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ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ करें ये उपाय, डब्ल्यूएचओ ने कही ये अहम बातें

पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों का कहना है कि कुछ देशों द्वारा अपनाई...
ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ करें ये उपाय, डब्ल्यूएचओ ने कही ये अहम बातें

पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों का कहना है कि कुछ देशों द्वारा अपनाई गई सीमाबंदी से ओमिक्रॉन वेरिएंट से निपटने में समय लग सकता है, लेकिन डेल्टा वेरिएंट से निपटने के लिए किए गए उपाय और उनसे प्राप्त अनुभव महामारी से लड़ने के लिए नींव बनी रहनी चाहिए।

पश्चिमी प्रशांत के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ ताकेशी कसाई ने शुक्रवार को मनीला, फिलीपींस से प्रसारित एक वर्चुअल समाचार सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, "कुछ क्षेत्रीय देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन कई अन्य देशों में मौतों में कमी आई है और ग्राफ लगातार नीचे भी गिर रहा है।"

कसाई ने कहा, "सीमा नियंत्रण से वायरस को फैलने में देरी हो सकती है। लेकिन हर देश और हर समुदाय को कोविड मामलों में नए उछाल के लिए तैयार रहना चाहिए। इन सब में सकारात्मक खबर यह है कि वर्तमान में हमारे पास ओमिक्रॉन के बारे में कोई भी जानकारी यह नहीं बताती है कि हमें अपनी प्रतिक्रिया की दिशा बदलने की जरूरत है।"

नए वेरिएंट के बारे में बहुत कुछ अज्ञात है, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या यह अधिक संक्रामक है, जैसा कि कुछ स्वास्थ्य अधिकारियों को संदेह है, या यदि यह लोगों को अधिक गंभीर रूप से बीमार बनाता है, और क्या यह वैक्सीन को विफल कर सकता है।

कसाई ने कहा कि उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) की संख्या के कारण ओमिक्रॉन को वेरिएंट ऑफ कन्सर्न नामित किया गया है और क्योंकि प्रारंभिक जानकारी से पता चलता है कि यह वायरस के अन्य प्रकारों की तुलना में अधिक संचरित हो सकता है। हालांकि, अभी और परीक्षण और अवलोकन की आवश्यकता है।

डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय आपातकालीन निदेशक डॉ बाबतंडे ओलोवोकुरे ने कहा कि अब तक पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के चार देशों और क्षेत्रों - ऑस्ट्रेलिया, हांगकांग, जापान और दक्षिण कोरिया ने ओमिक्रोन वेरिएंट के मामलों की सूचना दी है। उन्होंने कहा कि यह संख्या बढ़ने की संभावना है क्योंकि विश्व स्तर पर और अधिक मामले खोजे जा रहे हैं।

भारत, सिंगापुर और मलेशिया ने भी पिछले 24 घंटों में अपने पहले मामले दर्ज किए हैं।

उन्होंने कहा, "पिछले कुछ वर्षों में हमारे अनुभव जो विशेष रूप से डेल्टा वायरस से जुड़े हैं वो भविष्य के उछाल में,  अधिक टिकाऊ तरीके से दिशानिर्देश प्रदान करता है कि अब हमें अब क्या करना चाहिए।"

उन्होंने ने कहा, "इन तरीकों में पूर्ण टीकाकरण कवरेज, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना और अन्य उपाय शामिल हैं। फिर स्थानीय संदर्भ के जवाब में उन्हें कैलिब्रेट किया जा सकता है।"

उन्होंने कहा कि अब लक्ष्य "यह सुनिश्चित करना है कि हम सही समय पर सही जगह पर सही रोगियों का इलाज कर सकें और आईसीयू बेड, खासकर उनलोगों के लिए जिन्हें इसकी अधिक आवश्यकता हो उपलब्ध हों।"

कसाई ने कहा, पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में महामारी से निपटने में सकारात्मक रुझानों के बावजूद, "हम आत्मसंतुष्ट नहीं हो सकते।" 

उन्होंने कहा, "दुनिया के तमाम हिस्सों में रक्षात्मक उपायों में कमी आई है और वैश्विक स्तर पर, मामले लगातार सात हफ्तों से फिर बढ़ रहे हैं और मौतों की संख्या भी फिर से बढ़ने लगी है, जो बड़े पैमाने पर डेल्टा संस्करण द्वारा संचालित है।"

कसाई ने कहा, "हमें भविष्य में और अधिक उछाल देखकर आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए। जैसा कि ओमिक्रॉन प्रदर्शित करता है कि जब तक संचरण जारी रहता है, तब तक वायरस उत्परिवर्तित (म्युटेट) होना जारी रख सकता है जो हमें सतर्क रहने की आवश्यकता की याद दिलाता है।"

उन्होंने विशेष रूप से छुट्टियों के मौसम में अधिक भीड़ और लोगों की आवाजाही के कारण उछाल की संभावना के बारे में चेतावनी दी।  कसाई ने कहा कि उत्तरी सर्दियों के मौसम में कोविड-19 के साथ इन्फ्लूएंजा जैसे अन्य संक्रामक श्वसन रोग होने की भी संभावना है।

उन्होंने कहा, "यह स्पष्ट है कि यह महामारी खत्म नहीं हुई है और मुझे पता है कि लोग ओमिक्रॉन के बारे में चिंतित हैं, लेकिन आज मेरा संदेश यह है कि हम भविष्य के उछाल से बेहतर तरीके से निपटने और कम करने के लिए इस वायरस को प्रबंधित करने के तरीके से उसके स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक प्रभाव को अनुकूलित कर सकते है।"

डब्ल्यूएचओ के पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में 37 देश और पलाऊ से मंगोलिया तक के क्षेत्र शामिल हैं। 

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