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कश्मीर पर बड़ा खुलासा: टर्की भेज रहा है सीरिया के आतंकी, सबको मिल रहे 1.5 लाख रुपए

भारत ने जब कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किया तो तुर्की ने पाकिस्तान का खुलकर साथ दिया था। मगर अब तुर्की...
कश्मीर पर बड़ा खुलासा: टर्की भेज रहा है सीरिया के आतंकी, सबको मिल रहे 1.5 लाख रुपए

भारत ने जब कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किया तो तुर्की ने पाकिस्तान का खुलकर साथ दिया था। मगर अब तुर्की कश्मीर को लेकर एक नई साजिश रच रहा है। रिपोर्ट्स आ रही हैं कि तुर्की ईस्ट सीरिया के अपने लड़ाकों को कश्मीर भेजने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए इन लड़ाकों को 2,000 डॉलर का भुगतान किया जा रहा है। ग्रीस के एक पत्रकार एंड्रीस माउंटजोरिलियास ने अपनी रिपोर्ट में तुर्की की इस साजिश का खुलासा किया है।

रिपोर्ट के अनुसार तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दवान इस्लामिक दुनिया में सऊदी के प्रभुत्व को चुनौती देकर स्वयं नेतृत्व की भूमिका में आना चाहते हैं। कश्मीर में भाड़े के लड़ाकों को भेजना भी उनकी इसी रणनीति का हिस्सा है।

तुर्की लंबे वक्त से पूर्वी भूमध्यसागर में ग्रीस-मिस्त्र-साइप्रस के विरुद्ध अपना सैन्य गठजोड़ मजबूत कर रहा है। तुर्की भूमध्यसागर में अपने इस अभियान में पाकिस्तान की भी स्थायी मौजूदगी स्थापित करने में लगा है। इसके अंतर्गत पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय के एयरक्राफ्ट और सेना की मौजूदगी को सुनिश्चित करना चाहता है।

रिपोर्ट के अनुसार, काराबाख संघर्ष के बाद तुर्की ने सीरियाई लड़ाकों को कश्मीर में भारत के विरुद्ध लड़ने के लिए भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि सीरियाई राष्ट्रीय सेना में शामिल हुए गैंग सुलेमान शाह के प्रमुख अबू एस्मा ने कहा है कि तुर्की कश्मीर को मजबूत होते देखना चाहता है।

अबू एस्मा ने कहा कि तुर्की अधिकारी बाकी गैंग के कमांडरों से भी बातचीत करेंगे और उन लड़ाकों की लिस्ट बनाएंगे जो कश्मीर जाना चाहते हैं  अबू एस्मा ने कहा कि उनके गैंग से जो लोग कश्मीर अभियान में शामिल होंगे, उन्हें 2000 डॉलर की धनराशि दी जाएगी। अबू एस्मा ने अपने गैंग के सदस्यों को बताया कि कश्मीर भी वैसा ही पहाड़ी इलाका है, जैसा काराबाख। नागोर्नो-काराबाख इलाके पर कब्जे को लेकर ही अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच संघर्ष चल रहा है। कई रिपोर्ट्स में ये बात सामने आई थीं कि तुर्की ने अपने सीरियाई लड़ाकों को अजरबैजान की मदद के लिए भेजा था।

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