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बीजेपी का वोट 17 से बढ़कर हुआ 22 करोड़, जिसने दिलाई 300 से ज्यादा सीटें

लोकसभा चुनावों के रूझानों और नतीजों से साफ हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व...
बीजेपी का वोट 17 से बढ़कर हुआ 22 करोड़, जिसने दिलाई 300 से ज्यादा सीटें

लोकसभा चुनावों के रूझानों और नतीजों से साफ हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इतिहास रच दिया। जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी तीसरे ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो लोकसभा चुनाव में दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे। बीजेपी ने न सिर्फ अपने बल पर फिर से लोकसभा में बहुमत हासिल किया, बल्कि सहयोगियों के साथ 350 का आंकड़ा भी छू लिया। बीजेपी और सहयोगियों ने एग्जिट पोल को सही साबित करते हुए इस बार 2014 से भी बड़ी जीत हासिल की। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में माया-अखिलेश के महागठबंधन को भी चलने नहीं दिया और बिहार में जेडीयू के साथ मिलकर राजद का सूपड़ा साफ कर दिया। इन सबके बीच इस चुनाव में भाजपा के वोट शेयर की बात करें तो 2014 की तुलना में बीजेपी के वोट शेयर में बंपर बढ़ोतरी हुई। पिछली बार जहां भाजपा को 17 करोड़ वोट मिले थे वहीं इस बार उसे 5 करोड़ अधिक वोट मिले हैं, जिसने पार्टी को 300 से ज्यादा सीटें दिलाई।

इस बार पीएम मोदी को मिले 5 करोड़ ज्यादा वोट

दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार भाजपा के वोट शेयर में बंपर बढ़ोतरी देखी गई। इस बार के चुनाव में पांच साल पहले मिले 17.1 करोड़ वोटों की तुलना में बीजेपी के लिए कुल वोटों में 32 फीसदी या कहें कि पार्टी को 5.5 करोड़ ज्यादा वोट मिले।

बीजेपी की प्रचंड जीत को दर्शाता है 2014 से अधिक वोटों का जोड़

मोदी के वोट शेयर में उछाल और 2014 से अधिक वोटों का जोड़ बीजेपी की प्रचंड जीत को दर्शाता है। 2014 की तुलना में भाजपा के कुल वोट शेयर में 6.5 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि हुई।  इस चुनाव में कुल 60.37 करोड़ मतों में से 22.6 करोड़ से अधिक भाजपा के लिए थे। पांच साल पहले मिले 17.1 करोड़ वोटों की तुलना में बीजेपी के लिए कुल वोटों में 32 फीसदी या 5.5 करोड़ की बढ़ोतरी हुई।

17 राज्यों में बीजेपी के सबसे ज्यादा वोट शेयर 

बता दें कि जिन राज्यों में बीजेपी के सबसे ज्यादा वोट शेयर हुए, उनमें 17 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं, जहां पार्टी को इस बार कुल वोटों का 50 फीसदी से ज्यादा वोट मिले। बीजेपी के वोटों में कमी का एकमात्र जगह आंध्र प्रदेश है जहां यह पर्सेंटेज 7.5 प्रतिशत तक गिर गया।

कांग्रेस के वोट शेयर में भी मामूली बढ़त

वहीं, कांग्रेस की बात करें तो पार्टी का वोट शेयर 19.3 से 19.6 प्रतिशत तक मामूली रूप से बढ़ा। कुल मिलाकर, कांग्रेस ने 2014 में अपने 10.69 करोड़ वोटों में 2019 मात्र 1.17 करोड़ वोट ही जोड़े हैं।

यहां देखें अभी तक के रुझान 

अभी तक के रूझानों की बात करें तो एनडीए (भाजपा+) अब तक 320 सीटों पर जीत हासिल कर चुका है जबकि 30 सीटों पर आगे है। यूपीए (कांग्रेस+) 92 सीटों पर जीत हासिल कर 2 सीटों पर आगे है। अन्य जहां 89 सीटों पर जीत चुके हैं वहीं 9 पर बढ़त बनाए हुए हैं।  

इस बार सात चरणों में हुआ चुनाव

लोकसभा की 543 में 542 सीटों पर चुनाव के लिए सात चरण में चुनाव हुआ है। इनमें 8,000 से अधिक प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होना है। 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में हुए मतदान में 90.99 करोड़ मतदाताओं में से करीब 67.11 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। भारतीय संसदीय चुनाव में यह अब तक का सबसे अधिक मतदान है।

 

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