभा चुनाव में गठबंधन के बाद भी बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की थी। यह स्पहष्ट रूप से जनता का मूड दर्शाता है। विधायक निश्चित रूप से गठबंधन के खिलाफ जनता के गुस्से् का सामना कर रहे थे।

यह है बहुमत का गणित
224 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में बहुमत के लिए 113 विधायकों का समर्थन होना जरूरी है। अभी कांग्रेस-जेडीएस के कुल 116 और बीजेपी के 104 सदस्य हैं। गठबंधन सरकार को बीएसपी के एक विधायक का समर्थन भी हासिल है। निर्दलीय विधायक आर शंकर और एच नागेश के समर्थन वापस लेने के बाद अभी गठबंधन के पास बहुमत से 4 ज्यादा यानी 117 विधायकों का समर्थन है।

बीजेपी के लिए क्या है बहुमत का गणित
विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या अगर घटकर 207 तक आ जाती है तो बीजेपी सरकार बनाने की स्थिति में आ जाएगी। बीजेपी के 105 विधायक हैं और वह बहुमत हासिल कर लेगी। हालांकि इसके लिए अभी कांग्रेस और जेडीएस के करीब 16 विधायकों के इस्तीफे होना जरूरी है।

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