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सुवेन्दु या ममता, कौन पड़ेगा भारी? नंदीग्राम पर सबकी निगाहें

पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच रविवार सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा के बीच...
सुवेन्दु या ममता, कौन पड़ेगा भारी? नंदीग्राम पर सबकी निगाहें

पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच रविवार सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना शुरू हो गई। राज्य में 292 सीटों के लिए 2116 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था जिनके चुनावी किस्मत का फैसला होगा। राज्य की कुल 294 विधानसभा सीटों में से 292 सीटों पर आठ चरणों में मतदान कराये गए थे। राज्य के शमशेरजंग और जंगीपुर विधानसभा क्षेत्र के दो उम्मीदवारों के निधन होने के कारण वहां चुनाव स्थगित कर दिए गए।

वहीं नंदीग्राम में सुश्री बनर्जी या फिर कभी उनके दाहिने हाथ माने-जाने वाले शुभेन्दु अधिकारी जो अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं इनमें से कौन जीतेंगे, इस पर भी सब की नजर रहेंगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस पिछले 10 साल से राज्य में सत्तारूढ़ है। इस बार के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है। कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों ने भी एड़ी चोटी का जोर लगाया है।

इस बीच, मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को राज्य भर के उम्मीदवारों और पार्टी के मतगणना एजेंटों को मतगणना प्रक्रिया पूरी होने तक केन्द्रों पर डटे रहने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस तीसरी बार दो तिहाई बहुमत से जीतेगी। राज्य विधानसभा की कुल 294 सीटें जिनमें से दो तिहाई बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 148 सीटों पर जीतना जरूरी है।

चुनाव आयोग ने मतगणना की तैयारी पूरी कर ली है। आयोग के अनुसार मतगणना केंद्र के 100 मीटर के दायरे में किसी भी वाहन को जाने की अनुमति नहीं होगी। राज्य के सभी मतगणना केंद्रों पर कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन को लेकर के चुनाव आयोग प्रतिबद्ध है। साथ ही इसके लिए विशेष प्रबंध चुनाव आयोग की ओर से किया गया है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) आरिज आफताब ने साफ-साफ कहा है कि कोरोना वायरस की गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा। मतगणना की पूरी प्रक्रिया संचालित करने के लिए आयोग की ओर से ठोस इंतजाम मतगणना केंद्रों पर किए गए हैं। मतगणना केंद्र के अंदर टेबल की संख्या भी इस बार बढ़ाई जा रही है, ताकि सामाजिक दूरी का पूरा पालन किया जा सके।
एक अधिकारी ने बताया कि 108 मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा की त्रि-स्तरीय व्यवस्था की गई है, जहां बने स्ट्रांग रूम में ईवीएम मशीन और वीवीपैट को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है। उन्होंने बताया कि 23 जिलों के मतगणना केंद्रों पर कम से कम 292 पर्यवेक्षकों और केंद्रीय सुरक्षा बलों की 256 कंपनियों को तैनात किया गया है। इस बार राज्य में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में मतदान कराया गया। इस दौरान हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाएं भी हुई थी।

चुनाव आयोग ने कल एक बयान में कहा था कि पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए चुनाव रुझान और परिणाम सभी मतगणना केंद्रों से कल सुबह 8.05 बजे के बाद से आने शुरू हो जाएंगे।



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