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जापान के कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में आपातकाल का प्रस्ताव, फ्रांस में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे भीषण मंदी

जापान ने उन सभी क्षेत्रों में आपातकाल लागू करने का प्रस्ताव रखा है जिन क्षेत्रों में कोरोना वायरस के...
जापान के कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में आपातकाल का प्रस्ताव, फ्रांस में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे भीषण मंदी

जापान ने उन सभी क्षेत्रों में आपातकाल लागू करने का प्रस्ताव रखा है जिन क्षेत्रों में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। साथ ही सोमवार को जापान के प्रधानमंत्री ने कोविड-19 की वजह से प्रभावित हो रही अर्थव्यवस्था  के लिए एक ट्रिलियन डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज की भी घोषणा की है। पीएम शिंजो आबे ने आपातकाल की स्थिति पर कहा कि इसकी आधिकारिक घोषणा मंगलवार को की जाएगी। कोरोनो वायरस के मामलों सबसे ज्यादा राजधानी टोक्यो से आए हैंं। पीएम ने कहा कि वो विशेष रूप से टोक्यो और ओसाका जैसे शहरी क्षेत्रों में नए संक्रमणों की तेजी से वृद्धि पर नजर बनाए हुए हैं।

वहीं, फ्रांस द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है। फ्रांस के वित्त मंत्री ब्रूनो ले मायरे ने चेतावनी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस संकट को लेकर किए गए लॉकडाउन के कारण देश मंदी का सामना कर रहा है।

शहरों को नहीं किया जाएगा बंद

जापान के पीएम शिंजो आबे ने कहा कि आपातकाल घोषित होने के बाद भी शहरों को बंद नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों ने बताया है कि इस तरह के कदम की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस संकट से निपटने के लिए लगभग 108 ट्रिलियन येन मूल्य का प्रोत्साहन पैकेज का दिया गया है जो कुल जीडीपी का 20 प्रतिशत है। रविवार को जापान में कोरोना के 148 नए मामले सामने आए जबकि सोमवार को कुल 83 नए मामलों की पुष्टि हुई।

कोविड-19 के 4,000 से ज्यादा मामले

बता दें, जापान में अब तक 4,000 से ज्यादा मामले कोविड-19 के सामने आ चुके हैं जबकि 97 से ज्याद लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, अमेरिका में अब तक 3,30,000 से ज्यादा संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं। जबकि 9 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैंं। इटली में भी अब तक 13 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी है।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे ज्यादा मंदी

फ्रांस ने कहा कि देश की जीडीपी ग्रोथ 1945 के बाद साल 2009 में -2.2 फीसदी थी। लेकिन इस साल ग्रोथ रेट -2.2 फीसदी से भी कम होगी। हालांकि, इस संकट से कंपनियों को निकालने के लिए फ्रांस सरकार ने अपनी गारंटी वाले 45 बिलियन यूरो (49 बिलियन अमरीकी डॉलर) का कर्ज देने का वादा किया है।

 

 

 

 

 

  

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