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यूएन के मंच में क्या बोलीं सुषमा, जानिए, कैसे निशाने पर आए पकिस्तान-चीन-अमेरिका

संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला। वहीं चीन...
यूएन के मंच में क्या बोलीं सुषमा, जानिए, कैसे निशाने पर आए पकिस्तान-चीन-अमेरिका

संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला। वहीं चीन और अमेरिका भी उनके निशाने पर रहे। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 72वें सत्र के संबोधन सुषमा स्वराज ने जहां पीएम मोदी द्वारा के विकास कार्यों को बताया, वहीं आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई। आइए जानते हैं सुषमा स्वराज ने कौन-कौन से मुद्दे उठाए।

#सुषमा ने कहा, “अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने पर सहमति नहीं बना पाती है तो फिर हम मिलकर कैसे लड़ सकते हैं?' सुषमा स्वराज ने कहा, “आइए स्वीकार करें कि आतंकवाद मानवता के अस्तित्व के लिए खतरा है। इस निर्मम हिंसा को कोई किसी तरह से उचित नहीं ठहरा सकता।” दरअसल सुषमा सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन की बात कर रही थीं जिसने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने के भारत की कोशिश को बार-बार रोकने का काम किया। 

# सुषमा ने कहा, "आज मैं पाकिस्तान के नेताओं से कहना चाहूंगी कि क्या आपने कभी सोचा है कि भारत और पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए। लेकिन आज भारत की पहचान दुनिया में आईटी की महाशक्ति के रूप में क्यों हैं और पाकिस्तान की पहचान आतंकवाद का निर्यात करने वाले देश और एक आतंकवादी देश की क्यों है?" सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान ने जो पैसा आतंकवाद पर खर्च किया, अगर अपने विकास पर खर्च करता तो आज दुनिया अधिक सुरक्षित और बेहतर होती।

#सुषमा स्वराज ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से पैदा हुई चुनौतियों पर चर्चा से ज्यादा कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने विकसित देशों के नेताओं से अपील की कि वे अविकसित देशों की प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और हरित जलवायु वित्तपोषण के जरिये मदद करें। विकसित दुनिया को अन्य की तुलना में अधिक सावधानी से सुनना चाहिये क्योंकि उनके पास दूसरों की तुलना में अधिक क्षमता है। पेरिस समझौते से चीन और भारत जैसे देशों के अधिक लाभान्वित होने का दावा करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि जलवायु परिवर्तन पर समझौता अमेरिका के लिये सही नहीं है क्योंकि यह उसके व्यापार और नौकरियों को बुरी तरह प्रभावित करता है। 

# पिछले वर्ष यूएनजीए में अपने के भाषण का जिक्र करते हुए सुषमा ने कहा कि उन्होंने जलवायु परिवर्तन को अपने अस्तित्व के लिए बड़ा खतरा बताया था। विदेश मंत्री ने कहा, "भारत कह चुका है कि वह पेरिस समझौते के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह ऐसा इसलिए नहीं है कि हम किसी ताकत से डरे हुए हैं, किसी दोस्त या दुश्मन से प्रभावित हैं या किसी लालच के वश में ऐसा कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि यह हमारे पांच हजार वर्षों के दर्शन का परिणाम है। बता दें कि ट्रंप ने पेरिस समझौते को लेकर भारत पर लालच का आरोप लगाया था।

#आतंकवाद पर सुषमा ने कहा, "हम सबको आत्ममंथन करना चाहिये और खुद से पूछना चाहिए कि क्या हमारी चर्चा, जो कार्रवाई हम करते हैं कहीं से भी उसके करीब है। हम इस बुराई की निंदा करते हैं और अपने सभी बयानों में इससे लड़ने का संकल्प जताते हैं। सच्चाई यह है कि ये सिर्फ दस्तूर बन गए हैं। तथ्य यह है कि जब हमें इस शत्रु से लड़ने और उसका नाश करने की जरूरत है तो कुछ का स्वहित उन्हें दोहरेपन की ओर ले जाता है।"


 

 

 

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