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संयुक्त राष्ट्र में भारत का पाक पर निशाना, कहा- जब भी बोलता है जहर उगलता है

संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत की ओर से पाकिस्‍तान का नाम लिए बगैर उसकी निंदा की गई। भारत के उप स्‍थायी...
संयुक्त राष्ट्र में भारत का पाक पर निशाना, कहा- जब भी बोलता है जहर उगलता है

संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत की ओर से पाकिस्‍तान का नाम लिए बगैर उसकी निंदा की गई। भारत के उप स्‍थायी प्रतिनिधि नागराज नायडू ने संयुक्‍त राष्‍ट्र की 74वें जनरल असेंबली में गुरुवार को कहा कि हमेशा की तरह एक प्रतिनिधिमंडल ने फिर से द्वेषपूर्ण भाषण दिया है। हर बार यह प्रतिनिधिमंडल अपने भाषण में जहर उगलता है। सामान्य संबंधों को बहाल करने के लिए कदम उठाने के बजाय यह प्रतिनिधिमंडल को भ्रमित करता है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को सच्चाई से दूर कर देता है।

नागराज नायडू ने कहा, 'पाकिस्तान ने अपनी गलतियों को छिपाने के लिए झूठे बहाने बनाता है। उसे यह बताने की आवश्‍यकता है कि उसकी झूठी बयानबाजी के झांसे में कोई आने वाला नहीं है और उसे डिप्‍लोमैसी के सामान्‍य स्‍तर पर आ जाना चाहिए।' 

इससे पहले नायडू ने की थी पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की आलोचना

इससे पहले भी नागराज नायडू ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की आलोचना की थी। उन्‍होंने जम्मू-कश्मीर का मामला उठाने पर पाकिस्तान के कदम को खारिज करते हुए कहा था कि जम्मू-कश्मीर हमारा अभिन्न अंग है। उस पर पाकिस्तान समेत किसी भी अन्‍य देश का हस्‍तक्षेप गलत है। इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की कोई तुक नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र ने भारत के इस प्रस्ताव को दी मंजूरी

इससे पहले मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र ने भारत के उस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया जिसमें अनुरोध किया गया था कि वह यह सुनिश्चित करे कि विश्व निकाय की आर्थिक और सामाजिक परिषद् (ईसीओएसओसी) में परामर्शदाता के दर्जे कि लिए आवेदन करने वाले गैर सरकारी संगठन उन व्यक्तियों व संस्थाओं के न हों, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (यूएनएससी) द्वारा प्रतिबंधित हैं। इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित व्यक्ति और संगठन विश्व निकाय से न जुड़ें।

भारत के स्थायी मिशन की काउंसलर ने किया फैसले का स्वागत

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की काउंसलर पौलोमी त्रिपाठी ने संयुक्त राष्ट्र की एनजीओ समिति के ईसीओएसओसी के साथ परामर्शदाता का दर्जा चाहने वाले एनजीओ की अतिरिक्त जांच के फैसले का स्वागत किया है। अतिरिक्त जांच यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित संगठनों और व्यक्तियों से जुड़े एनजीओ से संबंधित है।

त्रिपाठी ने मंगलवार को एनजीओ पर ईसीओएसओसी के नियमित सत्र के दौरान कहा था, ‘हमें खुशी है कि भारत के उस प्रस्ताव को मान लिया गया है जिसके तहत यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित व्यक्तियों और संगठनों से जुड़े एनजीओ को परामर्शदाता का दर्जा देने से पहले जांच की जाएगी और यह समिति द्वारा समीक्षा प्रक्रिया को मजबूत बनाने की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम है।’

 

त्रिपाठी ने रेखांकित किया कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित व्यक्तियों और संगठनों से संबद्ध एनजीओ ईसीओएसओसी में परामर्शदाता का दर्जा पाने की स्थिति में न आएं.

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