Advertisement

टीपू जयंती पर घमासान, केंद्रीय मंत्री ने कहा- बर्बर, दुष्कर्मी के कार्यक्रम में मुझे न बुलाएं

मुगल शासकों और उनकी विरासत के बाद अब एक और मुस्लिम शासक टीपू सुल्तान पर सियासी घमासान शुरू हो गया...
टीपू जयंती पर घमासान, केंद्रीय मंत्री ने कहा- बर्बर, दुष्कर्मी के कार्यक्रम में मुझे न बुलाएं

मुगल शासकों और उनकी विरासत के बाद अब एक और मुस्लिम शासक टीपू सुल्तान पर सियासी घमासान शुरू हो गया है।

इसकी शुरुआत हाल ही में केंद्रीय कौशल विकास राज्य मंत्री बने अनंत कुमार हेगड़े के एक ट्वीट से हुई है। उन्होंने ट्वीट किया, “बर्बर हत्यारे, कट्टरपंथी और दुष्कर्मी के महिमामंडन के लिए आयोजित होने वाले शर्मनाक कार्यक्रम में नहीं बुलाने के लिए कर्नाटक सरकार से कहा है।“ 


हेगड़े ने इस संबंध में कर्नाटक के मुख्य सचिव और उत्तरी कन्नडा के उपायुक्त को पत्र लिखकर भी 10 नवंबर को आयोजित होने वाली टीपू सुल्तान की जयंती कार्यक्रम में अपना नाम शामिल नहीं करने को कहा है। हेगड़े उत्तरी कन्नडा से ही भाजपा के सांसद हैं। हेगड़े के सुर में सुर मिलाते हुए कर्नाटक से ही भाजपा सांसद शोभा करंदलाजे ने टीपू सुल्तान को कन्नड़ विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि टीपू हिन्दू विरोधी था, इसलिए उसकी जयंती नहीं मनाई जानी चाहिए।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हेगड़े के बयान की आलोचाना करते हुए कहा है कि इसे बेवजह राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है। सरकार का हिस्सा होते हुए हेगड़े को इस तरह का पत्र नहीं लिखना चाहिए। टीपू जयंती कार्यक्रम का आमंत्रण सभी केंद्रीय और राज्य के नेताओं को भेजा जाता है। आना या न आना उनके ऊपर निर्भर करता है।

टीपू सुल्तान 18वीं सदी में मैसूर साम्राज्य का शासक था। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने 2015 में उसकी जयंती मनाने का फैसला किया था। मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति बताते हुए आरएसएस और विहिप शुरुआत से ही इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। इस आयोजन के विरोध में हर साल पूरे प्रदेश में प्रदर्शन भी होते हैं। गौरतलब है कि कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement