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भाजपा मन से, कांग्रेस अनमने ढंग से करती है गठजोड़ः शरद यादव

बि‌हार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जदयू पर कब्जे की लड़ाई हार चुके सांसद शरद यादव ने गुजरात...
भाजपा मन से, कांग्रेस अनमने ढंग से करती है गठजोड़ः शरद यादव

बि‌हार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जदयू पर कब्जे की लड़ाई हार चुके सांसद शरद यादव ने गुजरात विधानसभा चुनाव में विपक्ष की एकजुटता पर जोर दिया है। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस को अपनी जिम्मेदारी समझने की नसीहत दी है। साथ ही कहा है कि भाजपा मन से जबकि कांग्रेस अनमने तरीके से गठजोड़ करती है।

यादव ने कहा कि लंबे समय तक अकेले सत्ता में रहने के कारण कांग्रेस पहले गठबंधन की राजनीति में ज्यादा माहिर नहीं थी। अब वह गठबंधन राजनीति के तकाजों और उसकी संवेदनशीलता को समझने लगी है। गुजरात में चूंकि विपक्ष की ओर से कांग्रेस ड्राइविंग सीट पर बैठी है, लिहाजा उसकी यह जिम्मेदारी है कि वह राज्य में राजनीतिक कौशल और उदारता के साथ अलग-अलग सामाजिक ताकतों को एकजुट करे।
उन्होंने कहा,"भाजपा हर चुनाव वजूद का सवाल बनाकर लड़ती है। इसके लिए किसी भी तरह के उपायों से परहेज नहीं करती। भाजपा किसी भी दल के साथ सहजता से गठबंधन करती है, जबकि कांग्रेस अनमने ढंग से गठजोड़ करती है।" यादव ने दावा किया कि उत्तरप्रदेश चुनावों के बाद देश में आम आदमी की सोच में बदलाव आया है।

यह पूछे जाने पर कि भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार चुनाव जीत रही है और लोगों का भरोसा उन पर कायम है, यादव ने कहा, चार बड़ी घटनाओं- नोटबंदी, जीएसटी, बिहार में महागठबंधन की टूट और गुजरात में राज्यसभा की एक सीट के लिए मची अफरातफरी ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। लोग अब सोच रहे हैं कि 2014 में क्या इसलिए ही उन्होंने बदलाव किया था। लोगों में यह बेचैनी हिमाचल में भी थी और गुजरात में भी है। यह बेचैनी स्थानीय परिस्थतियों के कारण नहीं, बल्कि समूचे देश में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक तौर पर मची अफरातफरी की वजह से है।
विपक्ष के पास मोदी के मुकाबले का कोई चेहरा नहीं होने के प्रश्न पर यादव ने कहा कि दुनिया कभी विकल्पहीन नहीं होती। पिछले लोकसभा चुनाव में 67 प्रतिशत मतदाताओं ने भाजपा को नकारा था। इसमें 15 फीसदी अल्पसंख्यक वोट हटा दें तो भी 52 प्रतिशत हिंदू मतदाता भाजपा के विरोध में थे। इसलिए यह कहना गलत होगा कि कांग्रेस अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की वजह से हारी थी। उन्होंने कहा, इस गलत धारणा के लिए कि कांग्रेस नेता एके एंटनी जिम्मेदार हैं, जिन्होंने कथित तौर पर अपनी रिपोर्ट में अल्पसंख्यक तुष्टिकरण को कांग्रेस की हार का एक कारण बताया था। यादव ने कहा कि 2014 में भी हार का मुख्य कारण भाजपा विरोधी मतों का बिखराव था।

विपक्ष की एकजुटता में अपनी भूमिका का जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भाजपा की अगुवाई वाले राजग गठबंधन में शामिल होने के विरोध में अपनी अलग राह बनाकर उन्होंने साझा विरासत बचाओ अभियान शुरू किया है। इसे विपक्ष की एकजुटता का कारगर मंच बताते हुए उन्होंने इसके देशव्यापी विस्तार की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि दिल्ली, मुंबई, इंदौर और जयपुर में साझी विरासत सम्मेलन की कामयाबी के सिलसिले को गुजरात चुनाव के बाद आगे बढ़ाते हुए इसे छात्रों, किसानों और व्यापारियों से जोड़ा जाएगा।

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