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छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले व्यापारियों को साधने में लगी भाजपा

विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में भाजपा व्यापारियों को साधने में लग गई है। जीएसटी से नाराज और दुखी...
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले व्यापारियों को साधने में लगी भाजपा

विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में भाजपा व्यापारियों को साधने में लग गई है। जीएसटी से नाराज और दुखी व्यापारियों काो मनाने का काम केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने संभाला है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बंद कमरे में पीयूष गोयल ने व्यापारियों को जीएसटी का वो फार्मूला बताया कि उनके कठिन से कठिन गणित चुटकियों में सुलझ गए। रायपुर के एक पांच सितारा होटल के एक कमरे को क्लास रूम में तब्दील कर दिया गया था। इस क्लासरूम में बतौर टीचर केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल और राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह मौजूद थे।   प्रदेश के सभी जिलों के व्यापरिक संगठनों के प्रतिनिधि , कारोबारी और उद्द्योगपति उनके छात्र थे।

छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (सीएसआईडीसी) और छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा  संयुक्त रूप से रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम में पीयूष गोयल ने कहा कि विश्व के छोटे देशों में भी यह व्यवस्था बड़ी कठिनाई से लागू की गई, लेकिन भारत में सबके सहयोग से हम लोग इसमें कामयाब हुए। इस साल के आखिर में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में भाजपा नहीं चाहती कि व्यापारी उससे नाराज रहें। इसलिए चुनाव करीब आते ही पार्टी व्यापारियों की जीएसटी के प्रति नाराजगी दूर करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के संरक्षक विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि इस बैठक के बाद व्यापारियों की कई तकलीफें दूर हुई हैं। उन्होंने बताया कि जीएसटी भरने वाले ज्यादा तर व्यापारी इसके सरलीकरण की मांग कर रहे थे, उनके मुताबिक वर्तमान में जीएसटी भरने के लिए अलग से स्टॉफ नियुक्त करना पड़ा है। जीएसटी  फॉर्म भी काफी कठिन है।  इसके चलते कारोबारियों को कई तरह की  दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन अब ज्यादातर शिकायतें दूर हुई हैं। चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष जीतेन्द्र बरलोटा के मुताबिक वित्त मंत्री के साथ बैठक काफी सार्थक रही है। ये वो लोग हैं जो रोजाना जीएसटी की पेचीदगियों से दो-चार हो रहे हैं। भाजपा से व्यापारिक संगठनों का मोहभंग होने के अंदेशे से यहां व्यापारियों और कारोबारियों को खासतौर पर इकट्ठा किया गया। बैठक में तमाम व्यापारिक संगठनों और कारोबारियों ने पीयूष गोयल को जीएसटी से हो रही परेशानियों से रूबरू कराया।

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य जीएसटी की उन खामियों को दूर करना था, जिसके कारण कारोबार प्रभावित हो रहा था। तमाम कारोबारियों की फरियाद सुनने के बाद पीयूष गोयल ने उसके तत्काल निराकरण के लिए मौके पर मौजूद अपने अफसरों को निर्देश दिए। बैठक में मौजूद मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी कारोबारियों की तमाम दलीलें सुनीं और छत्तीसगढ़ में जीएसटी के साथ-साथ राज्य की कर प्रणाली के सरलीकरण  किए जाने के निर्देश मौके पर ही जारी किए।

इससे पहले व्यापरिक संगठनों ने केंद्रीय मंत्री गोयल और मुख्यमंत्री रमन सिंह का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। अपने स्वागत सत्कार से मंत्री और मुख्यमंत्री भी गदगद नजर आए। उन्होंने दिल खोलकर व्यापारियों और कारोबारियों का साथ निभाने का वादा किया।  दरअसल छत्तीसगढ़ , मध्यप्रदेश  और राजस्थान में कुछ महीने में ही विधानसभा चुनाव होने है। इन राज्यों में पहले नोटबंदी और उसके बाद जीएसटी को लेकर व्यापारिक संगठनों और कारोबारियों के बीच गतिरोध उत्पन्न हो गया था।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने  कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जीएसटी के जरिये देश के व्यापारियों और उद्योगपतियों को एक सरल और पारदर्शी टैक्स प्रणाली दी है। इससे कारोबारियों को तनाव से मुक्ति मिली है। प्रदेश के वाणिज्य और उद्योग मंत्री अमर अग्रवाल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (सीएसआईडीसी) के अध्यक्ष  छगनलाल मुंदड़ा ने स्वागत भाषण दिया। चैंबर ऑफ कामर्स छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष जैन जीतेन्द्र बरलोटा ने अपने उद्बोधन में आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।  प्रदेश के कृषि और जल संसाधन मंत्री  बृजमोहन अग्रवाल, लोक निर्माण, आवास और पर्यावरण मंत्री  राजेश मूणत, लोकसभा सांसद  रमेश बैस, राज्यसभा सांसद  रामविचार नेताम, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, 20सूत्री कार्यक्रम समिति के उपाध्यक्ष  खूबचंद पारख और अन्य अनेक वरिष्ठजन इस अवसर पर उपस्थित थे।

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