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चिदंबरम ने कहा- बिना तैयारी के हुआ लॉकडाउन, लोग हो रहे हैं परेशान

देश में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। अब तक 1251 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 32 अपनी जान गंवा चुके...
चिदंबरम ने कहा- बिना तैयारी के हुआ लॉकडाउन, लोग हो रहे हैं परेशान

देश में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। अब तक 1251 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 32 अपनी जान गंवा चुके हैं। इस बीच पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मीदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बिना किसी तैयारी के लॉकडाउन किया जिसके चलते आम लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

पूर्व वित्त मंत्री ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा, ‘तमिलनाडु जैसे राज्य में स्थिति खराब है तो गरीब राज्यों की हालात क्या होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने बिना किसी तैयारी के लॉकडाउन का ऐलान किया और इससे भी बुरा ये है कि इसके बाद के हालात को गलत तरह से हैंडल किया जा रहा है। इससे पहले कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट कर कहा था कि दुर्भाग्य है कि आज इतिहास अपने आप को दोहरा रहा है। जिस तरह जल्दबाजी में नोटबंदी की गई थी, ठीक उसी तरह लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई। कृपया ऐसे फैसले न सुनाएं।

दिए थे आर्थिक सुझाव

इससे पहले चिदंबरम ने मोदी सरकार को कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए आर्थिक उपाय सुझाव दिए थे। इसके बाद केंद्र सरकार ने राहत पैकेज का ऐलान किया था, जिसके तहत मुफ्त राशन, महिलाओं को बैंक खाते में पैसा जैसे कदम उठाने की बात कही गई थी। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से भी मजदूरों और गरीबों के खाते में पैसा डालने को कहा गया था।

पीएम ने की थी लॉकडाउन की घोषणा

पीएम नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी। इस फैसले को एक तरह से कर्फ्यू घोषित करते हुए उन्होंने आगाह किया था कि कोरोना वायरस के संक्रमण चक्र को तोड़ने के लिए अगर इन 21 दिनों में नहीं संभले तो देश 21 साल पीछे चला जाएगा। उन्होंने कहा था कि देश को बचाने के लिए, देश के हर नागरिक को बचाने के लिए यह लोगों के घऱ से बाहर निकलने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई जा रही है।

पलायन कर रहे हैं मजदूर

लॉकडाउन के चलते  शहरों में काम करने वाले गरीब और पैदल ही अपने गांव और शहर की ओर निकल रहे हैं। घर वापस जा रहे लोगों की माने तो इनके सामने सबसे बड़ी समस्या खाने और रहने की है, क्योंकि लॉकडाउन की वजह से कंपनियों में काम ठप हो गया है। अब इनके पास न तो खाने के लिए पैसे हैं और न ही रहने के लिए, ऐसे में इनके पास घर जाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। हालांकि राज्य सरकारें इनकी मदद के लिए आगे आईं हैं। कई जगहों पर राहत शिविर भी तैयार किए जा रहे हैं।

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