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गुरदासपुर में आसान नहीं होगी सनी देओल की राह

भाजपा की तरफ से गुरदासपुर से चुनाव मैदान में उतारे गए फिल्म अभिनेता सनी देओल के लिए सियासत की यह पहली...
गुरदासपुर में आसान नहीं होगी सनी देओल की राह

भाजपा की तरफ से गुरदासपुर से चुनाव मैदान में उतारे गए फिल्म अभिनेता सनी देओल के लिए सियासत की यह पहली लड़ाई इतनी आसान नहीं रहने वाली। वैसे तो राजनीतिक इतिहास बताता है कि उनके परिवार के सदस्यों ने जहां-जहां से चुनाव लड़ा, जनता ने उनको सिर-माथे पर बिठाया। फिर चाहे 2004 में बीकानेर से चुनाव जीतने वाले धर्मेन्द्र हों या मथुरा से 2014 में चुनाव जीतने वाली हेमा मालिनी। इसके बावजूद कुछ वजहों से सनी देओल के लिए गुरदासपुर की यह लड़ाई मुश्किल भरी दिखाई दे रही है। दूसरी ओर, देओल को मैदान में उतारने पर कांग्रेस ने तीखी टिप्पणी की है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने  कहा है कि लोग नौकरियां चाहते हैं, इंडस्ट्री चाहते हैं और अपने क्षेत्र का विकास चाहते हैं। फिल्मी सितारे लोगों को क्या दे सकते हैं? उन्होंने सन्नी कहा कि अब लोगों में जागरूकता आ चुकी है। लोग फिल्मी चेहरे देखकर वोट नहीं देते हैं। 

चुनाव प्रचार के लिए समय बेहद कम

पंजाब में मतदान वोट 19 मई को होगा, इस लिहाज से सनी देओल यदि 24 अप्रैल से भी प्रचार शुरू करें तो उनके पास प्रचार के लिए महज 27 दिनों का समय बचता है। इतने कम समय में गुरदासपुर जैसे बड़े क्षेत्र को कवर करना आसान नहीं होगा। यही नहीं, इस सीट पर 2017 में हुए उप चुनाव के दौरान भाजपा के उम्मीदवार स्वर्ण सलारिया 1,93,219 मतों के बड़े अंतर से हारे थे। इतना बड़ा फर्क खत्म करना सनी के लिए बड़ी चुनौती है। सन्नी देओल सियासत में नए हैं, खासतौर पर गुरदासपुर हलका उनके लिए बिल्कुल अनजान है। उनका स्थानीय स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ पहले से कोई संपर्क नहीं रहा है। उनके लिए भाजपा के साथ-साथ अकाली दल के कार्यकर्ताओं से तालमेल बिठाना भी बड़ी चुनौती होगी। 

मंझे खिलाड़ी सुनील जाखड़ दे सकते हैं कड़ी टक्कर

दूसरी ओर, उनके मुकाबले में कांग्रेस के सुनील जाखड़ न सिर्फ इस सीट से मौजूदा सांसद हैं, बल्कि मंझे हुए राजनीतिज्ञ भी हैं। इस लिहाज से जाखड़ को चुनौती देना आसान नहीं होगा। गुरदासपुर सीट के अधीन आने वाली चार विधानसभा सीटों पर भाजपा चुनाव लड़ती है, जबकि 5 सीटों पर अकाली दल चुनाव लड़ता है। अकाली दल से नाराज होकर टकसालियों के साथ सेवा सिंह सेखवां भी इसी हलके से संबंध रखते हैं। उनकी नाराजगी का नुकसान भी सनी को हो सकता है। 

पहले भी बाहरी लोगों को भेजा है गुरदासपुर ने

2017 के उप चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार सुनील जाखड़ विजेता रहे थे। परन्तु 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान गुरदासपुर के मतदाताओं ने यह सीट भाजपा की झोली डाली थी और फिल्मी स्टार वनोद खन्ना इस सीट से विजेता रहे थे। विनोद खन्ना को इस सीट पर 4,82,255 वोट मिले थे और उनके मुकाबले उस समय कांग्रेस के कद्दावर उम्मीदवार प्रताप सिंह बाजवा थे। बाजवा इस सीट पर 2009 का चुनाव भी जीत चुके थे और मतदान के समय जाखड़ की तरह पंजाब कांग्रेस के प्रधान थे। फिर भी बाजवा 3,46,190 वोट हासिल कर 1,36,065 वोट के बड़े अंतर से हार गए थे। गुरदासपुर क्षेत्र लम्बे समय से बाहरी उम्मीदवार को संसद में भेजता रहा है और फिल्मी सितारों के प्रति इस हलके का आकर्षण ज्यादा है। इसका फायदा सनी को मिल सकता है। 

भाजपा के बड़े नेता भी कर सकते हैं प्रचार
गुरदासपुर में कविता खन्ना और स्वर्ण सलारयिा के बीच टिकट की लड़ाई चल रही थी। यदि दोनों में किसी एक को टिकट मिलता तो पार्टी में फूट पड़ सकती थी। हाई कमान ने सनी को मैदान में उतार कर इस धड़ेबंदी को खत्म किया है, इसका भी लाभ सनी को मिलेगा। सनी के मैदान में आने के बाद भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी इस सीट को गंभीरता से लेने के साथ जोर लगाएगी। भाजपा के बड़े नेता इस सीट पर सनी के प्रचार के लिए आ सकते हैं। 

चुनाव प्रचार में तीखी हो सकती है बयानबाजी

उधर, कांग्रेस ने तीखी टिप्पणी करके साफ कर दिया है कि वह सनी देओल को आसान जीत नहीं देगी। वह यहां पर उन्हें कड़ी टक्कर देगी और बयानबाजी भी तीखी रहेगी। कांग्रेस के नेता सुनील जाखड़ ने कहा कि फिल्मी सितारों का काम फिल्मों में अभिनय करना है। उनका उद्देश्य लोगों का मनोरंजन करना होता है। मनोरंजन करने के लिए भी लोगों से टिकट के पैसे वसूले जाते हैं। ऐसे फिल्मी सितारों से जनता क्या उम्मीद कर सकती है। सनी दियोल कह रहे हैं कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को केन्द्र में पांच वर्ष और देने के मुद्दे पर भाजपा ज्वाइन की है। जाखड़ ने कहा कि क्या सनी दियोल में इतनी हिम्मत है कि वह मोदी से आंख में आंख मिलाकर नोटबंदी और जीएसटी. के कारण व्यापारियों, उद्यमियों और किसानों को पहुंचे नुकसान के बारे में हिसाब मांग सकें।

सनी को झेलने होंगे मुश्किल सवालः कांग्रेस

भाजपा को गुरदासपुर में स्थानीय स्तर पर कोई भी नेता नहीं मिल रहा था। ऐसे ही हालात अमृतसर में थे, इसलिए दोनों स्थानों पर पंजाब से बाहर के लोगों को चुनावी जंग में उतार दिया गया। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि अब गुरदासपुर के लोग भी फिल्म अभिनेता से यही सवाल करेंगे कि पिछले पांच वर्षों में मोदी सरकार ने अपने चुनावी वायदों को पूरा क्यों नहीं किया? उन्हें नहीं लगता कि सनी दियोल इसका कोई जवाब जनता को दे सकेंगे। 

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