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कोरोना से दुनिया भर में 2 लाख 67 हजार से ज्यादा मौतें, अमेरिका में मृतकों की संख्या 75 हजार के पार

कोरोना वायरस से दुनिया भर में अब तक 2 लाख 67 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं 38 लाख से अधिक संक्रमण के...
कोरोना से दुनिया भर में 2 लाख 67 हजार से ज्यादा मौतें, अमेरिका में मृतकों की संख्या 75 हजार के पार

कोरोना वायरस से दुनिया भर में अब तक 2 लाख 67 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं 38 लाख से अधिक संक्रमण के मामले भी हो गए हैं। अमेरिका में यह महामारी जमकर  तबाही मचा रही है। यहां अब मरने वालों की संख्या 75 हज़ार के पार पहुंच गई है। वहीं ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण से और 539 लोगों की मौत हुई है जिसके बाद ब्रिटेन में मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 30,615 हो गई है। जबकि फ़्रांस के प्रधानमंत्री एदुआर्द फ़िलिपे ने कहा है कि फ़्रांस में 11 मई से लॉकडाउन धीरे-धीरे ख़त्म किया जाएगा।

अमेरिका और ब्रिटेन में मरने वालों की संख्या बढ़ी

अमेरिका में कोरोना संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या 75 हज़ार पार कर गई है। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के आँकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में कोरोना के कारण सबसे ज़्यादा मौत अमेरिका में हुई है जहां 75,447 लोगों की जान गई है। अमेरिका में एक दिन में मरने वालों की संख्या लगभग दो हज़ार बढ़ी है। इसके बाद ब्रिटेन दूसरे स्थान पर है जहां, 30,689 लोगों की मौत हुई है। ब्रिटेन में कोविड-19 के कारण एक दिन में 539 और लोगों की मौत हुई है। इस बीच ब्रितानी विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने सरकार की तरफ़ से जारी किए जाने वाले कोरोना ब्रीफिंग के दौरान बताया कि ब्रिटेन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 30,615 हो गई है। उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को नज़रअंदाज किए जाने पर चेतावनी देते हुए कहा कि अगर लोग इसका पालन नहीं करेंगे तो कोरोना वायरस समय के साथ और फैलेगा।

ट्रंप का हुआ कोरोना टेस्ट

एक सहायक के कोरोना टेस्ट पॉज़िटिव आने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप का टेस्ट निगेटिव रहा है। एक प्रवक्ता ने बताया, "व्हॉइट हाउस परिसर में काम करने वाले अमेरिकी सेना के एक अधिकारी के संक्रमित होने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप और उपराष्ट्रपति माइक पेंस का टेस्ट कराया गया था, जो निगेटिव रहा है।" वहीं राष्ट्रपति ट्रंप अब भी इस बात पर ज़ोर दे रहे हैं कि कोरोना वायरस लैब में तैयार किया गया है। क्या कोरोना वायरस वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी से रिलीज़ किया गया है? इस प्रश्न पर ट्रंप ने ओवल ऑफ़िस में अमरीकी पत्रकारों से कहा, "कुछ हुआ तो है।" टेक्सस के गवर्नर से मुलाक़ात के दौरान उन्होंने कहा, "मुमकिन है कि कोई गड़बड़ी के कारण ऐसा हुआ हो। कोई तो बेवकूफ़ रहा होगा।" इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने दावा किया था कि उन्होंने ऐसे 'बहुत सारे सबूत' देखे हैं जिससे पता चलता है कि वायरस लैब में तैयार किया गया था।

फ्रांस में मरने वालों की संख्या में कमी

फ्रांस में कोरोना के कारण मरने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है। वहां कोविड-19 के कारण 178 लोगों की मौत हुई है। पिछले दिन की तुलना में ये संख्या कम बताई जा रही है। मार्च के आख़िरी सप्ताह के बाद से फ्रांस में ऐसा पहली बार हुआ है कि इंटेसिव केयर यूनिट्स में रखे गए मरीज़ों की संख्या 3000 से कम है। फ्रांस ने निर्णय लिया है कि वो कम से कम 15 जून तक अपनी सीमाएं बंद रखेगा।

यूरोप में हर रोज़ हो रही हैं मौतों की दर में कमी

यूरोप में हर रोज हो रही मौतों की दर में कमी आ रही है। फ्रांस में बुधवार को 278 मौतें हुई थीं। गुरुवार को यहां मरने वालों की संख्या 178 थी। इटली में भी कोविड 19 से मरने वालों की संख्या में कमी आयी है। बुधवार को इटली में 274 मौतें हुई थीं, गुरुवार को यह आंकड़ा कुछ कम रहा। स्पेन में बुधवार को 244 लोगों के मरने की पुष्टि हुई थी। जबकि गुरुवार को यह संख्या 213 थी। यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में से पोलैंड में मृत्यु दर किसी भी दूसरे देश से कम है। देश में बीते 24 घंटे में 324 नए मामलों की पुष्टि की गई. जबकि 22 लोगों के मौत हो गई।

यदि सुरक्षा उपाय नाकाम हुए तो कोरोना वायरस से अफ्रीका में हो सकती हैं 190,000 अधिक मौतें

विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अध्ययन में कहा गया है कि अगर अफ्रीका में रोकथाम के उपाय नाकाम हो जाते हैं तो कोविड 19 महामारी के पहले साल में अफ्रीका में 190,000 लोगों की मौत हो सकती है। यह अनुमान प्रीडिक्शन मॉडल और अफ्रीका के 47 देशों में विश्लेषण के आधार पर तैयार किया गया है। अध्ययन में पाया गया है कि अगर अल्जीरिया, दक्षिण अफ्रीका और कैमरून में रोकथाम के उपायों पर ध्यान नहीं दिया जाता तो यहां ख़तरा सबसे ज्यादा होता। डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी थी कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आने वाले दिन चुनौती भरे होंगे क्योंकि भारी संख्या में लोग अस्पताल पहुंचेंगे। अध्ययन में सलाह दी गई है कि अस्पतालों को अपनी क्षमता बढ़ानी चाहिए। मार्च 2020 में किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई थी कि अफ्रीका क्षेत्र में औसतन दस लाख लोगों पर केवल नौ आईसीयू वॉर्ड हैं।


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